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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 859 ) करना, कोलाहल, (पक्षियों का) कूजना, (मक्खियों / .... मुद्रा० 4 / 17 अरुणद् यवनः साकेतं-या-माध्यका) भनभनाना, पक्षि', हंस, कोकिल अलि / मिकान्-महा०, भट्टि० 14129 6. छिपाना, ढकना, सम०---ज्ञः भविष्यवक्ता, नजूमी,—व्याज: 1. कूट- ओझल करना, गुप्त करना 7. अत्याचार करना, कंदन 2. स्वांग। सताना, अत्यन्त कष्ट देना; अनु----, (बहुधा प्रयोग रुख (अदा० पर० रोदिति, रुदित,... इच्छा० रुरुदिषति) ऐसा होता है मानो धातु दिवा० की है) 1. अवेक्षण 1. क्रंदन करना, रोना, विलाप करना, शोक मनाना, करना, अभ्यास करना-मनु० 5 / 63 2. प्रेम करना, आँसू बहाना--निराधारो हा रोदिमि कथय केषामिह अनुरक्त होना...स्वधर्ममनुरुन्धते-कि० 11378, पूरः--गंगा०४, अपि ग्रावा रोदिति अपि दलतिवज्रस्य नानुरोत्स्ये जगल्लक्ष्मी:--भट्रि० 16 / 23 3. आशा हृदयम् --- उत्तर० 1 / 28 2. हह करना, दहाड़ना, मानना, अनुसरण करना, अनुरूप होना-नियति चिल्ली मारना, प्र--, फूट फूट कर रोना / लोक इवानुरुध्यते-कि० 2 / 12, अनुरुध्यस्व चन्द्रवदनम्, रुदितम् [रुद्+ल्युट, क्त वा] रोना, क्रन्दन करना, केतोर्वचनं-उत्तर० 5, मदचनमनुरुध्यते वा भवान् विलाप करना, शोक में रोना-धोना अत्यन्तमासी- --कि० 181 4. स्वीकृति देना, सहमत होना, अनुद्रुदितं वनेऽपि-रघु०१४॥६९, 70, मेघ०८४ / मोदन करना 5. प्रेरित करना, दबाव डालना, अव--, सद्ध (भू० क० कृ०) रुध्+क्त] 1. अवरुद्ध, वाधायुक्त, 1. रोकना, अटकाना-श०२।२ 2. बन्दी बनाना, विरोधी 2. घेरा डाला हुआ, घिरा हुआ, घेरा कैद करना, बन्द करना (कभी-कभी दो कर्मों के साथ) हुआ। -शोक चित्तमवारुधत्--भट्टि०६।९ 3. घेरा डालना, पर (वि०) रोदिति-रुद्+रक भयानक, भयंकर, उप-, 1. अवरुद्ध करना, विघ्न डालना--उपरुध्यते डरावना, भीषण,-द्र: 1. देवसमूह विशेष, (गिनती तपोऽनुष्ठानम् ---. श० 4 2. तंग करना, दु:खी करना, में ग्यारह), ऐसा माना जाता है कि शंकर या शिव कप्ट देना- पौरास्तपोवनमुपरुन्धन्ति श०१ 3. पार के ही यह अपकृष्ट रूप है, शिव स्वयं इस समूह के कर लेना, दबा देना -- रघु० 4183 4. कैद करना, मुखिया हैं रुद्राणां शंकरश्चास्मि-भग० 20123, बन्दी बनाना, नियन्त्रण में रखना 5. छिपाना, ढक रुद्राणामपि मर्धानः क्षतहुंकारशंसिनः कु० 26 लेना, नि---,1. अवरुख करना, रोकना, विरोध करना 2. शिव का नाम। सम.. अक्षः एक प्रकार का बन्द करना-न्यरुधश्चास्य पन्थानम्-भट्टि० 17149 वृक्ष, (क्षम्) इसी वृक्ष के फल के बीज, जिनसे 1620, मच्छ० 1122 2. बन्दी बनाना, कैद करना रुद्राक्षमाला बनाई जाती है-भस्मोद्धलन भद्रमस्तु -मनु० 111176, भग०८।१२ 3. ढकना, छिपाना भवते रुद्राक्षमाले शुभम् - काव्य० १०,-आवास: -मनु० 14116, प्रति--,अवरुद्ध करना, बि-,विरोध 1. रुद्र का निवासस्थल, कैलास पर्वत 2. वाराणसी, करना, अवरोध करना 2. विवाद करना, झगड़ना 3. श्मशान-- तु. पितृसद्मगोचरः / 3. भिन्नमत का होना, सम--- 1. अवरुद्ध करना, रुद्राणी रुद्र+डीप, आनुक | रुद्र की पत्नी, पार्वती का अटकाना, रोकना-स चेत्तु पथि संरुद्धः पशुभिर्वा नामान्तर / रथेन वा--मनु० 8 / 295 2. बाधा डालना, रुकावट रुप (रुधा० उभ० रुणद्धि, रुद्धे, रुद्ध,--इच्छा० रुरुत्सति डालना, रोकना-रघु० 2 / 43 3. दृढ़तापूर्वक थामना, -ते) 1. अवरुद्ध करना, ठहराना, गिरफ्तार करना, शृंखलाबद्ध करना-तृणमिव लघुलक्ष्मीर्नेव तान्संरोकना, विरोध करना, विघ्न डालना, बाधा डालना, रुणद्धि--भर्तृ० 2017 4. अधिकार में करना, बलात् मना करना -- इदं रुणद्धि मां पद्ममन्तःकूजितषट्पदम् अभिग्रहण करना, पकड़ना-मनु० 8 / 235 / / -----विक्रम० 4 / 21, रुद्धालोके नरपतिपथे-मेघ० रुधिरम् [रुघ्न-किरच् ] 1. लहू 2. जाफरान, केसर,....रः 37, 91, प्राणापानगती रुध्वा०-भग० 4 / 29 मंगलग्रह / सम०- अशनः 'खून पीने वाला' राक्षस, 2. थामना, संधारण करना, (गिरने से) बचाना, भूत-प्रेत,-आमयः रक्तश्राव,-पायिन् (पुं०) पिशाच / आशाबन्धः कुसुमसदृशं प्रायशो ह्यङ्गनानां सद्यःपाति रुकः [ रौति रु+कुन् ] एक प्रकार का हरिण- रघु० प्रणयि हृदयं विप्रयोगे रुणद्धि, मेघ० 10 3. बन्द 9 / 51, 72 / करना, ताला लगाना, रोकना, भेड़ना, बन्द कर देना श् (तुदा० पर० रुशति ] चोट पहुँचाना, जान से मार ---अधि० के साथ, परन्तु कभी-कभी दोकर्म० के साथ | --भट्टि०६।३५, बजरुणद्धिगाम्--सिद्धा. 4. वांधना, | शत् (वि.) [रुश्+शत ] चोट पहुँचाने वाला, अरुचिसीमित करना---व्यालं बालमृणालतन्तुभिरसौ रोद्ध कर, (शब्द आदि जो) बुरे लगे। समुज्जम्भते-भर्त० 216 5. घेरा डालना, घेरना, रु / (दिवा० पर० रुष्यति-विरलप्रप्रोग-रुष्यते, रुषित, नाकेबन्दी करना-रुन्धन्तु वारणघटा नगरं मदीया: ! रुष्ट) रूसना, नाराज होना, क्षुब्ध होना-ततोऽरुष्यदन For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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