________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4. बच्चों जैसी भाषा। सम०--अनुप्रासः अनुप्रास अत्यधिक लाडप्यार-लालने बहवो दोषास्ताडने बहवो अलंकार के पाँच भेदों में से एक, शब्द या शब्दों की गुणा: दे० लल। पूनरावृत्ति उसी अर्थ में परन्तु भिन्न प्रयोग के साथ, | लालस (वि०) [लस्-+-यङ्, लुक द्वित्वम्, अच् ] मम्मट ने उसका सोदाहरण निरूपण किया है: 1. अत्यंत लालायित, बहुत इच्छुक, आतुर...प्रणाम-शब्दस्तु लाटानुप्रासो भेदे तात्पर्यमात्रतः --उदा० लालसाः - का० 14, ईशानसंदर्शनलालसानां - कु. वदनं वरवणिन्यास्तस्याः, सत्यं सुधाकरः सुधाकरः क्व 7 / 56, शि० 4 / 6 2. आनन्द लेने वाला, भक्त, अनुन पुनः कलकविकलो भवेत-या-यस्य न सविधे. रागी, लीन-बिलासलालसम्—गीत० 1, शोक, दयिता दवदहनस्तुहिनदीधितिस्तस्य, यस्य च सविधे मगया आदि। दयिता दवदहनस्तुहिनदीधितिस्तस्य --काव्य०९।। लालसा [लस् स्पृहायां यङ् लुक् भावे अ] 1. प्रबल इच्छा लाटक (वि.) (स्त्री०—टिका) [लाट+बुन] लाट देश उत्कण्ठा, बड़ी अभिलाषा, उत्सुकता 2. याचना, से संबद्ध। निवेदन, अभ्यर्थना 3. खेद, शोक 4. दोहद, गर्भिणी लाटिका, लाटी [लट्+ण्वुल+टाप, इत्वम्, लाट-+-अच् स्त्री की इच्छा। +ङीष् ] रचना, की एक विशेषशैली-दे० सा० द० | लालसीकम् (नपुं०) चटनी। , 629 2. एक प्राकृतिक बोली का नाम-दे० लाला [लल--णिच्+अच्-+-टाप् ] लार, थूक भर्तृ० काव्या० 1135 / 2 / 9 / सम०-सवः मक्कड़ -स्रायः 1. लार बहाना लाडू (चुरा० उभ० लाडयति ते) 1. लाडप्यार करना, 2. मक्कड़। पुचकारना, दुलारना 2. कलङ्कित करना, निन्दा करना लालाटिक (वि०) (स्त्री०- की) [ललाट प्रभो लं 3. फेंकना, उछालना-तु० 'लड्'। पश्यति ठञ11. मस्तक पर स्थित या मस्तकसंबंधी लाठनी (स्त्री०) कुलटा स्त्री, व्यभिचारिणी। 2. भाग्य से मिलना या भाग्य पर निर्भर रहने वाला लात (भू० क० कृ०) [ला+क्त ] लिया, ग्रहण किया।। ----प्राप्तिस्तु लालाटिकी उद्भट 3. निकम्मा, नीच, लापः [लप्+घञ्] 1. बोलना, बातें करना 2. किल- कमीना, क: 1. सावधान सेवक (शा० जो अपने किलाना, तुतला कर बोलना। स्वामी की मुखमुद्रा से समझ लेता है कि अब क्या लाबः, लाबकः [लू+घञ, पृषो०] एक प्रकार का | क्या करना आवश्यक है) 2. निठल्ला, लापरवाह, लवा पक्षी, बटेर। निरर्थक व्यक्ति 3. एक प्रकार का आलिंगन / लाबः (H) (पुं०) एक प्रकार की लौकी, तूमड़ी। लालाटी [ ललाट---अण्+डीप्] मस्तक, माथा / लाबुकी (स्त्री०) एक प्रकार की सारंगी। लालिकः [लाला+ठन ] भैसा। लाभः [लभ+घञ ] 1. उपलब्धि, प्राप्ति, अवाप्ति, लालित (भू० क० कृ०) [लल+णिच् + क्त ] 1. दुलार अधिग्रहण-शरीरत्यागमात्रेण शद्धिलाभममन्यत-रघु० किया गया, लाडप्यार किया गया, लालन किया गया, 12 / 10, स्त्रीरत्नलाभम्-७।३४, 11 / 92, क्षणमप्य- अत्यंत स्नेह किया गया 2. सत्यपथ से डिगाया गया वतिष्ठते श्वसन यदि जन्तुर्ननु लाभवानसी-रघु० 3. प्रेम किया गया, अभिलषित,-तम् आनन्द, प्रेम, हर्ष / 8.87 2. नफा, मुनाफा फायदा-सुखदुःखे समे कृत्वा | लालितकः | लालित+कन लाडला, दुलारा, प्रिय, स्नेहलाभालाभौ जयाजयो-भग०२।३८, याज्ञ०२।२५९ भाजन / 3. सुखोपभोग 4. लट का माल, विजित प्रदेश | लालित्यम [ललित+ध्यन] 1. प्रियता, लावण्य, सौन्दर्य, 5. प्रत्यक्षज्ञान, जानकारी, संबोध / सम० - कर,-कृत् आकर्षण, माधुर्य, - दण्डिनः पदलालित्यम्---उद्भट (वि.) लाभकारी, फायदेमंद,-लिप्सा लाभ की 2. प्रीति विषयक हाव भाव / इच्छा, लोलुपता, लालच।। लालिन् (पुं०) [लल |-णिच् +-णिनि] बहकानेवाला, लाभकः [लाभ+कन् ] फायदा, मुनाफा / फुसलाने वाला। लामज्जकम् [ला+क्विप, ला आदीयमाना मज्जा सारो लालिनी लालिन्+डीप्] स्वेच्छाचारिणी स्त्री। यस्य ब० स०, कप् ] एक सुगंधयुक्त घास विशेष की लालुका (स्त्री०) एक प्रकार की माला, हार। जड़, खस, वीरणमूल / लाव (वि.) (स्त्री०-वी) [ल कर्तरि घन] 1. काटने लाम्पटपम् [लम्पट-ष्य ] लम्पटता, कामुकता, वाला, लुनाई करने वाला, उखाड़नेवाला-कुशसूचिलाभोगासक्ति। वम्-...रघु०१३।४३ 2. उत्पाटन करने वाला, एकत्र लालनम् [लल+ल्युट ] 1. दुलारना, लाड प्यार करना, करने वाला 3. काट कर गिराने वाला, मारने वाला, पुचकारना-सुतलालनम् - आदि 2. तुष्ट करना, नष्ट करने वाला-भट्टि० ६.८७,--व: 1. काटना आवश्यकता से अधिक स्नेह करना, आत्मरंजन, I 2. लवा नामक पक्षी। For Private and Personal Use Only