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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 694 ) का अभाव या हानि,-अप्रिय (वि.) सुखद और ! --वादिका एक प्रकार का वाद्ययंत्र,---वादिन् (वि०) दुःखद, रुचिकर और अरुचिकर (भावनाएँ) (यम) कृपा से युक्त तथा मधुर शब्द बोलने वाला, चापलूस सेवा और अनिष्ट, अनुग्रह और क्षति,... अम्बुः म --सुलभाः पुरुषा राजन् सततं प्रियवादिनः... --रामा०, का वृक्ष, अहं (वि.) 1. प्रेम या कृपा का अधिकारी ---श्रवस् (पुं०) कृष्ण का विशेषण, संवासः प्रिय उत्तर० 3 2. मिलनसार (हः) विष्णु का नाम,--असु, व्यक्ति का सत्संग, सखः प्रिय मित्र, (स्त्री०-खी) (वि०) जीवन का प्रेमी,-आख्य (वि.) अच्छा समा- सहेलो, अन्तरंग सहेली (किसी स्त्री की)- सत्य चार सुनाने वाला,---आख्यानम् रुचिकर समाचार, (वि.) 1. सत्य का प्रेमी 2. सत्य होने पर भी प्रिय, ----आत्मन् (वि०) मिलनसार, सुखद, रुचिकर,-उक्तिः संदेशः 1. प्रिय समाचार, प्रेमी का समाचार (स्त्री०)-उवितम् कृपा से युक्त या मैत्रीपूर्ण वक्तता, 2. 'चपक' नाम का वृक्ष,-समागमः अपने प्रिय व्यक्ति चापलसी के वचन--,उपपत्तिः (स्त्री०) आनन्दप्रद या (या पदार्थ) से मिलन, सहचरी प्यारी पत्नी, सुखद घटना, - उपभोगः किसी प्रेमी या प्रेयसी के साथ ... सुहृद् (पु०) प्रिय या प्राणप्रिय मित्र, हार्दिक मित्र, रंगरेउियाँ-रघु० १२।२२,-एषिन् (वि०) 1. भला --स्वप्न (वि०) सोने का प्रेमी रघु० 1681 / / चाहने वाला, सेवा करने का इच्छुक 2. मित्रता से युक्त, प्रियंवद (वि०) [प्रियं वदति प्रिय+वद्--खच्, मुम्] स्नेही,-कर (वि०) सुख देने वाला या पैदा करने वाला, मधुरभाषी, प्रिय बोलने वाला, प्यारी बातें करने -कर्मन् वि०)अनुग्रह पूर्वक या मित्रता से युक्त व्यवहार वाला, मिलनसार, कु० 5 / 28, रघु० 3364, दः करनेवाला, कलत्रः अपनी पत्नी से प्रेम करनेवाला पति, 1. एक प्रकार का पक्षी 2. एक गन्धर्व का नाम / अपनो भायो को अत्यन्त चाहन बाला, काम (वि०) प्रियकः प्रिय+कन 1. एक प्रकार का हरिण-शि० 4 / 32 मित्रवत् व्वहार करनेवाला,सेवा करने का इच्छुक, कार, 2. नीप नामक वृक्ष 3. प्रियंग नाम को लता 4. मधु-कारिन वि.)अनुग्रह करने वाला,भला करने वाला,-कृत। मक्वी . एक प्रकार का पक्षी 6. जाफरान, केसर, (०)भला करने वाला, मित्र, हितैषी,--जनः प्रेमपात्र या कम् असन वृक्ष का फूल शि० 8 / 28 / प्यारा व्यक्ति, जानिःअपनी पत्नीको अत्यन्त प्यार करने प्रिय डुर, प्रियङ्करण, प्रियङ्कार (वि०) प्रिय+कृ-- खच्, वाला पति,-तोषणः एक प्रकार का रतिवन्ध, मैथन का ख्युन् अण् वा, मुम् 1. अनुग्रह दर्शाने वाला, कृपा करने आसन