________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हआ, विस्तृत किया हुआ, बिछाया हुआ 2. आयत, 3 / 50 3. गद्दी 4. संग्रह, परिमाण, समवाय--कि० विशाल, विस्तीर्ण 3. सम्पन्न, निष्पन्न, कार्यान्वित 17461, मा० 6 / 5 5. यज्ञ, आहुति—वितानेष्वप्येवं -विततयज्ञः श० 7.34 4. ढका हुआ 5: प्रसृत तव मम च सोमे बिधिरभूत---वेणी०६।३०, 3 / 16, -दे० वि पूर्वक तन्,--तम् कोई भी ऐसा उपकरण शि० 14 / 10 6. यज्ञ की वेदी 7. ऋतु, मौसम, -- नम् जिसमें तार लगे हों वीणा आदि / सम * धन्वन अवकाश, विश्राम। (वि.) जिसने अपने धनुष को पूरी तरह तान वितानकः, -कम् [वितान+कन्] 1. प्रसार 2. ढेर, लिया है। परिणाम, संग्रह राशि शि० 316 3. शामियाना, विततिः (स्त्री०) [वि+तन् -क्तिन्] 1. विस्तार, प्रसार चंदोवा 4. माड नामक वृक्ष / / 2. परिमाण, संग्रह, गुल्म, झुण्ड 3. रेखा, पंक्ति-मा० वितीर्ण (भू० क० कृ०) [वि+त+क्त] 1. पार किया 9 / 47 / हुआ, पास से गुजरा हुआ 2. दिया हुआ, अर्पित, वितथ (वि.) [वि+तन्+क्थन्] 1. झूठ, मिथ्या-आज प्रदत्त - शि० 7 / 67, 1765 3. नीचे गया हुआ, न्मनो न भवता वितथं विलोक्तम् - वेणी 3 / 13, अवतरित रघु० 6177 4. ढोया गया 5. दमन किया 5 / 41, रघु० 98 2. व्यर्थ, निरर्थक-यथा 'वितथ- गया, जीत लिया गया (दे० वि पूर्वक त)। प्रयत्न' में। वितुम्नम् [वि०+तुद्+क्त] 1. 'सुनिषण्णक' नामक शाक, वितश्य (वि.) [वितथ-+ यत् मिथ्या, दे० ऊपर / सुसना 2. शैवाल नाम का पौधा, सेवार / वितः (स्त्री०) [वि+तन्+रु, दुट्] पंजाब की एक | वितनकम [वितन्न+कन। 1. धनिया 2. तृतिया, कः नदी का नाम, वितस्ता या झेलम नदी। तामलको नामक पौधा। वितंतुः (पुं०) अच्छा घोड़ा स्त्री० विधवा / वितुष्ट (भू० क० कृ०) [वि+तुष्+क्त] असन्तुष्ट, वितरणम् [वि+तु-+ल्युट्] 1. पार जाना 2. उपहार, दान अप्रसन्न, सन्तोष से शून्य / ___3. छोड़ देना, त्याग करना, तिलांजलि देना / वितृष्ण (वि.) [विगता तृष्णा यस्य प्रा० ब०] इच्छा से वितर्कः [वि+तर्क / अच्[ 1. युक्ति, दलील, अनुमान मुक्त, सन्तुष्ट / 2. अन्दाज अटकल, कल्पना, विश्वास -- शिरीषपुष्पा- | वित्त / चुरा० उभ० वित्तयति-ते, कुछ के मतानुसार धिकसौकुमायाँ बाह तदीयाविति मे वितर्कः--कु० | वित्तापयति-ते भी) पुरस्कार देना, दान देना। 1141 3. उद्भावन, चिन्तन ---भर्त०३।४५ 4. सन्देह, / | वित्त (भू० क० कृ०) [विद् लाभे+क्त] 1. पाया, खोजा कि० 4.5, 1312 5. विचारविनिमय, विचारविमर्श / 2. लब्ध, अवाप्त 3. परीक्षित, अनुसंहित 4. विख्यात, वितर्कणम् [वि-+-तर्क + ल्युट] 1. तर्क करना 2. अटकल प्रसिद्ध, - त्तम् 1. धन दौलत जायदाद, संपत्ति, द्रव्य करना, अन्दाज लगाना 3. सन्देह 4. तर्क वितर्क। 2. शक्ति। सम०-आगमः,-उपार्जनम् धन का विदिः,---विदिका, (स्त्री० [वि+तर्द +इन्, अधिग्रहण, ईशः कुबेर का विशेषण, भग० 10123, वितदि--डीप, विदि+कन+टाप] 1. आंगन में | मनु ७।४,-दः दानी, दाता, मात्रा संपत्ति / / बना हुआ चौकोर चबूतरा 2. छज्जा, बरामदा। वित्तवत् (वि.) [वित्त+मतुप्] धनवान्, दौलतमंद / विर्ताद्धः,-, विद्धिका (स्त्री०) दे० विदि आदि / विति (स्त्री० [विद-क्तिन] 1. ज्ञान 2. निर्णय, वितलम् [विशेषेण तलम्-प्रा०स०] पृथ्वी के नीचे स्थित विवेचन, चिन्तन 3. लाभ, अधिग्रहण 4. संभावना / सात तलों में से दूसरा--दे० पाताल या लोक / वित्रासः [ वित्रस्+घञ्] भय, खटका, त्रास या डर / वितस्ता (स्त्री०) पंजाब की एक नदी जिसको यनानी वित्सनः [क्दि+क्विय, सन्+अच] बैल, साँड / Hydispes कहते हैं तथा जो आजकल 'झेलम' या विथ (म्वा० आ० वेयते) प्रार्थना करना, निवेदन करना। 'वितस्ता' के नाम से विख्यात है। विथरः [व्यथ--उरच, संप्रसारणं च] 1. राक्षस 2. चोर / वितस्तिः [वि+तस्+ति बारह अंगुल की लम्बाई की। विद (अदा० पर० वेत्ति या वेद, विदित, इच्छा० विवि माप (हाथ को पूरा फैला कर अंगूठे से कन्नो अंगुली दिषति) 1. जानना, समझना, सीखना, मालूम करना, तक की दूरी)। निश्चय करना, खोजना --अवैल्लवणतोयस्य स्थिता वितान (वि.) [वि-तन्---घ] 1 खाली, रीता 2. सार- दक्षिणतः कथम् -भट्टि० 8 / 106, तं मोहांधः कथमय 3. हतोत्साह, उदास-रघु० 4186 4. बुद्ध, जड ममुं वेत्तु देवं पुराणम् -- वेणी० 1123, 3 / 39, श० 5. दुष्ट, परित्यक्त - नः, नम् 1. फैलाना, प्रसार 5 / 27, भग० 435, 18 / 1 2. महसूस करना, करना, विस्तार करना-शि० 11128 2. शामियाना, अनुभव करना - मुद्रा० 3 / 4 3. मुंह ताकना, सम्मान चंदोवा....विद्युल्लेखाकनकरुचिरश्रीवितानं ममाभ्रम - करना, मानना, जाना, समझना विद्धि व्याधिव्याल विक्रम० 4 / 13, रघु० 19 // 39, कि० 3342, शि० / प्रस्तं लोकं शोकहतं च समस्तम्- मोह. 5, भग For Private and Personal Use Only