________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होकर बलप्तहित,परीत, 3. हैरानी, व्याकुलता 4. हुल्लड़, हंगामा, हल्ला-गुल्ला / विश्वोक दे० 'बिब्बोक' / मालवि० 1 5. निर्जनीकरण, वह संग्राम जिसमें विभक्त (भू० क० कृ०) [वि+भज् + क्त] 1. बांटा हुआ, लूटपाट खूब हो, शत्रु से भय 6. बलात् लूटपाट विभाजित की हुई संपत्ति आदि) 2. बंटा हुआ, स्वार्थ 7. हानि, विनाश----सत्त्वविप्लवात् - रघु० 8 / 41 की दृष्टि से अलग अलग किया हुआ, 'विभक्ता भ्रातरः' 8. आपदा, आपत्काल अथवा मम भाग्यविप्लवात् में 3. जुदा किया हुआ, अलग किया हुआ, भिन्न -- रघु० 8547 9. दर्पण पर जमी हुई धूल या जंग किया हुआ,-शि० 113 4. विभिन्न, विविध 5. सेवा----अपवजितविप्लवे सूची मतिरादर्श इवाभिदृश्यते निवृत्त, एकान्तवासी 6. नियमित, सममित 7. विभ--कि० 2 / 26, (यहाँ 'विप्लव' का 'प्रमाणबाध' षित (दे० वि पूर्वक भज),--क्तः कार्तिकेय / अर्थात् तर्काभाव भी है) 10. अतिक्रगण, उल्लंघन -कि० विभक्तिः (स्त्री०) वि+भज्+क्तिन 1. बांटना, 1113 11. अनिष्ट, संकट 12. पाप दुष्टता, पापमयता। प्रभाग, विभाजन, बंटवारा 2. पार्थक्य, स्वार्थ में अलविप्लावः [वि+प्लु+घञ्] 1. जलप्लावन, बाढ़ 2. उप गाव 3. हिस्सा, दायभाग 4. (व्या० में) संज्ञा शब्दों द्रव 3. घोड़े को सरपट दौड़ / के साथ लगा कारक या कारक चिह्न।। विप्लत (भू० क. कृ.) [वि+प्ल+क्त| 1. जो इधर | विभंगः [वि+भं +घा] 1. टना, अस्थिभंग 2. ठह उधर वह गया हो 2. डुबा हुआ, निमग्न, बाढ़ग्रस्त, राना, अवरोध, पड़ाव भग० 2126 3. झुकना, किनारों से बाहर होकर बहा हुआ 3. हैरान, परेशान (भौंहों आदि का) सिकोड़ना भूविभंगकुटिलं च 4. विध्वस्त, उजाड़ा, हुआ 5. लप्त. ओझल 6. अप- वीक्षित--रघु० 19 / 17 4. शिकन, झुर्सी 5. पग, सीढ़ी मानित, अनादृत 7. बर्वाद 8. तिरोहित, विरूपित -- रघु० 6 / 3 6. फट पड़ना, प्रकटीकरण- विविध9. दुश्चरित्र, लम्पट, दुराचारी, लुच्चा 10. विपरीत, विकार विभंगम् - गीत० 11 / उलटा 11. मिथ्या, झूठा उत्तर० 4 / 18 / विभवः [वि+भू+अच्] 1. दौलत, धन, सम्पत्ति---अतनुष विप्लष दे० 'विप्र'। विभवेषु ज्ञातयः सन्तु नाम श० 5 / 8, रघु० 8 / 69 विफल (वि.) [विगतं फलं यस्य-प्रा० ब०] 1. फल- 2. ताकत, शक्ति, पराक्रम, बड़प्पन एतावान्मम रहित, अनुपयोगी, व्यर्थ, प्रभावशून्य, अलाभकर-मम मतिविभवः-विक्रम०२, बाग्विभवः मा० 120, विफलमेतदनुरूपमपि यौवनं गीत० 7, जगता वा रघु० 29, कि० 5 / 21 3. उन्नत अवस्था, पद, विफलेन कि फलम् रस०, शि० 9 / 6, कु० 7 / 66, प्रतिष्ठा 4. महत्ता 5. मोक्ष, मुवित / मेघ० 68 2. बेकार, निरर्थक।। विभा [वि+भा--क्विप्] 1. प्रकाश, आभा 2. प्रकाश, विबंधः [वि+बन्ध-घा] 1. कोष्ठ बद्धता 2. रुकावट। किरण 3. सौन्दर्य / सम०.-करः सूर्य,-बत बत लसविबाधा विशिष्टा बाधा-प्रा० स०] पीडा, वेदना, संताप, | तेजःपुंजो विभाति कर:-काव्य० 10 2. मदार मानसिक कष्ट / का पौधा 3. चन्द्रमा, वसुः 1. सूर्य 2. अग्नि रचयिविबुद्ध (भू० क० कृ०] [वि+बुध+क्त] 1. उठाया हुआ, यामि तनुं विभावसौं-कु० 4 / 34, रघु० 3 / 37, जगाया हुआ, जागरूक -श० 2 2. फुलाया हुआ, 10.83, भग०७१९ 3. चन्द्रमा 4. एक प्रकार का हार। मंजरीयुक्त, पूरा खिला हुआ 3. चतुर, कुशल / विभागः [वि+भज् / घन | 1. प्रभाग, विभाजन, अंश विबुधः [विशेषेण बुध्यते --बध+क] 1. बुद्धिमान् या (दायभाग आदि का)-समस्तत्र विभागः स्यात् विद्वान् पुरुष, ऋषि, मुनि-सख्यं साप्तपदीनं भो -मनु० 9 / 120, 210, याज्ञ० 2 / 114 2. दायइत्याहुबिबुधा जनाः - पंच० 2143 2. सुर, देवता, भाग 3. भाग या हिस्सा 4. बांटना, अलग-अलग अभून्नपो बिबधसखः परंतपः भट्रि० 111, गोप्तारं करना, पार्थक्य (न्या० में यह एक गुण माना जाता न निधीनां महयन्ति महेश्वर विबुधाः सुभा० है)-कु० 24, भग० 3 / 29 5. अंश 6 अनुभाग / 3. चाँद / सम० --अधिपतिः, इन्द्रः, ईश्वरः इन्द्र सम-कल्पना हिस्सों का नियत करना-याज्ञ० 2 / 149, का विशेषण, ---द्विष, शत्रः राक्षस --बिक्रम 113 / .... धर्मः दायभाग की विधि, बंटवारे का कानन,-पत्रिका विबुधानः [वि+बुध+शानच्] 1. विद्वान् पुरुष विभाजन की दस्तावेज, भाज् (पुं०) पहले से बंटी 2. अध्यापक। हई सम्पत्ति का हिस्सेदार याज्ञ० 11122 / वियोधः [विबुध् + घञ्] 1. जागरण, जागते रहना विभाजनम् [ वि+भज् णिच् + ल्युट ] बंटवारा, वित 2. प्रत्यक्षज्ञान, खोजना 3. इद्धि, प्रतिभा 4. जाग / रण करना। जाना, सचेत होना, अलं० में 33 या 34 व्यभिचारी विभाज्य (वि.) [वि+भज--- ण्यत् ] 1. अंशों में भावों में से एक,---निद्रानाशोत्तरं जायमानो बोधो विभक्त किये जाने के योग्य, बांटे जाने के योग्य विबोधः-रस०। 2. विभाजनीय / MARATHI For Private and Personal Use Only