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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दीये का गुलादपः, वृक्षः दीपक, र शत्र: पतंग, दीधितिः (स्त्री०) [दीधी+क्तिन, इट, ईकारलोपश्च ।। दीये का गुल-कपी,-खरी दीवे की बत्ती-ध्वजः 1. प्रकाश की किरण --रघु० ३।२२, १७।४८, न० काजल, पादपः, -वृक्षः दीपाधार, दीवट,--पुष्पः २।६९ 2. आभा, उजाला 3. शारीरिक कान्ति, स्फूति चम्पा का वृक्ष--भाजनम् दीपक, रघु० १९।५१, --भर्तृ० २।२९। -माला प्रकाश करना, रोशनी करना,-शत्रुः पतंग, दीधितिमत् (वि०) दीधिति+मतुप् ] उज्ज्वल (पुं०) -शिखा दीपक की लौ,-शृङ्खला दीवों की पंक्ति, सूर्य--कु० २२, ७७० । रोशनी। दोधी (अदा० आ० दीघोते) 1. चमकना 2. दिखाई देना, | दीपक (वि.) (स्त्री०-पिका) [ दीप+णिचण्वुल ] प्रतीत होना। 1. आग सुलगाने वाला, प्रज्वलित करने वाला दीन (वि.) [दी+क्त, तस्य नः] 1. गरीब, दरिद्र 2. दुःखी 2. रोशनी करने वाला, उज्ज्वल बनाने वाला 3. सचित्र नष्ट-भ्रष्ट, कष्टप्रस्त, दयनीय, अभागा 3. खिन्न, बनाने वाला, सुन्दर बनाने वाला, विख्यात करने वाला उदास, विषण्ण, शोकग्रस्त-सा विरहे तव दीना 4. उत्तेजक, प्रखर करने वाला-शि० २०५५ -गीत०४ 4. भीरु, डरा हुआ 5. क्षुद्र, शोचनीय 5. पौष्टिक, पाचन शक्ति को उद्दीप्त करने वाला, —भर्त० २।५१, -नः गरीब आदमी, दुःखी या विपद्- पाचनशील,-कः 1. प्रदीप-तावदेव कृतिनामपि स्फुरत्येष ग्रस्त ---दीनानां कल्पवृक्षः -मच्छ० ११४८, विनानि निर्मल विवेकदीपक:-भर्त० २५६ 2. बाज़ 3. कामदेव दीनोद्धरणोचितस्य---रघु० २।२५। सम०-दयालु, का विशेषण ('दीप्यक' भो),-कम् 1. ज़ाफ़रान, केसर -वत्सल (वि.) दीन-दुखियों के प्रति कृपालु-बन्धुः 2. (अलं० शा०) एक अलंकार जिसमें समान विशेषण दीन-दुखियों का मित्र। रखने वाले दो या दो से अधिक पदार्थ (प्रकृत और दीनारः [दी+आरक, नुट्] 1. एक सोने का विशेष सिक्का, अप्रकृत) एक जगह मिला दिये जायें, या जिसमें -जितश्चासौ मया षोडशसहस्राणि दीनाराणाम्-दश० कुछ विशेषण (प्रकृत और अप्रकृत) एक ही कर्म के 2. सिक्का 3. सोने का आभूषण । विधेय बना दिये जायँ, सकृद्वत्तिस्तु धर्मस्य प्रकृतादीप (दिवा० आ०-दोप्यते, दीप्त --वारम-देदीप्यते) प्रकृतात्मनां, सैव क्रियासु बह्वीषु कारकस्येतिदीपकम् ; 1. चमकना, जगमगाना (आलं. भी)-सर्वैरुपैः समग्रै- -काव्य० १०, तु० चन्द्रा०--बदन्ति वावानां स्त्वमिव नपगणैर्दीप्यते सप्तसप्ति: ---मालवि० २।१३, धर्मैक्यं दीपकं वुधाः, मदेन भाति कलभः प्रतापेन तरुणीस्तन इव दीप्यते मणिहारावलि रामणीयकम् | महीपतिः -- ५।४५ । -०२१४४, भट्टि० २२, रघ ० १४१६४, हि०प्र० दीपन (वि०) [ दीप् +णिच् + ल्युट्] 1. आग सुलगाने ४६ 2. जलना, प्रकाशित होना-यथा यथा चेयं चपला वाला, प्रकाश करने वाला 2. पूष्टिकारक, पाचनशक्ति दीप्यते -का० १०५ 3. दहकना, प्रज्वलित होना, को उद्दीप्त करने वाला 3. उतेजक, उद्दीपक 4. केसर, बड़ना--(आलं. भी) रघु० ५।४७, भट्टि० १४।८८, जाफ़रान । शि० २०७१ 4. क्रोध से आगबबूला होना-कि० - दीपिका [दीप+णिच्--ण्वुल-टाप, इत्वम्] 1. प्रकाश, ३।५५ 5. प्रख्यात होना-प्रेर० दोपयति-ते, आग मशाल-रघु० ४।४५, ९।७० 2. (समास के अन्त सुलगाना-प्रज्वलित करना, रोशनी करना, प्रकाश में) सचित्र वर्णन करने वाला, स्पष्टकर्ता; तर्ककरना, वन्दावनान्तरमदीपदंशजालैः (इन्दुः)-गीत. दीपिका। ७, उद्-, प्रेर० 1. आग सुलगाना, 2. उद्बोधित करना, दीपित (वि.) [दीप् णिच्+क्त] 1. जिसको आग लगा उत्तजित करना, उद्दीपित करना, प्र-सम-, चमकना, दी गई हो 2. प्रज्वलित 3. रोशनीवाला, प्रकाशमय जगमगाना। 4. प्रव्यक्त, प्रकाशित। दीपः [दी-+-णि+अच], लैप, दीवा, प्रकाश-नपदीपो | दीप्त (भू० क० कृ०) [दीप्+क्त ] 1. जलाया हुआ, धनस्नेहं प्रजाभ्यः संहरन्नपि, अन्तरस्थैर्गुणः शुभ्रलक्ष्यते प्रज्वलित, सुलगाया हुआ 2. दहकता हुआ, गरम, नैव केनचित्-व० १२२२१, न हि दोपौ परस्पर- प्रकाश उगलने वाला, चकाचौंध करने वाला 3. प्रकाशस्योपकुरुतः --शारी०, इसी प्रकार 'ज्ञानदीप' । समः मय 4. उत्तेजित, उद्दीपित,–प्तः 1. सिंह 2. नींबू का -अन्विता 1. अमावस्या 2.--दीपावलो,--आराधनम् पेड़,-सम् सोना । सम०-अंशः सूर्य,-अक्षः विल्ली, दीप थाल में रख कर देवमति की आरती उतारना, -अग्नि (वि.) (आग को भाँति) सुलगाया हुआ ---आलिः, -ली,-आवली-उत्सवः 1. दीपपंक्ति, (-ग्निः) 1. धधकती हुई आग 2. अगस्त्य का नाम, रात के समय रोशनी करना 2. विशेषरूप से दिवाली -अङ्गः मोर,-आत्मन् (वि.) जोशीले स्वभाव का, का उत्सव जो कार्तिक को अमावस्या में मनाया जाता -- --उपल: सूर्यकान्तमणि,-किरणः सूर्य,---कीतिः है,-कलिका दीपक की लौ,-किट्रम् दीपक का फूल, । कार्तिकेय का विशेषण,-बिहा लोमड़ी (आलंकारिक For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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