SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 647
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 638 ) विशेषण-पौलस्त्यः कथमन्यदारहरणे दोषं न विज्ञात- 15 (अव्य०) [प्रथ+ड] 1. धातुओं के पूर्व उपसर्ग के रूप वान-पंच० 214, रघु० 4180, 105, 12172 में लग कर इसका अर्थ है----'आगे' 'आगे का' 'सामने' 2. कुबेर का विशेषण 3. विभीषण का विशेषण 'आगे की ओर' 'पहले' 'दूर' यथा प्रगम्, प्रस्था, 4. चन्द्रमा। प्रचुर, प्रया आदि 2. विशेषणों के पूर्व लग कर इसका पौलिः (पुं०, स्त्री०) पौली (स्त्री०) [पुल--ण, पोलेन अर्थ है-'बहुत' 'बहुत अधिक' 'अत्यंत' आदि-- निवृत्त:-पोल+इन, पौलि+डीप] एक प्रकार प्रकृष्ट, प्रमत्त आदि, दे० आगे 3. संज्ञाओं (चाहे की पूरी। धातुओं से बने हो) के पूर्व लग कर गण के अनुसार पौलोमी [ पुलोमन् + अण, अनो लोपः, पौलोम+ङीप् ] इसके निम्नांकित अर्थ होते हैं-(क) आरंभ, उपक्रम शची, पुलोमा की पुत्री, इन्द्र की पत्नी--आशीरन्या यथा प्रयाणम, प्रस्थानम् प्राह (ख) लम्बाई यथा न ते युक्ता पौलोम्या सदशी भव-श०७।२८।। प्रवालमूषिक (ग) शक्ति यथा प्रभु (घ) तीव्रता, सम--संभव: जयन्त का विशेषण / आधिक्य यथा प्रवाद, प्रकर्ष, प्रच्छाय, प्रगुण (ङ) स्रोत पौषः [पौषी- अण्] एक चांद्रमास का नाम जिसनें चन्द्रमा या मूल यथा प्रभव, प्रपौत्र (च) पूर्ति, पूर्णता, तृप्ति पुष्य नक्षत्र में रहता है (दिसम्बरःजनवरी में आने यथा प्रभुक्तमन्नम् (छ) अभाव, वियोग, अनस्तित्व वाला मास),-षी पौष मास में आने वाली पूर्णिमा, यथा प्रोषिता, प्रपर्ण वृक्षः (ज) अतिरिक्त यथा प्रज्ञ रघु० 18035 / (झ) श्रेष्ठता यथा प्राचार्य: (ञ) पवित्रता यथा पौष्कर,-रक, (स्त्री०-री,-की) पुष्कर+अण, पौष्कर प्रसन्नं जलम् (ट)अभिलाषा यथा प्रार्थना (ठ)विराम +कन्] नील कमल से संबंध रखने वाला। यथा प्रशम (ड) सम्मान आदर यथा प्रांजलि: (जो पौष्करिणी [ पुष्कराणां समूहः-पौष्कर+इनि---डी ] सादर हाथ जोड़ता है) (ढ) प्रमुखता यथा प्रणस, ____कमलो से भरा हुआ सरोवर, सरोवर / प्रवाल। पौष्कलः [पुष्कल+अण्] अनाज का एक भेद / प्रकट (वि.) [प्र.+कट-+-अच्] 1. स्पष्ट, साफ, जाहिर, पौष्कल्यम् [पुष्कल+ष्यञ] 1. परिपक्वता, पूर्ण विकास, प्रतीयमान, प्रत्यक्ष 2. बेपरदा, खुला हुआ 3. दृश्यमान, पूरी वृद्धि 2. बाहुल्य / ---टम् (अव्य०) साफ तौर से, प्रत्यक्षतः, सार्वजनिक पौष्टिक (वि०) (स्त्री-की) [पुष्टि+ठन] 1. वृद्धि रूप से, स्पष्ट रूप से (प्रकटी क व्यक्त करना, खोलना, करने वाला, कल्याण कारक 2. पोषण करने वाला, प्रदर्शन करना, प्रकटी भू व्यक्त होना, जाहिर होना)। पोषक, पुष्टिकारक, बलवर्धक / सम-प्रीतिवर्षः शिव का विशेषण / पौष्णम् [ पूषादेवता अस्य-पूषन् +अण, उपधालोपः] प्रकटनम् [प्र.+कट् + ल्युट्] व्यक्त होने की क्रिया, रेवती नक्षत्र / खोलना, उघाड़ देना। पौष्प (वि.) (स्त्री०-पी) [पुष्प+अण्] फूल संबंधी प्रकटित (भ० क० कृ०) प्रकट+क्त] 1. व्यक्त, प्रदर्शित, या फलों से प्राप्त, पुष्पमय, पुष्पित,-पी 1. पाटलि- अनावत 2. सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित 3. जाहिर। पूत्र नगर, पटना 2. ( फूलों से तैयार की गई एक | प्रकंपः[प्र+कम्प+घञ] कांपना, हिलना, थरथराना, प्रकार की) शराब। प्रचंड थरथरी या (भूकम्प के) धक्के --बाला चाहं प्याट् (अव्य०) [प्यात् / डाटि (बा.)] हो, अहो आदि मनसिजवशात् प्राप्तगाढप्रकपा--सुभा०, सशिरअव्यय जो बुलाने या पुकारने के लिए व्यवहृत होते प्रकपम्-शि० 13 / 42 / प्रकम्पन (वि.) [प्र.+कम्प+ल्युट्] हिलाने वाला,-मः प्याय् (म्वा०आ०-प्यायते, प्यान या पीन) फूलना, 1. हवा, प्रचंड वाय, आंधी का झोंका-प्रकम्पनेनानुमोटा होना, बढ़ना-दे० नीचे धै। चकम्पिरे सुराः-शि० 1161, 14 / 43 2. नरक का प्यायनम् [प्याय् + ल्युट्] वर्धन, वृद्धि / नाम, नम् अत्यधिक या प्रचंड कंपकंपी, जोरदार प्यायित (वि.) [प्याय+क्त] 1. वर्धित, वृद्धि को प्राप्त थरथरी। 2. जो मोटा हो गया हो 3. विश्रान्त, सशक्त किया प्रकरः [प्र+कृ (क)+अप] ढेर, समुच्चय, मात्रा, संग्रह हुआ। -मुक्ताफलप्रकरभांजि गुहागृहाणि--शि० 5 / 12, प्य (भ्वा० आ०-प्यायते, पीन ) 1. बढ़ना, वृद्धि को बाष्पप्रकर कलुषां दृष्टिम्-श० 6 / 8, रघु० 9 / 56, प्राप्त होना, मोटा होना-भट्टि० 6 / 33 2. पुष्कल कु० 5 / 68 2. गुलदस्ता, पुष्पचय 3. मदद, सहायता, होना, समृद्ध प्रेर० प्याययति-ते 1. बढ़ाना 2. बड़ा मित्रता 4. रिबाज, प्रचलन 5. आदर 6. सतीत्वहरण, करना, मोटा बनाना सुखी करना---मनु० 9 / 314 अपहरण,-रम् अगर की लकड़ी। 2. तृप्त करना, इच्छानुसार संतुष्ट करना। | प्रकरणम् [प्र++ ल्युट] 1. निरूपण करना, व्याख्या For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy