________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सत्यक्त करना, छोड़ना क्त ] | प्रतिस्नुकया गया प्रेम / दय की धड़कन वापिस हटाना 2. अल्पता, संपीडन 3. धारणा | प्रतिस्नात (भु० क० कृ०) [प्रति स्ना+क्त ] स्नान शक्ति, समावेश 4. परित्यक्त करना, छोड़ना। किया हुआ। प्रतिसंहृत (भू० क. कृ०) [प्रति+सम्+ह+क्त ] | प्रतिस्नेहः [प्रा० स० ] बदले में प्यार, प्रतिप्रेम या बदले 1. वापिस लिया हुआ, पीछे को खींचा हुआ, एष में किया गया प्रेम। प्रतिसंहृतः --श०१ 2. सम्मिलित करना, अन्तर्गत प्रतिस्पंदनम् [ प्रा० स० ] हृदय की धड़कन / करना 3. संपीडित / प्रतिस्वनः, प्रतिस्वरः [प्रा० स०] गूंज, प्रतिध्वनि-शि० प्रतिसंक्रमः [प्रति+सम्+क्रम्-+धा ] 1. पुनश्चूषण 13 / 31 / 2. प्रतिच्छाया, परछाईं। प्रतिहत (भू० क० कृ०) [प्रति+हन्+क्त ] 1. उलटा प्रतिसंख्या [प्रति+सम्+ख्या+अ+टाप् ] चेतना / मारा हुआ, पछाड़ा हुआ 2. भगाया हुआ, दूर किया प्रतिसंचरः प्रति+सम्+चर+ट] 1. पीछे मड़ना हुआ, पीछे ढकेला हुआ 3. विरोध किया हुआ, अवरुद्ध 2. पुनश्चूषण 3. विशेषतः विराट् जगत् का फिर 4. भेजा हुआ, प्रेषित 5. घृणित, नापसंद 6. हताश, प्रकृति के रूप में लीन हो जाना। भग्नाश / सम०–मति (वि.) घृणा करने वाला, प्रतिसंदेशः [प्रति--सम्+दिश+घञ ] संदेश का जवाब, नापसंद करने वाला / संदेश के बदले संदेश / प्रतिहतिः (स्त्री०) [ प्रति+हन्--क्तिन् ] 1. उलटकर प्रतिसंधानम् [ प्रति+सम् +धा+ ल्युट ] 1. एक स्थान पर प्रहार करना, पछाड़ना, ढकेलना 2. पंलट पड़ना, मिलना, एकत्र होना 2. दो युगों का मध्यवर्ती संक्र- परावर्तन--प्रतिहति ययरर्जुनमुष्टयः-कि० 18 / 5, मणकाल 3. उपाय, उपचार 4. आत्मनियंत्रण, आत्म शि० 9 / 49 3. नाउम्मीदी, भग्नाशा 4. क्रोध / दमन 5. प्रशंसा / | प्रतिहननम् [प्रति+हन-+ल्युट ] उलट कर प्रहार करना, प्रतिसंधिः प्रति-सम-धा+कि 1.1. पूनर्मिलन 2. गर्भा- | पछाड़ देना, पलट कर मारना, आधात के बदले शय में प्रवेशकरण 3. दो युगों का मध्यवर्ती संक्रमण आघात करना। काल 4. विराम, उपरम / प्रतिहत (पुं०) [ प्रति+ +तृच ] पछाड़ने वाला, प्रतिसमाधानम् [प्रति-सम् +आ+धा-+ ल्युट् ]चिकित्सा, | हटाने वाला, पीछे धकेलने वाला, दूर करने वाला। उपचार। प्रति (तो) हारः [ प्रति +ह+घा , पक्षे उपसर्गस्य प्रतिसमासनम् [प्रति+सम् +आ+अस् + ल्युट] 1. सामना दीर्घः ] 1. उलट कर प्रहार करना 2. दरवाजा, होना, जोड़ का होना 2. मुकाबला करना, विरोध फाटक 3. दरबान, द्वारपाल 4. जादूगर 5. ऐन्द्रजालिक, करना, टक्कर लेना। जादूभरी चाल / सम-भूमिः (स्त्री०) (घर की) प्रतिसरः,--रम् [ प्रति+स-अच् ] कलाई या गरदन में देहली... कु० ३१५८,--रक्षी स्त्री द्वारपाल, प्रतिहारी पहनने का ताबीज,---: 1. मेवक, अनुचर 2. कड़ा, ---रघु० 6 / 20 / विवाह-कंकण स्रस्तोरगप्रतिसरेण करेण पाणिः (अग- | प्रतिहारकः [ प्रति+ह+वल ] ऐन्द्रजालिक, जादूगर / ह्यत)--कि० 5 / 33 (=कौतुकसूत्र -मल्लि०) | प्रतिहासः [प्रति+हस+घञ 1 हंसी के बदली हंसी / 3. पुष्पमाला या हार 4. प्रभात काल 5. सेना का प्रतिहिंसा | प्रति हिंस+अ+टाप् ] प्रतिशोध, बदला। पृष्ठभाग 6. एक प्रकार का जादू 7. घाव का पुरना, प्रतिहित (भ० क. कृ०) [ प्रति+धा--क्त ] साथ जड़ा या घाव पर पट्टी बांधना।। गया, साथ सटा दिया गया। प्रतिसर्गः [प्रति+सृज्+घा 11. गौण रचना (जैसा | प्रतीक (यि०) [प्रति+कन, नि० दीर्घः ] 1. की ओर कि ब्रह्मा के मानस पुत्रों द्वारा) 2. विघटन, प्रलय / मुड़ा हुआ 2. विपर्यस्त, उलटा 3. विरुद्ध, प्रतिकूल, प्रतिसांधानिक: [ प्रतिसंधान---ठक् ] भाट, चारण, विपरीत,-क: 1. अवयव, अंग-शि० 1879 बंदी। 2. भाग, अंग,-कम् 1. प्रतिमा 2. मह, चेहरा प्रतिसारणम् [ प्रति+स+णिच् + ल्युट | 1. घाव के 3. (किसी वस्तु का) अप्रभाग 4. (किसी श्लोक या किनारों की मल्हमपट्टी करना 2. घाव में मल्हम वाक्य का) प्रथम शब्द / लगाने का उपकरण। प्रतीक्षणम्, प्रतीक्षा [ प्रति+ईक्ष् + ल्युट, प्रति+ई+ प्रतिसीरा [ प्रति +सि+कुन् +टाप, दीर्घः ] परदा, चिक, अङ+टाप् ] 1. इंतजार करना 2. अपेक्षा, आशा कनात / 3. ख्याल, विचार, ध्यान / प्रतिसृष्ट (भ० कक०) [प्रति सज् किन ] 1. भेजा | प्रतीक्षित (भ० क. कृ०)[प्रति+ +क्त ] 1. जिसकी गया, प्रेषित 2. प्रसिद्ध 3. पीछे ढकेला गया, अस्वीकृत इंतजार की गई, अपेक्षा की गई 2. विचार किया 4. नशे में चूर (धरणि के अनुसार 'प्रमत्त') / गया। For Private and Personal Use Only