________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 806 ) 6. प्रदान करना, अर्पण करना 7. प्रसन्न करना, / मुचिरः [ मुञ्च- किरच ] 1. देवता 2. गुण 3. वायु / आनन्दित करना इच्छा० 1. (मुमुक्षति) मुक्त या | मचिलिन्दः एक प्रकार का फूल, तिलपुष्पी। स्वतंत्र करने की इच्छा करना 2. मुमुक्षते,-मोक्षते) | मुचुटी 1. अंगुलियां चटकाना 2. मुक्का। मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा करना / अव --,उतार | मुज् , मुङ्ग् (भ्वा० पर०, चुरा० उभ० भोजति, देना, उड़ा देना आ,-- 1. पहनना, धारण करना, भुजति, भोजयति ते, भुजयति ते) 1. स्वच्छ चारों ओर बांधना या कसना आमुञ्चतीवाभरणं करना, निर्मल करना 2. शब्द करना / द्वितीयम् रघु० 13 / 21, 12 / 86, 18174, कि मुजः [मज+अच् ] एक प्रकार का घास (जिरासे कि 11 / 15, आमुञ्चद्धर्म रत्नाढयम् --भट्टि. 17 / 2 ब्राह्मण की तड़ागी तैयार करनी चाहिए)--मनु०२। 2. डालना, फेंकना, दागना आमोक्ष्यन्ते त्वयि कटा- 43 2. धारापति राजा मुंज का नाम (कहते हैं कि क्षान्–मेघ० 35, उद्,-1. खोलना, रघु० 6 / 28 मज राजा भोज का चाचा था)। सम० केशः 2. ढीला करना, मुक्त करना, स्वतंत्र करना 3. उता- 1. शिव का विशेषण 2. विष्णु का विशेषण, केशिन रना, खींच ले जाना, एक ओर करना, छोड़ना, परि- (पु०) विष्णु का विशेषण, बन्धनम् यज्ञोपवीत पहत्याग करना ---भट्टि०.३।२२ निस्, -1. स्वतंत्र करना, नना अर्थात् तड़ागी धारण करना, अर्थात् उपनयन आजाद करना, मुक्त करना हिमनिर्मक्तयोर्योगे संस्कार, बासस् (पुं०) शिव का विशेषण / चित्रा चन्द्रमसोरिव - रघु० 1246, भग० 7 / 28 | मुजरम् [ मुञ्+अरन् ] कमल की रेशेदार जड़। 2. छोड़ना, खाली कर देना, परित्याग करना, मुट (भ्वा० पर०, चुरा० उभ० मोटति, मोटयति. ते परि-,1. स्वतंत्र करना, छुटकारा देना, मुक्त करना, 1. कुचलना, तोड़ना, पीसना, चूरा करना 2. कलंकित -मेघोपरोधपरिमुक्तशशाङ्कवक्त्रा ऋतु०३७, चौर० करना, बुरा भला कहना (इस अर्थ में धातु तुदा० की 9 2. छोड़ना, खाली कर देना, परित्याग करना भी है)। प्र , 1. स्वतंत्र करना, मुक्त करना, छुटकारा देना, मुण् (तुदा० पर० मुणति) प्रतिज्ञा करना / 2. फेंकना, डालना, उछालना 3. गिराना, उत्सर्जन | मुण्ट / भ्वा० पर० मुण्टति) कुचलना, पीसना। करना, बीज बिखेरना, प्रति ,1, स्वतन्त्र करना, | मुण्ड् i (भ्वा० पर० मुण्डति) 1. क्षौर कर्म करना, मूंडना मुक्त करना, छुटकारा देना, आजाद करना,-गृहीत- 2. कुचलना, पीसना।। (भ्वा० आ० मुण्डते) डूबना। प्रतिमुक्तस्य रघु० 4 / 33, अमुं तुरङ्गं प्रतिमोक्तुम- | मुण्ड (बि.) [ मुण्ड्+ अच् ] 1. मुंडा हुआ 2. कतरा हसि 3646 2. धारण करना, पहनना 3. खाली कर हुआ, छांटा हुआ 3. कुण्डित 4. अधम, नीच, देना छोड़ना, परित्याग करना, 4. फेंकना, डालना, 1. जिसका सिर मुंडा हुआ हो या गंजा हो 2. मुंडा दागना, वि--, 1. स्वतंत्र करना, मुक्त करना 2. छोड़ हुआ या गंजा सिर 3. मस्तक नाई 5. पेड़ का तना देना, एक ओर डाल देना, परित्याग करना, खाली कर जिसकी ऊँची ऊंची शाखाएँ झांग दी गई हो, डा देना--विमुच्य वासांसि गुरूणि सांप्रतम् ऋतु० // किसी विशेष आश्रम की स्त्रीभिक्षुणी,--- उम् 1. सिर 7 3. जाने देना, ढील देना भट्टि. 750 4. अल- 2. लोहा / सम-अयसम् लोहा, फलः नारियल गाना, अलग रखना; कु० 3131 5. गिराना, का पेड़,-मण्डलो ऐसा जनसमूह जिनके सिर मुंडे हुए (आँसू) ढलकाना चिरमणि विमुच्य राघवः हों,-लोहम् लोहा,-शालि: एक प्रकार का चावल / --- रघु० 825 6. फेंकना, डालना, सम्-गिराना, | मुण्डकः [ मुण्ड-कन् ] 1. नाई 2. पेड़ का तना जिसकी भारमुक्त करना। वड़ी बड़ी शाखाएं झांग दी गई हों, ठूठ,---कम् सिर / मुचक: लाख / सम० ---उपनिषद् (स्त्री०) अथर्ववेद की एक उपमुच (च) कुन्दः 1. एक वृक्ष का नाम 2. मांधाता के पूत्र निषद् का नाम / एक प्राचीन राजा का नाम (देवासुर संग्राम में देव- | मुण्डनम् [ मुण्ड् / ल्युट ] सिर मुंडना, मुंडन। ताओं की सहायता के बदले उसे बिना किसी रोक के | मुण्डित (भू० क० कृ०) [मुण्ड्+क्त | 1. मडा हुआ लम्बी नींद का सुख प्राप्त करने का वरदान मिला 2. कतरा हुआ या छांटा हुआ, झांगा हुआ,-तम् था। देवों का आदेश था कि जो कोई उसकी नींद में लोहा। विघ्न डालेगा भस्म हो जायगा। जब कृष्ण ने बल- | मुण्डिन् (पुं०) [ मुण्ड-+-इनि ] 1. नाई 2. शिव का वान् कालयवन को मारना चाहा तो उसे मुचकुंद की | विशेषण / गफा में धकेल दिया। वहाँ प्रविष्ट होते ही मुचकुंद | मुत्यम् मोती। राजा की नेत्राग्नि से कालयवन भस्म हो गया)। | मुद्। (चुरा० उभ० मोदयति- ते) 1. मिलाना, घोटना सम० प्रसादक: कृष्ण का विशेषण / 2. स्वच्छ करना, निर्मल करना। 1 For Private and Personal Use Only