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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 932 ) विज्ञापनम्,-ना [वि+जा+णि+ल्युट्, पुकागमः ] | विटपिन् (पुं०) [विटप +-इनि] 1. वृक्ष परितो दृष्टाश्च 1. शिष्ट उक्ति या संवाद, प्रार्थना, अनुरोघ-काल- विटपिनः सर्वे - भामि० श२१, 29 2. वटवृक्ष, प्रयुक्ता खलु कार्यविद्धिविज्ञापना भर्तृषु सिद्धिमेति ! गूलर | सम-मृगः बन्दर, लंगूर।। -कु. 7.93, रघु० 17 / 40 2. सूचना, वर्णन | विट्ट () लः (पुं०) विष्णु या कृष्ण का रूप (बंबई 3. शिक्षण। प्रान्त में स्थित पंढरपुर में इस रूप की पूजा विज्ञापित (भू. क. कृ०) [वि+ज्ञा+णिच्+क्त, __ होती है)। पुकागमः] 1. शिष्टतापूर्वक कहा हुआ या संवाद दिया विठङ्क (वि.) बुरा, दुष्ट, अधम, नीच / हुआ 2. प्राथित 3. संसूचित 4. शिक्षित / विठरः (पुं०) बृहस्पति का नाम / विज्ञाप्तिः [विज्ञा+णि+क्तिन्, पुकागमः ] दे० विड़ (भ्वा० पर० वेडति) 1. अभिशाप देना, दुर्वचन विज्ञप्ति। कहना, बुरा भला कहना 2. जोर से चिल्लाना। विज्ञाप्यम् [वि+ज्ञा+णिच्+यत्, पुकागमः ] प्रार्थना | विडम् [विड्+क] एक प्रकार का कृत्रिम नमक। -उत्तर० 1 / विडंगः,-गम् [विड्+अंगच] एक प्रकार का शाक, विज्वर (वि.) [ विगतो ज्वरो यस्य-ब० स०] ज्वर से | बायबिडंग (कृमिनाशक, औषधि के रूप में बहुधा मुक्त, चिन्ता या दुःख से मुक्त / प्रयुक्त)। विजामरम् (नपुं०) आँखों की सफेदी, नेत्रों का श्वेत / विडम्बः [विडम्ब+अप्] 1. नकल 2. दुःखी करना, तंग भाग। करना, कष्ट देना। बिजोलि.,-लो (स्त्री०) [विज+उल, पृषो० साधुः] विडम्बनम,-- ना [विडंब+ ल्युट 1. नकल 2. छपवेश, रेखा, पंक्ति। छलमुद्रा 3. धोखेबाजी, जालसाजी 4. क्लेश, संताप बिट (म्वा० पर० वेटति) 1. ध्यान करना 2. अभिशाप 5. पीडित करना, दुःख देना 6. निराश करना 7. देना, दुर्वचन कहना। मजाक, उपहास, परिहासविषय- इयं च तेऽन्या विटः [विट+क] 1. जार, यार, उपपति-मा० 858, | पुरतो विडंबना-कु०५।७०, असति त्वयि बारुणीमदः शि० 4 / 48 2. लंपट, कामुक 3. (नाटकों में) प्रमदानामधुना विडंबना-४११२ / किसी राजा या दुश्चरित्र' युवक का साथी, किसी विडंबित (भू० क० कृ०) विडंब्+क्त] 1. अनुकरण ऐसी वेश्या का साथी, जिसको गायन, संगीत तथा किया गया, नकल किया गया, परिहास किया गया, कविता निर्माण की कला में कुशलता प्राप्त हो, मजाक बनाया गया 3. ठगा गया 4. क्लेश पहुंचाया नायक पर आश्रित परान्नभोजी जो विदूषक का कार्य गया, संतप्त किया गया 5. हताश गिया गया 6. करे-दे० मुच्छ० अंक -1, 5 ब 8) परिभाषा के नीच, कमीना, दीन / लिए दे० सा० द० 78 4. धूर्त, ठग 5. गांडू, इल्लती | विडारकः [विडाल-कन्, लस्य रः] विलाव / 6. चूहा 7. खैर या खदिर का पेड़ 8. नारंगी का | विडालः, विडालकः (पुं०) दे० बिडाल, बिडालक / पेड़ 9. पल्लवयुक्त शाखा / सम० --माक्षिकम् एक | बिडीनम [वि+डी+क्त] पक्षियों की एक उड़ानविशेष / प्रकार का खनिजपदार्थ, सोनामाखी, -- लवणम् रोग- दे० डीन। नाशक नमक। | विलः [विड्+कुलन्] एक प्रकार की बेत / विटाविशेषेण टंक्यते बध्यते इति-वि+टंक+घञ्] विरजम् [विज्र-+जन्+ड] वैदूर्य, नीलम / 1. चिड़िया-धर, कबूतर का दरबा 2. सबसे ऊंचा विडो (डौ) जस् (0) [विट् व्यापकम् ओजो यस्य सिरा, कलश य किंगूरा, ऊंचाई-अयमेव महीधर ___-ब० स०] इन्द्र का नाम, दे० 'बिडोजस'। विटंक:-मा० 10, विक्रम० 5 / 77 / वितंसः [वि+तंस्+घञ्] 1. पक्षियों का पिंजरा विटड्का [विटंक+कन्] दे० विटंक / 2. रस्सी, शृंखला, जाल या जंजीर आदि जिनसे विटान्त (वि.) [वि+टंक+क्त चिहित, मुद्रांकित / | बनैले पशु-पक्षी कैद किये जाय / विटपः [विटं विस्तारं वा पाति पिबति-पा+क] 1. | वितंडः [वि+तंड्+अच्] 1. हाथी 2. एक प्रकार का शाखा, (लता या वृक्ष की) टहनी - कोमलविटपानु- ताला या चटखनी। कारिणी बाहू - श० श२१, 31, यदनेन तरुन पातितः वितंडा [वितंड+टाप] 1. सदोष आक्षेप, निराधार छिद्राक्षपिता तटिपाश्रिता लता-रघु० 847, शि. न्वेषण, ओछा तर्क, निरर्थक तर्कवितर्क --~स (जल्पः) 4 / 48, कु० 6 / 41 2. झाड़ी 3. नया अंकुर या | प्रतिपक्षस्थापनाहीनो वितंडा---गौत० 2. तूतू-मैंमें, किसलय --शि० 7.53 4. गुल्म, झुण्ड, झुरमुट दोषपूर्ण आलोचना 3. चम्मच, युवा 4. गुग्गुल, धूप / 5. विस्तार 6. अंडकोष पटल / / वितत (भू० क० कृ०) [वि+तन्+क्त] 1. फैलाया For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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