________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 637 ) से विवाह कर लिया है ऐसी विधवा से संबंध रखने / 8128 3. पुरुषत्व-भग० 78 4. वीर्य, शुक्र वाला 2. दोहराया हआ, --वः 1. पुनविवाहिता विधवा 5. पुरुप की जननेन्द्रिय, लिंग 6. मनुष्य की पूरी का पुत्र, प्राचीन हिन्दु-धर्मशास्त्र में स्वीकृत वारह पुत्रों | ऊँचाई, खुली हुई अंगुलियों समेत अपने दोनों हाथ में से एक-याज्ञ० 2 / 130, मनु० 3 / 155 2. स्त्री | ऊपर उठाकर जितनी ऊँचाई तक मनुष्य पहुँचे का दूसरा पति मनु० 9 / 176 / / 7. धूपधड़ी। पौर (वि०) (स्त्री०-री) [पूर --अण | किसी नगर | पौरुषेय (वि०) (स्त्री०-यी) पुरुप - ढन] 1. मनुष्य से या शहर से संबंध रखने वाला-रः शहरी, नागरिक प्राप्त, मनुष्य कृत, मनुष्य द्वारा स्थापित या प्रवर्तित (विप० जानपद) कु० 6 / 41 मेघ० 27, रघु० यथा -अपौरुषेया वै बेदाः 2. मर्दाना, पुरुषोचित 2 / 10,74, 1213, 16 / 9 / मम० अंगना योषित 3. आध्यात्मिक, यः 1. मनष्पवध 2. मनष्यों की (स्त्री०), स्त्री नगर में रहने वाली स्त्री,- - जानपद भीड़ 3. रोजनदारी पर काम करने वाला श्रमिक, (वि०) शहर या नगर से संबंध रखने वाला (व. व. __ कमेरा 4. मानवी काम, मनुष्य का कार्य / / --- दाः) नागरिक और ग्रामीण, शहरी और देहाती पौरुष्यम् [ पुरुष-|-प्पा / मर्दानगी, साहस, शौर्य / ---कथं दुर्जनाः पौर जानपदाः---उत्तर० १,-पद्धः | पौरोगवः [पुरोऽग्रेगौः नेत्रं यस्य पुरोगु-- अण् ] राज भवन प्रमुख नागरिक, उपनगरपाल / का अधीक्षक, विशेषतः राजा की रसोई का। पौरकम [ पौर+कैक ] 1. घर के निकट बगोचा | पौरोभाग्यम् पुरोभागिन्--- प्या, अन्य लोपः, वृद्धिः ] 1. 2. नगर के निकट उद्यान / छिद्रान्वेषण, दोषदर्शन--प्रियोपभोग चिह्न पीरोपौरंदर (वि०) (स्त्री०-री) | पुरंदर+अण् ] इन्द्र से भाग्यमिवाचरन्रघु०१२।२२ 2. दुर्भावना, ईर्ष्या, प्राप्त, इन्द्र संबंधी, इन्द्र के लिए पुनीत, रम् ज्येष्ठा डाह / नक्षत्र। | पौरोहित्यम् [ पुरोहित-ध्या ] कुलपुरोहित का पद, पौरव (बि०) (स्त्री०-वो) | पुरु | अण् | पुरु के वंश में | पुरोहिताई। उत्पन्न,-वः पुरु की सन्तान, पुरुवंशी-श० 5, पौर्णमास (वि.) (स्त्री०-सी) [पूर्णमासी--अण् ] पूर्णिमा 2. भारत के उत्तर में स्थित एक देश तथा उसके से संबंध रखने वाला,--सः अग्निहोत्री द्वारा पूर्णिमा के नागरिक 3. उस प्रदेश का निवासी या राजा। दिन अनुष्ठित संस्कार। पौरवीय (वि.) (स्त्री०-यी) [पौरव-- छ ] पौरवों का | पौर्णमासी, पौर्णमी [ पौर्णमास---डी, पूर्ण+मा+क भक्त / | -अण + डीप ] पूर्णिमा, पूर्णमासो।। पौरस्त्य (वि०) [पुरस्+त्यक् ] 1. पूर्वी-पौरस्त्यो / पौर्णमास्यम् / पौर्णमासी+यत् बा] पूर्णिमा के दिन वा सुखयति मरुत् साधुसंवाहनाभिः–मा० 9 / 25, | किया जाने वाला यज्ञ / पौरस्त्यझंझामरुत 9 / 17, रघु० 4 / 34 2. प्रमुख / पौणिमा पुर्णिमा+अण् / टाप पूर्णमासी का दिन / 2. पहला, प्रथम, पूर्ववर्ती। पौतिक (वि०) (स्त्री०--की) [पूर्त+ठक] पुण्यप्रद धर्मार्थपौराण (वि.) (स्त्री०-णी) [ पुराण | अण ] 1. भूत कार्यों से संबंध रखने वाला--मनु०३।१७८, 4 / 227 काल का, प्राचीन, अतीत काल का 2. प्राक्कालोन | पौर्व (वि०) (स्त्री०-बी ) [ पूर्व / अण् ] 1. भूतकाल 3. पुराणों से संबंध रखने वाला या उनसे प्राप्त / संबंधी 2. पूर्व दिशा से संबंध रखने वाला, पूर्वी। पौराणिक (वि.) (स्त्री०-की) [ पुराण+ठक ] 1. भूत / पौर्वदे (दै) हिक (वि०) (स्त्री०-को) पूर्वदेह--ठक काल का, प्राचीन 2. पुराणों से संबद्ध या उनसे प्राप्त पूर्वजन्म संबंधी, पहले जन्म में किया हुआ, पूर्वजन्म3. अतीत काल के उपाख्यानों का ज्ञाता,-क: पुराणों कृत--भग०६६४३, याज्ञ० 11348 / का सुविज्ञ ब्राह्मण, पुराणों का पाठक (जनसाधारण पौर्वपदिक (वि.) (स्त्री०-की) पूर्वपद--ठा समास में बैठ कर) 2. पुराणविद्, पौराणिक कथा जानने | के प्रथम पद से संबंध रखने वाला / वाला व्यक्ति। पौर्वापर्यम् [पूर्वापर+व्या] 1. पहले का और बाद का पौष (वि.) (स्त्री-वी) [ पुरुष---अण] / पुरुष संबंधी, संबंध, पूर्ववर्ती और पश्चवर्ती का संबंध 2. उचित मानवी 2. मर्दाना, पुरुषोचित,—षः एक मनुष्य के क्रम, अनुक्रम, सातत्य / द्वारा ढोये जाने योग्य बोझा, --षी स्त्री पम् 1. | पौर्वाह्लिक (वि०) (स्त्री०-की) [पूर्वाल-ठञ | दोपहर मानवी कृत्य, मनुष्य का काम, चेष्टा, प्रयत्न के पूर्व काल से संबंध रखने वाला, मध्याह्न पूर्व संबंधी। --घिग्घिम्वृथा पौरुषम् भर्त० 288, देवं निहत्य कुरु पौविक (वि०) (स्त्री०-की) पूर्व+ठन] 1. पहला, पौरुषमात्मशक्तया-पंच० 1 2. शौर्य, विक्रम, . पूर्वकालीन, पहले का 2. पैतृक 3. पुराना, प्राचीन / वीरता, मर्दानगी, साहस-पौरुषभूषण:--रघु० 15 / 28, पौलस्त्यः [पुलस्तेः अपत्यम्--पुलस्ति यत्र] रावण का | क्रम For Private and Personal Use Only