विशेष,-दर्श (वि०) देखने में सुन्दर, ---दर्शन बाला, स्नेह करने वाला,-प्रियदरो में प्रिय इत्यनन्दत् (वि०) देखने में सुहावना, सुन्दर दर्शनों वाला, सुन्दर, - रघ० 14148 2. रुचिकर 3. मिलनसार / मनोहर, खूबसूरत-अहो प्रियदर्शनः कुमार:-उत्तर० 5, प्रियङगुः | प्रिय-गम् -- कु] एक लता का नाम (कहते है रघु० 1147, श० 3 / 11, (नः) 1. तोता 2. एक प्रकार कि यह लता स्त्रियों के स्पर्श मात्र से खिल उठती है) का छहारे का वृक्ष 3. गन्धों के राजा का नाम-रघु० प्रियङ्गश्यामाङ्गप्रकृतिरपि मा० 3.9 (निम्नांकित ५।५३,--दशिन् (वि०)राजा अशोक का विशेषण,-देवन श्लोक में उन सभी कविसमयों को एकत्रित कर (वि० जूआ खेलने का शौकीन,-धन्वः शिव का विशेषण, दिया गया है जहाँ विशिष्ट परिस्थितियों में वृक्षों के --पुत्रः एक प्रकार का पक्षो,-प्रसादनम् पति को प्रसन्न फूलों का आना बतलाया गया है पादापातादशोककरना,-प्राय (वि०) अत्यन्त कृपाल या सुशील-उत्तर० स्तिलककुरबको वीक्षणालिङ्गनाभ्यां, स्त्रीणां स्पति 212, (यम् )भाषा में वाक्पटुता,--प्रायस् (नपुं०) बहुत प्रियङविकसति बकुल: सीधगण्डपसेकात्। मन्दारौ ही रोचक बक्तता, जैसा कि एक प्रेमी का अपनी प्रेयसी नर्मवाक्यात पटुमदहसनाच्चम्पको वक्त्रवातात् चूतो के प्रति कथन,-प्रेप्सु वि०) अपने अभीष्ट पदार्थको प्राप्त गीतान्नमेरुविकसति च पुरी नर्तनात् कणिकारः / ) करने की इच्छा करने वाला,----भावः प्रेम की भावना 2. बड़ी पीपल, ग (नपुं०)। जाफ़रान, कैसर / उत्तर०६।३१,-भाषणम् कृपास युक्त या माचकर शब्द, प्रियतम (वि.) प्रियतमप] अत्यंत प्रिय, सबसे अधिक ..-भाषिन् वि०) मधुरभाषी, मण्डन (वि०) अलंकारों प्यारा,-मः प्रेभी, पति-शिप्राधातः प्रियतम इव का प्रेमी--श० ४।९-मधु (वि०) मदिरा का शौकीन, प्रार्थनाचाटकार:-मेप० ३११७०,-मा पन्नी, स्वामिनी, (धुः) बलराम का विशेषण-,रण (वि.) बहादुर, शूर- बल्लमा, प्रेयसी। वीर,-वचन (वि०) रोचक तथा कृपापूर्ण शब्द बोलने प्रियतर (वि.) [ प्रिय-त अधिक प्रिय, अपेक्षाकृत वाला (नम्) कृपा से युक्त, प्रोत्साहक एवं मधुर शब्द प्यारा। ---विक्रम० 2112, -बयस्यः प्रिय मित्र,-वर्णों प्रियंगु प्रियता,-त्वम् | प्रिय-1-तल + टाप, प्रिय। स्व] 1. प्रिय नामक पौधा,---वस्तु (नपुं०) प्यारी चीज़, वाच होना, प्यार 2. प्रेम, स्नेह / (वि०) कृपा से युक्त शब्द बोलने वाला. प्यारी बातें प्रियम्भविष्णु, प्रियम्भावुक (वि०) [प्रिय---भ-खिष्णच करने बाला, (स्त्रो०) कृपामय और रोचक शब्द, खुका वा, मम स्नेह का पात्र, अत्यंत प्रिय। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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