________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 786 ) प्रहरवयम,-नीचः धोबी,-नील (वि.) गहरा नील। (ल:) एक प्रकार का नीलम या पन्ना-शि० 1116, 4 / 44, रघु० 18142, उपलः नीलम,-नत्यः शिव का विशेषण, नेमिः कौवा,-पक्षः 1. गरुड़ का विशेषण 2. एक प्रकार की बत्तख, (..-क्षी) उल्ल,-पंचमलम पांच पेड़ों की जड़ों का योग---बिल्वोग्निमन्थः / श्योनाकः काश्मरी पाटला तथा, सर्वस्तु मिलित रेत: स्यान्महापंचमूलकम्, -- पंञ्चविषम् पाँच घातक विषों का योग-शृंगी च कालकूटश्च मस्तको वत्सनामकः, शंखकर्णीति योगोऽयं महापंचविषाभिषः, .--.-पथ: 1. मुख्य सड़क, प्रधान वीथी, राजमार्ग ---कू० 7.3 2. परलोक अर्थात् मृत्यु का मार्ग 3. कुछ पर्वत के शिखर जहाँ से भक्त लोग स्वर्गपथ प्राप्त करने के लिए अपने आपको फेंका करते थे 4. शिव का एक विशेषण, पयः एक विशिष्ट बड़ी संख्या, (सौ पद्म की संख्या?) 2. नारद का नामान्तर 3. कुबेर की नौ निधियों में से एक (पम्) 1. श्वेत कमल 2. एक नगर का नाम, पतिः नारद का नामान्तर,-परालः देर में, दोपहर बाद, --पातकम् बहुत बड़ा पाप, जघन्य अपराध -ब्रह्महत्या सुरापानं स्तेयं गर्वगनागमः, महान्ति पातकान्याहस्तत्संसर्गश्च पंचमम् ---- मनु० 11154 2. कोई बड़ा पाप, या अतिक्रमण, - पात्रः प्रधान मंत्री, -पावः शिव का विशेषण, . पाप्मन् (वि०) अत्यंत पापपूर्ण या दुर्वत्त.पुंसः महान् पुरुष ...पुरुषः 1. बड़ा आदमी, एक प्रमुख या पूज्य व्यकिा -शब्दं महापुरुषसंविहितं निशम्य उत्तर० 67 2. परमात्मा 3. विष्णु का विशेषण,-पुष्पः एक प्रकार का कीड़ा, पूजा बड़ी पूजा, असाधारण अवसरों पर अनुष्ठित गहन पूजा,- पृष्ठः एक ऊँट, - प्रपंचः विश्व का विराटरूप, ...प्रभ (वि०) बड़ी भारी कान्ति वाला ( भः) दीपक का प्रकाश,-प्रभुः 1. परमेश्वर 2. राजा महाप्रभु 3. मुख्य 4. इन्द्र का विशेषण 5. शिव का विशेषण 6. विष्णु का विशेषण,-----प्रलयः 'महाविघटन' ब्रह्मा की जीवन समाप्ति पर विश्व का पूर्ण विनाश जब कि अपने अधिवासियों सहित समस्त लोक, देव, सन्त, ऋषि आदि स्वयं ब्रह्मा समेत सभी विनाश को प्राप्त हो जाते हैं ,-प्रसावः 1. एक बड़ा अनुग्रह 2. (भगवान् की मूर्ति पर लगाया हुआ भोग) एक बड़ा उपहार,-प्रस्थानम् इस जीवन से बिदा लेना, मत्यु ऊँचा श्वास, या. इवासाधिक ध्यानि जो ऊष्म वर्णों के उच्चारण में की जाती है 2. श्वासातिरेक से युक्त वर्ण-अर्थात् ख् घ् छ् झ् ढ् थ् ध् फ् भ् श् ष् स् ह. 3. पहाड़ी कौवा,-प्लवः भारी बाढ़, जलप्लावन,-फल (वि.) बहुत फल देने वाला (ला), 1. कड़वी लौकी 