________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 937 ) विधवा [ विगतो धवो यस्याः सा | रांड, बेवा * सा नारी। ढंग पंच० 11376 3. नियम, समादेश, कोई विधि विधवा जाता गृहे रोदिति तत्पतिः सुभा०। सम०, जो सबसे किसी बात को लागू करती है (यह 'विधि' -आवेदनम् बेवा स्त्री से विवाह करना, गामिन् / शब्द नियम और परिसंख्या से भिन्न है) विधिरत्यंजो विधवा स्त्री से सहवास करता है। तमप्राप्तौ. वेद विधि या नियम, अध्यादेश, निषेध, विधव्यम् [ वि++ ण्यत् ] थरथराहट, विक्षोभ / कानून, वेदाज्ञा, धार्मिक समादेश (विप० 'अर्धवाद' विधस् (पुं०) सर्व सृष्टि का उत्पादक ब्रह्मा। अर्थात् व्याख्यापरक उक्ति जिसमें आख्यान और विधा[वि+घा+विवप ] 1. ढंग, रीति, रूप 2. प्रकार, दृष्टान्तों का चित्रण हो दे० अर्थवाद) - श्रद्धा वित्तं किस्म 3. समृद्धि, सम्पन्नता 4. हाथी घोड़ों का चारा, विधिश्चेति त्रितयं तत्समागतम् श० 7 / 29, रघु० खाद्य पदार्थ 5. छेद करना 6. किराया, मजदूरी। 2 / 16 5. कोई धार्मिक कृत्य या संस्कार, धार्मिक विधातृ (पुं०) [विघा+तृच ] 1. निर्माता, स्रष्टा रस्म, संस्कार–स चेत् स्वयं कर्मसु धर्मचारिणां -कु० 7 / 36 2. स्रष्टा, ब्रह्मा-विधाता भद्रं नो त्वमंतरायो भवसि च्युतो विधि:--रघु० 3 / 45, वितरतु मनोज्ञाय विधये-मा० 617, रघु० 1135, 1234 6. व्यवहार, आचरण 7. दशा विक्रम 4 6 / 11, 7135 3. अनुदाता, दाता, प्रदाता—कु० 8. रचना, बनावट सामग्र्यविौं - कु० 3 / 28, 1157 4. भाग्य, दैव-हि. 1140 5. विश्वकर्मा कल्याणी विधिष विचित्रता विधातुः कि० 77 6. कामदेव 7. मदिरा। सम० आयुस् (पुं०) 9. सुष्टा 19. भाग्य, देव, किस्मत विधी वामारंभे 1. सूर्य की चमक, धूप 2. सूरजमुखी फूल,-भूः मम समुचितैषा परिणतिः मा० 4 / 4 11. हाथियों नारद का विशेषण। का खाद्य पदार्थ 12. काल 13. डाक्टर, वैद्य 14. विधानम् [ वि+धा+ ल्युट् ] 1. क्रम से रखना, व्यवस्था विष्णु / सम० श (वि०) कर्मकाण्ड का ज्ञाता करना 2. अनुष्ठान, निर्माण, करण,-कार्यान्वयननेपथ्य (जः) कर्मकाण्ड में निष्णात ब्राह्मण, कर्मकाण्डी, विधानम् श० 1, आज्ञा यज्ञ आदि 3. सष्टि, - दृष्ट, विहित (वि.) नियत, विहित, वैषम् रचना -रघु०६।११, 7 / 14, कु० 766 4. नियो निययों को विविधता, विधि या समादेश की विभिजन, उपयोग, प्रयोग प्रतिकारविधानम् रघु० न्नता, पूर्वकम् (अव्य०) नियमानुकूल, प्रयोगः 8 / 40 5. नियत करना, विहित करना, आदेश देना नियम का व्यवहार, योगः भाग्य का बल या प्रभाव, 6. नियम, उपदेश, अध्यादेश, धार्मिक नियम या वधुः (स्त्री०) सरस्वती का विशेषण, हीम विधि, निषेध-मनु० 9 / 148, भग० 16124, (वि.) नियम शून्य, अनधिकृत, अनियमित / 17 // 24 7. ढंग, रीति. 8. साधन या तरकीब | विधित्सा [वि+या+सन्+अ+टाप् ] 1. सम्पन्न 9. हाथियों का आहार (जो उन्हें मदोन्मत्त करने के __ करने को इच्छा 2. आयोजन, प्रयोजन, इच्छा। लिए दिया जाता है) विधानसंपादितदानशोभितैः / विधित्सित (वि.) [ वि+घा-सन्-+क्त किये जाने ---का० (यहाँ 'विधान' का अर्थ 'नियम' भी है) | के लिये अभिप्रेत, तम इरादा, अभिप्राय, आयोशि० 5 / 51 10. धन दौलत 11. पीड़ा, वेदना, जन / सन्ताप, दुःख 12. शत्रुता का कार्य / सम० गः, -ज्ञः | विधुः [ व्य+कु] 1. चन्द्रमा, सविता विधवति बुद्धिमान् या विद्वान् पुरुष,-युक्त (वि.) वेदविधि विधुरपि सवितरति दिनंति यामिन्यः काव्य० 10 के अनुरूप, या अनुकूल / 2. कपूर 3 पिशाच, दानव 4. प्रायश्चित्तपरक आहुति विधानकम् [ विधान-कन् ] दुःख, कष्ट, पीड़ा / 5. विष्णु का नाम 6. ब्रह्मा / सम० - क्षयः चन्द्रमा विधायक (वि.) (स्त्री०-यिका) [ विधा+बुल ] की कलाओं का ह्रास, कृष्ण पक्ष का समय, पंजरः 1. क्रमबद्ध करने वाला, व्यवस्थित करने वाला (पिंजरः भी) खङ्ग, कटार, प्रिया रोहिणी 2. बनाने वाला, निर्माण करने वाला, सम्पन्न करने नक्षत्र / वाला, कार्यान्वित करने वाला 3. रचना करने वाला 4. व्यवस्थित करने वाला, विहित करने वाला, | विधुतिः (स्त्री० [वि+धुक्तिन | हिलना, संक्षोभ, निर्धारित करने वाला 5. अर्पण करने वाला, सोंपने | थरथराहट वैनायक्यश्चिरं वो वदनविधुतयः पातु वाला, (किसी की देख रेख में) हवाले करने वाला। चीत्कारवत्यः मा० 111 / विधिः / वि- घा+कि ] 1. करना, अनुष्ठान, अभ्यास विधुननम् / वि+धू+णिच् + ल्यट, नट, पृषो० ह्रस्व: ] कृत्य, कर्म - ब्रह्मध्यानाभ्यसनविधिना योगनिद्रां गतस्य 1. हिलना, झूमना, विक्षुब्ध होना 2. कंपकंपी, थर----भर्तृ० 3 / 41, योगविधि -रघु० 8 / 22, लेखा- थराहट / विधि-मा० 1135 2. प्रणाली, रीति, पद्धति, साधन, ! विधुन्तुवः [ विवू तुदति पीडयति--विधु+-तुद्+खश्, 118 For Private and Personal Use Only