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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ५५० ) ना 2. हकूमत नोड: नोड + कन्नी -क्त ] 1. एकता महाना 4. निकट लाना, सन करना 3. वापिस । 3. निम्न शतं विनयते--सिद्धा० 8. देना, प्रस्तुत करना, प्रदान । +क, लस्य तारा०] 1. पक्षी का घोसला-श. करना, (श्रद्धांजलि अर्पित करना (आ०), करं | ७.११ 2. बिस्तरा, गद्दा 3. माँद, भट 4. रथ का विनयते--सिद्धा० 9. नेतृत्व करना, संचालन करना | भीतरी भाग 5. स्थान, आवास, विश्रामस्थल । सम० -कु० ७१९, सम्-, 1. एकत्र करना 2. हकूमत -उद्भवः,-जः पक्षी। करना, प्रशासन करना, पथप्रदर्शन करना 3. वापिस | नीडकः [ नीड-+-कन् ] 1. पक्षी 2. धोंसला । प्राप्त, लौटाना 4. निकट लाना, समा-, 1. मिलाना, | नीत (भू० क० कृ०) [नी+क्त ] 1. ले जाया गया, एकता में आबद्ध करना, एकत्र करना ...-रघु० २१६४, संचालित, नेतृत्व किया गया 2. लब्ध, प्राप्त 3. निम्न श० ५।१५ 2. जा कर लाना लाना-- रधु. १२२७८।। - अवस्था को पहुंचाया हुआ 4. व्यतीत, बिताया गया नो (पं०) [नी+क्विप्] (समास के अन्त में प्रयुक्त) 5. भली भांति व्यवहृत, सही-दे० 'नो',-तम् 1. नेता, पथप्रदर्शक, जैसा कि ग्रामणी, सेनानी और धन 2. धान्य, अनाज। अग्रणी में। नोतिः (स्त्री० [नी+क्तिन् ] 1. निर्देशन, दिग्दर्शन, नीका (स्त्री०) कुल्या, गूल, खेत की सिंचाई के लिए | प्रबंध 2. आचरण, चालचलन, व्यवहार, कार्यक्रम 3. बनी नहर । औचित्य, शालीनता 4. नीतिकौशल, नीतिज्ञता, बुद्धिनीकारः दे० 'निकार। मत्ता, व्यवहारकुशलता- आर्जवं हि कुटिलेषु न नोकाश (वि०) [नि+काश् +अच्, दीर्घः ] दे॰ 'निकाश' | नीति:-० ५।१०३, रधु० १२॥६९, कु. १२२२ -शि० ५।३५ । 5. योजना, उपाय, कूटय क्ति-मा०६।३ 6. राजनय, नीच (वि०) [निकृष्टतमी शोभां चिनोति-चि+ड, | राजनीति विज्ञान, राजनीतिज्ञता, राजनीतिक बुद्धि तारा०] 1. नीच, छोटा, स्वल्प, थोड़ा, बौना मत्ता-आत्मोदय: परग्लानिर्द्वयं नीतिरितीयती---शि. 2. निम्नस्थित, निकृष्ट --भग०६।११, मनु० २।१९८, २।३०, भग० १०।३८ 7. आचारशास्त्र, आचार, याज्ञ० १३१३१ 3. नीची, गहरी (आवाज) 4. नीच, नीतिशास्त्र, आचारदर्शन 8. अवाप्ति, अधिग्रहण 9. कमीना, अधम, दुष्ट, अत्यंत खोटा-प्रारभ्यते न देना, प्रदान करना, प्रस्तुत करना 10. संबंध, सहारा। खल विघ्नभयेन नीचः-भर्त० २।