2. एक प्रकार की बी, (लम्) बड़ा / फल या पुरस्कार,--बल बहुत मजबूत (ल:) हवा (लम) सीसा ईश्वरः वर्तमान महाबलेश्बर के निकट स्थापित शिव का लिंग,-बाह (वि.) लंबी भुजाओं वाला, शक्तिशाली (हः) विष्णु का विशेषण,-बि (वि) लम-1. अन्तरिक्ष 2. हृदय 3. जलकलश, घड़ा 4. विवर, गुफा,-बी (बी) जः शिव का विशेषण, --बी (वी) ज्यम् मूलाधार,-बोधिः बौद्धभिक्षु, --ब्रह्मम,--ब्रह्मन् परमात्मा,-ब्राह्मण: 1. एक बड़ा या विद्वान ब्राह्मण 2. एक नीच या तिरस्करणीय ब्राह्मण,-भाग (वि.) 1. अतिभाग्यवान, सौभाग्यशाली, समृद्ध 2. श्रीमान्, पूज्य, यशस्वी-महाभागः कामं नरपतिरभिन्नस्थितिरसौ-श० 5 / 20, मनु० 3 / 192 3. अत्यन्त निर्मल या पवित्र, अत्यंत गुणवान्, -भागिन् (वि०) अतिभाग्यवान् या समृद्ध,-भारतम् प्रसिद्ध महाकाव्य जिसमें धृतराष्ट्र और पांडु के पुत्रों की प्रतिद्वन्द्विता और संघर्ष का वर्णन है (इसमें अठारह पर्व या अध्याय है, कहा जाता है कि इसकी रचना व्यास ने की, तु० 'भारत' शब्द की भी),--भाष्यम 1. एक बड़ी टीका 2. विशेषकर पाणिनि के सूत्रों पर पतंजलि द्वारा लिखा गया महाभाष्य (विस्तृत टीका), ---भीमः राजा शान्तनु का विशेषण, भीरुः एक प्रकार का कीड़ा, गुबरला,-भुज (वि०) लम्बी भुजाओं वाला, शक्तिशाली, -भूतम् मूलतत्त्व - दे० भूत-तं वेधाविदधेनूनं महाभूतसमाधिना ---- रघु० 1126, मनु० 116, (-तः) एक बड़ा जानवर,-- भोगा दुर्गा का विशेषण,--मणिः कीमती या मूल्यवान मणि, आभूषण, जवाहर, - मति (वि०) 1. उच्चमनस्क 2. चतुर (तिः) बृहस्पति का नाम,-मद (वि.) नशे में अत्यन्त चूर (-व:) मतवाला हाथी, --मनस,-मनस्क (वि.) 1. उच्चमना, उदात्तमनस्क, उदाराशय 2. उदार 3. घमण्डी, अभिमानी (0) 'शरभ' नाम का एक कल्पनाप्रसूत जन्तु,-मंत्रिन (पु०) प्रधानमन्त्री, मुख्यमन्त्री,-महोपाध्यायः 1. बहुत बड़ा उपाध्याय, अध्यापक, महापंडित, विद्वान् और प्रसिद्ध पंडितों को दी जाने वाली उपाधि उदा. महामहोपाध्यायमल्लिनाथ सूरि आदि, - मांसम् 'मूल्यवान् मांस' विशेषकर नरमांस-मा० ५।१२,-~-मात्र: 1. राज्य का बड़ा अधिकारी, उच्च राज्याधिकारी, मुख्यमन्त्री --मन्त्र कर्मणि भूषायां विने माने परिच्छदे, मात्रा च महती येषां महामात्रास्तु ते स्मृताः मनु० 9 / 259 2. महावत, हाथियों पर निगरानी रखने वाला पंच० 11131 3. हाथियों का अधीक्षक (श्री) 1. मुख्यमन्त्री की पत्नी 2. आध्यात्मिक गुरु की पत्नी, मायः विष्णु का विशेषण,---माया सांसारिक कारण भता अविद्या जिससे यह समस्त भौतिक जगत वास्तविक प्रतीत For Private and Personal Use Only