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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - 10, शिशु स्त्रिी०) [पार - डीप्] 1. ( 586 ) दीर्घः ] 1. पूरी तरह से पकाया जाना या संवारा | परिपोषणम् [ परि+पुष्+ ल्युट ] 1. खिलाना-पिलाना, जाना 2. पचना, जैसा कि 'अन्नपरिपाक' में 3. पक भरण-पोषण 2. आगे बढ़ाना, उन्नति करना। जाना, परिपक्वन, विकास, पूर्णता - शि० 4 / 48, कु० / परिप्रश्नः [प्रा०स०] पूछताछ, प्रश्नवाचकना, सवाल, 6 / 10 4. फल, नतीजा, परिणाम प्रपन्नानां मूर्तः कतरकतमी जाति परिप्रश्ने-पा०२।१।६३, 333 / 110 सुकृतपरिपाको जनिमताम् महावी० 7 / 31, भर्त० तद्विमि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया--भग० 4 / 34 / 2:132, 3 / 135 5. चतुराई, दूरदर्शिता, कुशलता। परिप्राप्तिः (स्त्री०) [प्रा० स०] अधिग्रहण, उपलब्धि / परिपाटल (वि.) [प्रा०स०] पीला लाल--रघु० परिप्रेष्यः [प्रा०स०] सेवक / 10, शिशु 13142 / परिप्लब (वि०) [ परि+प्ल-अच् ] 1. वहला हुआ परिपाटिः,-टी (स्त्रिी०) [परि भागेन पाटिः पाटनं गतिः 2. थरथराता हुआ, कांपता हुआ, डोन्टना हुआ, यस्या-प्रा०ब०स०, परिपाटि-+-डीष] 1. प्रणाली, हिलोरे लेता हुआ, कम्पायमान 3. अस्थिर, चंचल---- रीति, प्रक्रम ---पाटीर तव पटीयान्कः परिपाटीमिमा- शि० 14168, -- व: 1. जलप्लावन 2. जल में मुरीकर्तृम् -भामि० 1112, कदंबानां वाटी रसिक डुबोना, गीला करना 3. किश्ती, नाव 4. उत्पीड़न, परिपाटी स्फुटयति-हंस० 24 2. व्यवस्था, क्रम, अत्याचार। उत्तराधिकार। परिप्लुत (भू.क.कृ.) [परि-प्लु | क्त | 1. वादग्रस्त, परिपाठः [प्रा०स०] परिगणना, पूर्ण निर्देशन, पूरा विवरण। जलप्लावित 2. घबड़ाया हुआ, व्याकुल जैसा कि परिपाल (वि.) [अत्या०स०] निकट, पार्श्व में, पास, शोक म 3. आद्रीकृत, क्लिन्न, स्नात,तम् उछल नजदीक ही। छलांग,-ता शराब। परिपालनम् [परि+पल्+णि+ल्युट] 1. भली-भांति / परिप्लुष्ट (भू०क० कृ०) [परि- प्लप -- क्त) जला हुआ, पालना, रक्षा करना, संधारण करना, संभाले रखना, झुलसा हुआ, भनभनाया हुआ। जीवित रखना-क्लिश्नातिलब्धपरिपालनवृत्तिरेव परिब (व) हः परिव (व) ई-छन / अनुचर, श० 5 / 6 2. भरण पोषण, संवर्धन-जातस्य परि- नौकर-चाकर, टहलए इयं प्रचु परिवहमा भवत्या पालनम् -- मनु० 9 / 27 / संवर्यताम् .. दश०१०८ 2. उपस्कर, घर के अन्दर परिपिष्टकम् [परि+पिप्+क्त-कन] सीसा / का सामान परिवर्डवंति वेश्मानि.-...रघ० 1415, परिपीडनम् [परि+पीड़--ल्युटु) 1. निचोड़ना, भींचना / __ "उपयुक्त सामान से सुसज्जित कमर" 3. राज चिह्न 3. क्षति पहुँचाना, चोट लगाना, नुकसान पहुंचाना। 3. संपत्ति, धनदौलत / परिपुटनम् [परि+पुट्+ल्यूट] 1. हटाकर अलग करना परिव (य) हणम् [ परि+व (व) ई --ल्युट् ] 1. 2. बल्कल या छाल उतारना। अनुचर, नीकर-चाकर 2. बनाव-सिंगार, काट-छांट 3. परिपूजनम्, परिपूजा [परि--पूज् + ल्युट, प्रा०स०] सम्मान : वृद्धि 4. पूजा / करना, पूजा करना, अर्चना करना / परिबाधा [प्रा० स० ] 1. कप्ट, पीड़ा, सनापन 2. थकापरिपूत (भू.क.कृ.) [गरि+पू+कत] 1. विशुद्ध किया | वट, उग्र व्यथा / गया, विशुद्ध --- उत्पत्तिपरिपूतायाः किमस्याः पावनांतरः परिव (व) हणम् [ परिव (व) ह / ल्यूट ] 1. उत्तर० 1113, शि०२।१६ 2. पूरी तरह फटका ! समृद्धि, कल्याण 2. परिशिष्ट, सम्पूरक / हुआ, पिछोड़ा हुआ, भूसी से पृथक् किया हुआ। परिबं (व) हित (भू० क० कृ०) 1. वढ़ा हुआ, आवधित परिपूणम् [परि+पूर--ल्युट् ] 1. भरना --शि० 4 / 61 2. फलाफूला, समृद्ध हुआ 3. से युक्त, मंपन्न,--तम् 2. पूर्णता को पहुँचाना, पूरा करना। हाथी की चिंघाड़।। परिपूर्ण (भू०००) [परि+पूर+क्त] 1. पूरी तरह / परिभंगः [ प्रा० स० ] छिन्नभिन्न होना टूट कर टुकड़े भरा हुआ, ...इंदु: पुरा चौद, समस्त, साग, भली / होना। भाति भरा हुआ 2. स्वसंतुष्ट, संतप्त। परिभर्सनम् [ परि-भन्गं ल्यूट ] धमकाना, घड़कना / परिपूर्तिः (स्त्री०) परि+पूर - कितन् | पूर्णता, पर्याप्तता। परि (रो) भवः [ परि-भू अप, पक्षे उपमर्गग्य दीघं. परिपुच्छा [परि+प्रच्छ -...अड+टाप] पूछ-ताछ, प्रश्न / 1. अपमान, क्षति पहुंचाना, प्रतिष्ठा भंग, निकार, परिपेलय (वि.) [प्रा०स०] अति कोमल, सूक्ष्म, अत्यन्त निगदर, मानहानि पराक्रमः परिभवे बयान्यं मरनेमृदु। विा (भूपणग)-शि०८८, 10 1137 वणी. परिपोटः,-पोटक: पिरि--पुट+घञ परिपोट - कन] / 1125, महावी० 180, 3 / 27 2. हार, गगजय / (आयु. में) एक प्रकार कर्ण रोग (जिसमें कान | सम-आस्पदम्.--पदम् 1. घृणा का पात्र, हि की खाल गलने लगती है)। 3151 2. अपमान, अपमानपूर्ण स्थिति,--विधि: For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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