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शास्त्रास्त्रों को चमकाना, एक प्रकार का सैनिक व धार्मिक पर्व जिसको राजा या सेनापति आश्विन मास में संग्राम क्षेत्र में जाने से मनाते थे (अर्थात् राजा के पुरोहित, मंत्री तथा सेना के अधिकारी अपने विविध शस्त्रास्त्रों सहित वेद मंत्रों द्वारा ) ४/४५, १७।१२, नं० ४।१४४ 2. अर्चना के रूप में देवमूर्ति के सामने प्रज्वलित दीपक घुमाना ।
नील (वि० ) ( स्त्री० - ला (वस्त्रादिक) - ली (जीव जन्तु आदि ) [ नील् + अच् ] 1. नीला, गहरा नीला-नील स्निग्धः श्रयति शिखरं नूतनस्तोयवाहः उत्तर० १।३३ 2. नील से रंगा हुआ, - ल: 1. गहरा नीला या काला रंग 2. नीलमणि 3. गूलर का पेड़, बड़ का पेड़ 4. राम की सेना में एक वानर मुख्य 5 नीलगिरि, पर्वत की एक मुख्य श्रृंखला, लम् 1. काला नमक 2. नीला थोथा या तूतिया 3. सुरमा 4. विष । सम० - अंगः सारस पक्षी, अंजनम् सुरमा, अंजना, --अंजना, अंजसा बिजली, - अब्जम् - अंबुजम्, - अम्बुजन्मन् ( नपुं० ), उत्पलम् नील कमल, -- अभ्र: काला बादल, अंबर (वि०) गहरे नीले वस्त्रों से सुसज्जित ( : ) 1. राक्षस, पिशाच 2. शनि ग्रह 3. वलराम का विशेषण, अरुणः प्रभातकाल, पी फटना, अश्यन् (पुं० ) नीलमणि - कंठ: 1. मोर, मा० ९।३०, मेघ० ७९ 2. शिव का विशेषण 3. एक प्रकार का जलकुक्कुट 4. नीलकंठ पक्षी 5. खंजन पक्षी 6. चिड़िया 7. मधुमक्खी, केशी नील का पैथा, ग्रीवः शिव का विशेषण, छदः 1. छुहारे का पेड़ 2. गरुड़ का विशेषण, तरुः नारियल का वृक्ष - ताल: तमाल का वृक्ष, पंकः, -कम् अंधेरा, -पटलम् 1. काला आवरण, काली तह 2. अंबे आदमी की आँख का जाला पंच० ५-- पिच्छः बाज पक्षी, -- पुष्पिका 1. नील का पौधा 2. अलसी --भः 1. चाँद 2. बादल 3. मधुमक्खी, मणिरत्नम् नीलम नीलकान्तमणि - नेपथ्यो चितनील रत्नम् -- गीत ● भामि० २२४२, - मोलिकः जुगनू, मृत्तिका 1. लौहमाक्षिक 2. काली मिट्टी, राजिः (स्नी०) अंधकार की रेखा, गुप अंधेरा, घोर अंधकार --निशाशशांकक्षतनीलराजयः - ऋतु० ११२ - लोहितः शिव का विशेषण, श० ७१३७ कु० २।५७ | नीलकम् [नील | कन् ] 1. काला नमक 2. नीला इस्पात 3. तूतिया, कः काले रंग का घोड़ा ।
५,
नीलं (लो) गु: ( नि + लङ्ग + कु, पूर्वदीर्घः ] एक प्रकार
का कोड़ा। नीला दे० नीलो | नीलिका (नील० +क-टाप् इत्वम् नोल का पौधा ('नीलिनी' भी ।
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नीलिमन् (पुं०) (नील + इमनिच् ] नीलारंग, कालापन, नीलापन ।
नीली (नील + अच् + ङीप] 1. नील का पौधा - तत्र नीलीरस परिपूर्ण महाभांडमासीत् पंच० १ एको ग्रहस्तु मीनानां नीलीमद्यपयोर्यथा- पंच० १ २६० 2. नीलमक्खियों की एक जाति 3. एक प्रकार का रोग । सम० - राग ( वि० ) अनुराग में दृढ़ (गः) 1. नील के रंग की भांति अपरिवर्तनीय स्नेह, दृढानुरक्ति 2. पक्का मित्र - संधानम् नील का खमीर भांडम नील का वर्तन ।
नीवरः [नी + ध्वरक् ] 1. व्यवसाय, व्यापार 2. व्यावसायिक 3. धर्मभिक्षु, सन्यासी 4 कीचड़, - रम्
जल |
नोवाकः [नि + वच् + घञ, कुत्वं, डीर्घः] 1. कमी के समय अनाज की बढ़ी मांग 2. दुर्भिक्ष, अकाल । नीवारः [नि + वृ + घञ, दीर्घ जंगली चावल जो बिना जोते बोये उत्पन्न हो- नीवारः शुकगर्भ कोटरमुखभ्रष्टास्तरूणामथः-श० १।१४, रघु० १५०,५९,१५१ नीविः, -वी (स्त्रिी० ) [ निव्ययति निवीयते वा नि+व्ये
+इन्, नीवि + ङीप् ] कमर में लपेटी हुई घोती, धोती के दोनों किनारों की गांठ जो सामने पेट पर बांधी जाय, धोती की गाँठ, नाड़ा, कमरबन्द - प्रस्थानभिन्नां न वबंधनोविम्-- रघु० ७१९, नीवीबंधोछ्वसनम् - मा० २३५, कु० ११३८, नीवि प्रति प्रणिहिते तु करे प्रियेण - काव्य० ४, मेक० ६८, शि० १०/६४ 2. पंजी, मूलधन 3. दाँव, बाजी, शतं । नीवत् (पुं० ) ( नि + वृ + क्विप्, पूर्वदीर्घः ] कोई भी आबाद देश, राज्य, राजधानी ।
नीव दे० नीघ्र |
नीशारः [नि + - शृ + घञ्ञ, पूर्व दीर्घः ] 1. गरम कपड़ा, कंबल 2. मसहरी, मच्छदानी 3. कनात ।
नोहारः [नि + ह् + घञ, पूर्वदीर्घः ] 1, कुहरा, धुंध
रघु० ७१६०, याज्ञ० १।१५०, मनु० ४।११३ 2. पाला, भारी ओस 3. मलमूत्र त्याग ।
तु
( अव्य० ) [नुद् + डू] प्रश्नवाचकता का द्योतक तथा ''सन्देह' एवं 'अनिश्चयात्मकता' प्रकट करने वाला अव्य० -- स्वत्लो नु माया नु मतिभ्रमो नु - श०, अस्तशैलगहनं नु विवस्वानाविवेश जलधि तु महींनु - कि० ९७,५१, ८।५३, ९१५, ५४, १३१४, कु० १ ४७, शि० १० १४, श० २१८ २. 'संभावना' और 'अवश्य' के अर्थों को बतलाने के लिए इसे प्रश्नवाचक सर्वनाम तथा उससे व्युत्पन्न शब्दों से साथ जोड़ दिया जाता है कि न्वेतत्स्यात्किमन्यदितोऽथवा मा० १।१७, कथं नु गुणवद्विदेय कलत्रम् - दश ०, दे० किन्तु भी ।
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