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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( ४७१ ) करना, दर्शनीय बनना -- तदेव मे दर्शय देव रूपम् ) - भग० ११।४५ 4. ( न्यायालय आदि में ) प्रस्तुत करना - मनु० ८।१५८ 5. ( साक्षी के रूप में ) उपस्थित करना -- अत्र श्रुति दर्शयति 6. ( आ० ) अपने आप को दिखलाना, प्रकट होना, अपनी कोई वस्तु दिखलाना - भवो भक्तान् दर्शयते - सिद्धा० ( अर्थात् स्वयमेव ), स्वां गृहेऽपि वनितां कथमास्यं ह्रीनिमोलि खलु दर्शयिताहे - नं० ५।७१ स सन्ततं दर्शयते गतस्मयः कृताधिपत्यामिव साधु बन्धुताम् कि० १ १०, इच्छा० -- दिदृक्षते - देखने की इच्छा करना, अनुभावदृश्य के रूप में देखना- प्रेर० 1. दिखलाना, प्रदर्शन करना 2. स्पष्ट करना, व्याख्या करना, आ, प्रेर० दिखलाना, संकेत करना - उत्कलादर्शितपथ: कलिंगाभिमुखो यो — रघु० ४१३८, उद्, प्रत्याशा करना, मुँह ताकना, आगे का देखना, मनोगत भाव देखना --- उत्पश्यतः सिंहनिपातमुग्रम् - रघु० २६०, उत्पश्यामि द्रुतमपि सखे मत्प्रियार्थं यियासोः कालक्षेप ककुभसुरभी पर्वते पर्वते ते मेघ० २२, उप-, देखना, अवलोकन करना--- प्रेर० सामने रखना, समाचार देना, परिचित करना - राज्ञः पुरो मामुपदर्श्य हि० ३, नयविर्निवे राज्ञि सदसच्चोपदर्शितम् - रघु ० ४ ॥ १०, नि, प्रेर० 1. दिखलाना, संकेत करना - रघु० ६४३१२. सिद्ध करना, करके दिखलाना 3. विचार करना, बातचीत करना, चर्चा करना (जैसे पुस्तकादिक में ) 4. अध्यापन करना 5. उदाहरण देकर समझाना दे० निदर्शना, प्र, प्रेर० 1. दिखलाना, संकेत करना खोज लेना, प्रदर्शित करना 2. सिद्ध करना, करके दिखलाना, सम्1. देखना, अवलोकन करना - भट्टि०१६/९ 2. भलीभाँति देखना, समीक्षा करना - प्रेर० दिखलाना, प्रदर्शित करना, खोज निकालना - आत्मानं मृतवत्संद - हि० १, भट्टि० ४/३३, मालवि० ४१९ । दृश् (वि० ) [ दृश् + क्विप् ] ( समासान्त में) 1. देखने वाला, ratक्षण करने वाला, सर्वेक्षण करने वाला, समीक्षा करने वाला 2. विवेचन करने वाला, जानने वाला 3. ( के समान) दिखलाई देने वाला, प्रतीत होने वाला ( स्त्री० ) 1. देखना, समीक्षा, दृष्टिगोचर करना, 2. आँख, दृष्टि - संदधे दृशमुदग्रतारकाम्- रघु० ११ ॥ ६९3. ज्ञान 4. 'दो' की संख्या 5. ग्रहदशा । सम० - अध्यक्षः सूर्य, - कर्ण: साँप - क्षयः दृष्टि की क्षीणता या हानि, धुंधला दिखाई देना, - गोचर: दृष्टि-परास, - जलम् आँसू, क्षेपः ज्या पराकोटि की दूरी की लम्बरेखा, -- पथः दृष्टिपरास, पातः दृष्टि, झलक, -प्रिया सौन्दर्य, प्रभा, भक्तिः (स्त्री० ) प्रेमदृष्टि, अनुरागभरी चितवन,लम्बनम् ऊर्ध्वाधर दिग्भेद, - विषः साँप, श्रुतिः सर्प, साँप । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वृशद् (स्त्री० ) [दृषद्, पृषो०] पत्थर, दे० दृषद् । दृशा (दृश् + टाप्] आँख | सम० - आर्काक्ष्यम् – कमल, -- उपमम् श्वेत कमल । दृशानः [ दुश् + आनच् ] 1. आध्यात्मिक गुरु 2. ब्राह्मण 3. लोकपाल, नम् प्रकाश, उजाला । वृशिः, शी ( स्त्री० ) [ दृश् +इन्, दृशि + ङीष् ] 1. आँख शास्त्र | वृश्य (सं० कृ० ) 1. देखे जाने योग्य, दर्शनीय 2. देखने के 3. सुन्दर, दृष्टिसुखद, प्रिय- रघु० ६ ३१, कु० ७ ६४, - श्यम् दिखाई देन वाला पदार्थ - मालवि० १।९ । दृश्वन् ( वि० ) [ दृश् + क्वनिप् ] ( समासान्त में ) 1. देखने वाला, दृष्टिगोचर करने वाला 2. (आलं०) परिचित, जानकार जैसा कि 'श्रुतिपारदृश्वा - रघु० ५।२४ तथा विद्यानां पारदृश्वनः - १।२३ में । दृषद् (स्त्री० ) [दु + अदि, षुक्, ह्रस्वश्च ] 1. चट्टान, बड़ा पत्थर - मेघ० ५५, रघु० ४।७४, भर्तृ० ११३८ 2. चक्की का पत्थर, शिला ( जिस पर मसाला आदि पीसा जाय ) । - उपल: मसाला आदि पीसने के लिए सिल- ( दृषदिमायक: चक्कियों से लिया जाने वाला कर) । दृषद्वत् (वि० ) [ दृषद् + व्रत् ] पथरीला, चट्टान से बना हुआ,—ती एक नदी का नाम जो आर्यावर्त की पूर्वी सीमा बनाती है तथा सरस्वती नदी में मिलती है । तु० मनु० २।१७ | दृष्ट (भू० क० कृ० ) [ दृश् + क्त ] 1. देखा हुआ, अब लोकन किया हुआ, दृष्टिगोचर किया हुआ, पर्यवेक्षित निहारा हुआ 2. दर्शनीय, पर्यवेक्षणीय 3. माना गया, खयाल किया गया 4. घटित होने वाला, मिला हुआ 5. प्रकट होने वाला व्यक्त 6 जाना हुआ, मालूम किया हुआ 7. निर्धारित, निर्णीत निश्चित 8. वैध 9. नियत किया गया- दे० दृश्, ष्टम् डाकुओं से डर । सम० -- अन्तः, तम् 1. उदाहरण, निदर्शन, दृष्टांत कथा - पूर्णश्चन्द्रोदयाकांक्षी दृष्टान्तोऽत्र महार्णवः -- शि० २।३१ 2. (अलं० शा ० में) एक अलंकार जिसमें कोई उक्ति उदाहरण देकर समझाई जाय ( उपमा और प्रतिवस्तूपमा से भिन्न- दे० काव्य ० १०, और रस० ) 3. शास्त्र या विज्ञान 4. मृत्यु ( तु० दृष्टांत ), अर्थ ( वि० ) 1. जिसका अर्थ बिल्कुल स्पष्ट तथा व्यक्त हो 2. व्यावहारिक, कष्ट, दुःख जिसने मुसीबत झेली हों, कष्ट सहन करने का अभ्यस्त हो गया हो, कूटम् पहेली, गूढ़ प्रश्न - दोष (वि०) 1. जिसमें दोष देखा गया हो, जिसे अपराधी समझा गया हो 2. दुर्व्यसनी 3. जिसका भंडाफोड़ हो गया हो, जिसका पता लगा लिया गया हो, प्रत्यय ( वि० ). 1. विश्वास रखने वाला 2. विश्वस्त - रजस् (स्त्री० For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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