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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतिशयित (वि०) [ प्रति-|-शी-|-क्त ] अपने किसी प्रतिषेधनम् [प्रति + सिध् + ल्युट् ] 1. दूर रखना, परे अभीष्ट पदार्थ की प्राप्ति के लिए बिना खाये पीये हदाना, रोकना 2. निवारण करना 3. मुकरना, देवता के सामने धरना देने वाला -अनया च किलास्मै ! अस्वीकृति। प्रतिशयिताय स्वप्ने समादिष्टम–दश० 121 / प्रतिष्कः, प्रतिष्कसः [ प्रति--स्कंद्-+ड, प्रति+कस् प्रतिज्ञापः [ प्रति--शप्-घा ] शाप के बदले शाप, +अच्, सुट् | जासूस, संदेशवाहक, दूत / बदले में शाप / प्रतिष्कशः [ प्रति+का+अच्, सुट् ] 1. भेदिया, दूत प्रतिशासनम् [ प्रति+शास्+ ल्युट ] 1. आदेश देना, दूत | 2. चाबुक, हंटर। के रूप में भेजना, आज्ञा देना 2. किसी दूत को बाहर प्रतिष्कषः | प्रति+का+अच, मुटु / चाबुक, चमड़े का से बुला भेजना 3. वापस बुलाना 4. विरोधी आदेश, __ कोड़ा। अधिकृत कथन --अप्रतिशासनं जगत्-रघु० 8 / 27. प्रतिष्टंभः | प्रति+स्तंभ +घञ, पत्व अवरोध, रुकावट, (पूर्ण रूप से एक ही शासक के शासन में)। __मुकाबला, विरोध, विघ्न--बाहुप्रतिष्ट भविवृद्धमन्युः प्रतिशिष्ट (भु० क. कृ०) [प्रति+-शास् क्त ] 1. -रघु० 2 / 32, 59 / आदिष्ट, प्रेषित ..शि० 161 2. विजित किया ! पनि प्रतिष्ठा [ प्रति+ स्था+अङ्-टाप् ] 1. ठहरना, रहना, प्रति..शा हुआ, अस्वीकृत 3. विख्यात, प्रसिद्ध / स्थिति, अवस्था-अपौरुषयप्रतिष्ठम् --मा० 1, श० प्रतिश्या, प्रतिश्यानम्, प्रतिश्यायः [ प्रति+-श्य क +टाप, / 7 / 6 2. घर, निवासस्थान, जन्मभूमि, आवास-रघु० ल्युट, ण वा ] जुकाम, सर्दी / 6 / 21, 14 / 5 3. स्थैर्य, स्थिरता, दृढ़ता, स्थायिता, प्रतिश्रयः [प्रति+-श्रि+अच् ] शरणगह, आश्रम 2. घर, दृढाधार--अप्रतिष्ठे रघज्येष्ठे का प्रतिष्ठा कुलस्य आवासस्थान, निवासस्थल—याज्ञ० 11210 मनु० न:--उत्तर० 5 / 25, अत्र खल मे वंशप्रतिष्ठा--श० 10151 3. सभा 4. यज्ञ भवन 5. मदद, सहायता 6. 7, वंश: प्रतिष्ठां नीतः का० 280, शि० 2134 प्रतिज्ञा। 4. आवार, नींव, ठिकाना--जैसा कि गृहप्रतिष्ठा' प्रतिश्रयः [प्रति श्रु-अप] 1, स्वीकृति, सहमति, में 5. पाया, टेक, सहारा (अतः) कीर्तिभाजन, विश्रुत प्रतिज्ञा 2. गंज। अलंकार--त्यक्ता मया नाम कुल प्रतिष्ठा- श०६। प्रतिश्रवणम् [ प्रति+ध्रु--ल्युट ] 1. ध्यान पूर्वक सुनना 24, द्वे प्रतिष्ठे कुलस्य नः 3 / 21, कु० 7 / 27, मनु० 2 / 195 . वचन देना, हामी भरना, सहमत महावी०७।२१ 6. उच्चपद, प्रमखता, उच्च अधिकार होना 3. प्रतिज्ञा। -मुद्रा० 2 / 5 7. ख्याति, यश, कीति, प्रसिद्धि-मा प्रतिश्रुत, प्रतिश्रुतिः (स्त्री०) | प्रति श्र-- क्विप, क्तिन निषाद प्रतिष्ठा त्वमगम: शाश्वती: समा:- रामा० वा ] 1. प्रतिज्ञा 2. गूंज, प्रतिव्वनि रघु० 13 / 40, (--- उत्तर० 215) 8. सस्थापना, प्रतिष्ठापन मद्रा० 16 / 31, शि० 17142 / 1 / 14 9. अभीष्ट पदार्थ की प्राप्ति, निष्पति, (इच्छा प्रतिश्रुत (भू० 0 0 ) [ प्रति|श्रु-:-क्त | वचन दिया को) पूर्ति औत्सुक्यमात्रमवसादयनि प्रतिष्ठा--श० हुआ, सहमत, हामी भरी हुई / / 5 / 6 10. शांति, विश्राम, विश्रान्ति 11. आधार प्रतिषिद्ध (भू० क० कृ०) [ प्रति सिन् ।-क्त ] 1. 12. पृथिवी 13. किसी देवप्रतिमा की स्थापना 16. निषिद्ध, वजित, अननुमत, अस्वीकृत 2. खण्डित, सीमा, हद। प्रत्युक्त / प्रतिष्ठानम् [प्रति+स्था+ल्य ट | J. आधार, नींव प्रतिषेधः प्रति+सिध् + घा] 1. दूर रखना, परे हटाना, 2. ठिकाना, स्थिति, अवस्था 3. टांग, पैर 4. गंगा हाक कर दूर कर देना, निकाल देना --विक्रम० 18 / यमुना के संगम पर स्थित एक नगर जो चन्द्रवंश के 2. प्रतिपेघ यथा 'शास्त्रप्रतिषेधः' में 3. मकरना, आदिकालीन राजाओं की राजधानी था-तु० विक्रम अस्वीकृति 4. निषेध करना, विरुद्ध कथन / सम० 2 / 5 6. गोदावरी पर स्थित एक नगर का नाम / .. - अक्षरम, उक्तिः (स्त्री०) मुकर जाने के शब्द, प्रतिष्ठित (भक० कृ०)[प्रति--स्था+न] 1. जमाया अस्वीकृति - श० 3 / 25, उपमा दण्डि द्वारा वणित हुआ खड़ा किया हुआ 2. स्थिर किया हुआ, स्थापित उपमा का एक भेद, इसको परिभाषा - न जातु शक्ति- किया हुआ 3. रक्खा हुआ, अवस्थित 4. संस्थापित, रिन्दोस्ते मुखेन प्रतिजितम, कलंकिनो जडस्येति प्रतिष्ठापित, अभिमंत्रित पूर्ण,कार्यान्वित 6. क़ीमती, प्रतिषेधोपमैव सा काव्या० 2 / 34 / मूल्यवान् 7. विख्यात, प्रसिद्ध (दे० प्रति पूर्वक स्था)। प्रतिषेधक, प्रतिषेव (वि.) [प्रति-मिथ्-|-बुल, तृच प्रतिसंविद् (स्त्री०) प्रति+सम् ।-विद् +-क्विप् ] किसी वा ] 1. हटाने बाला, निषेध करने वाला, रोकने वाला वस्तु के विवरण का यथार्थ ज्ञान / 2. मना करने वाला -(पुं०) विघ्नकारक, निवारक / / प्रतिसंहारः प्रति+सम+है+घा ] 1. पीछे ले जाना, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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