२७, नीचस्य गोचर- सम०-कुशल,-ज्ञ,-निष्ण,-विद् (दि०) 1. गत सुखमास्यते के:-५९, भामि० ११४८ 5. निकम्मा, राजनीतिविशारद, राजनीतिज्ञ, नीतिज्ञ 2. दूरदर्शी, निरर्थक,-चा श्रेष्ठगाय । सम०-गा नदो,-भोज्यम् बुद्धिमान्,-घोष:-बृहस्पति की गाड़ी,-दोषः आचार, प्याज,-योनिन् (वि.) नीच कुलोत्पन्न, नीच घराने नीतिविषयक भूल,-बीजम् षड्यंत्र का स्रोत, ---निर्वामें जन्मा हुआ, इसी प्रकार 'नीचजाति',-बज्रः, पणं कृतम् - पंच० १,-विषयः नैतिकता या दूरदर्शी -वज्रम्, वैक्रान्तमणि । व्यापार का क्षेत्र,-व्यतिक्रमः 1. नीतिशात्र या राजनीच (चि) का [नीच--कन् -- टाप, पक्षे इत्वं वा ] नीति-विज्ञान के नियमों का उलंघन 2. चालचलन की बढ़िया या श्रेष्ठ गाय, (नौचिकी' भी)। त्रुटि, नीतिविषयक भूल,-शास्त्रम् नीतिशास्त्र या नोकिन् (पुं०) [नीचक-+ इनि] 1. किसी वस्तु का राजनय, नैतिकता। शिखर 2. बैल का सिर 3. अच्छी गाय का स्वामी। | नीध्रम (ब्रत) [ नितरां ध्रियते मूलवि क दीर्घः नोचकः (अव्य०) [ नीचेस् इत्यस्य ट: प्रागक] (प्रायः --तारा० ] 1. छत का किनारा 2. जंगल 3. पहिए विशेषण के अर्थ में प्रयुक्त) 1. नीचा, नीचे, अधः, की परिधि या घेरा 3. चन्द्रमा 5. रेवती नक्षत्र । के नीचे, तले, नीचे की ओर (विप० उपरि)-.. नोपः नी-4 बा० गुणाभावः ] 1. पहाड़ की तलहटी 2. नीचैर्गच्छत्यपरि च दशा चक्रनेमिक्रमेण-मेघ० १०९ कदंब वृक्ष (बरसात में फल देने वाला) नीप: प्रदी2. नीचे झुककर, विनम्र हो कर, विनयपूर्वक-रघु० पायते-मच्छ० ५।१४, सीमन्ते च त्वदुपगमजं यत्र ५।६२ 3. आहिस्ता २, कोमलता से-नीचैवस्यिति- नीपं वधूनाम् – मेघ० ६५, ६ 3. अशोक जाति का मेघ० ४२ 4. मन्द स्वर में--धीमी आवाज से-नीचैः वृक्ष 4. राजाओं का एक कुल ---रधु० ६।४६,---पम् शंस हृदिस्थितो ननु स मे प्राणेश्वरः श्रोष्यति-अमरु कदंब वृक्ष का फूल-मेघ० २१, रघु० १९३७ ।। ६७, नीचैरनुदात्तः ---पा० ११२।३०, 5. छोटा, गुटका, नीरम् [नी-रक | 1. पानी-नीरानिर्मलतो जनिः बौना-तथापि नोचैविनयाददृश्यत --- रघु० ३।२४, भामि० ११६३ 2. रस, आसव । सम०-- जम् 1. (पं०) पहाड़ का नाम-नीच राख्यं गिरिमधिवसेस्तत्र कमल 2. मोती, --दः बादल-धीरध्वनिभिरलं ते विश्रामहेतोः-मेघ. २६ । सन०-गतिः (स्त्रो०) नीरद मे मासिको गर्भ:-..भामि० श६१, शि० ४५२, शिथिलगति, -मुख (वि०) नोचे को मुंह किये हुए। -धिः,---निधिः, समुद्र,--रुहम् कमल । नीडः,-डम् [ नितरां मिलन्ति खगा अत्र-नि+इल | नीराजनम्,-ना [ निर-राज-ल्युट, स्त्रियाँ टाप् ] 1. For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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