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( ४५८ )
रखना, शर्त लगाना 7. बेचना, व्यापार करना ( सम्बन्ध० के साथ) - अदेवी बंधुभोगानाम् - भट्टि० ८। १२२, (उपसर्ग पूर्व होने पर कर्म० या सम्बन्ध० के साथ — शतं शतस्य वा परिदीव्यति सिद्धा० ) 8. उड़ाना, अपव्यय करना 9. प्रशंसा करना 10. प्रसन्न होना, हर्ष मनाना 11. पागल होना, पीकर मस्त होना 12. नींद आना 13. कामना करना, ii ( भ्वा० पर०, चुरा० उभ० देवति, देवयति - ते ) विलाप कराना, पीडा दिलाना, प्रकुपित कराना, सताना, iii ( चुरा० आ० – देवयते ) पीडा सहन करना, विलाप करना, आर्तनाद करना, परि - विलाप करना, क्रन्दन करना, पीडा सहन करना । भट्टि० ४१३४ । दिव् (स्त्री० ) दीव्यन्त्यत्र दिव् + बा आधारे डिवि तारा० ] ( कर्तृ० ए० ब० द्यौः ) 1. स्वर्ग, रघु० ३४, १२, मेघ० ३० 2. आकाश 3 दिन 4. प्रकाश, उजाला - विशे० वह समस्त शब्द जिनका पूर्वपद दिव् हैं, अधिकांश अनियमित हैं--उदा० दिवस्पतिः इन्द्र का विशेषण, अनतिक्रमणीया दिवस्पतेराज्ञा- श० ६, - दिवस्पृथिव्यों स्वर्ग और पृथिवी - दिविजः, -दिविष्ठः, - दिविस्थ, – दिविस ( ब ) द (पुं०) दिवोस् (पुं० ) दिवौकस्, सः स्वर्ग का रहने वाला, देवता - श० ७, रघु० ३।१९, ४७, दिविषद्द्वृन्दैः गीत० ७ । दिवम् (नपुं०) [ दिव् + क] 1. स्वर्ग 2. आकाश 3. दिन
4. वन, जङ्गल, अरण्य ।
दिवसः, -सम् [ दीव्यतेऽत्र दिव् + असच् किक्च] दिन - दिवस वायामस्तपात्यये जीवलोकस्य - श० ३।१२ । सम० -- ईश्वरः करः सूर्य, ऋतु० ३१२२, मुखम् प्रातःकाल, प्रभात, विगमः सायंकाल, सूर्यास्त- मेघ० ९९ । दिवा ( अव्य० ) [ दिव् + का ] दिन में, दिन के समय, दिवाभू --दिन निकलना । सम० - अटनः कौवा, - अन्धः उल्लू, · अन्धकी, — अन्धिका छछुन्दर, करः 1. सूर्य कु० १११२, ४/४८ 2. कौवा 3. सूरजमुखी फूल, -- कीर्ति: 1. चाण्डाल, नीच जाति का पुरुष 2. नाई 3. उल्लू, निशम् ( अव्य०) दिन रात, प्रदीपः दिन का दीपक या लैम्प, अप्रसिद्ध पुरुष, – भीतः, -भीतिः 1. उल्लू - दिवाकराद्रक्षति यो गुहासु लीनं दिवाभीतमिवान्धकारम् - कु० १।१२ 2. चोर, सेंध लगानेवाला, - मध्यम् मध्याह्न, रात्रम् (अव्य०) दिनरात, - वसुः सूर्य - शय ( वि० ) दिन में सोने वाला - रघु० १९१३४, स्वप्नः -- स्वापः दिन के समय सोना ।
विवातन ( वि० ) ( स्त्री० - नी ) [ दिवाभवः - ट्यु, तुट् च ] दिन का या दिन से सम्बन्ध रखने वाला -- कु० ४/४६, भट्टि० ५/६५ ।
दिवि: [ दिव् + इन्] चाष पक्षी, नीलकण्ठ ('दिवः' भी ) ।
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दिव्य ( वि० ) [ दिव् + यत् ] 1. देवी, स्वर्गीय, आकाशीय 2. अति प्राकृतिक, अलौकिक---परदोषेक्षणदिव्यचक्षुषः - शि० १६।२९, भग० १११८ 3. उज्ज्वल, शानदार 4. मनोहर, सुन्दर, – व्यः 1. अलौकिक या स्वर्गीय प्राणी - दिव्यानामपि कृतविस्मयां पुरस्तात्- शि० ८०६४ 2. जो 3. यम का विशेषण 4. दार्शनिक, व्यम् 1. देवी प्रकृति, दिव्यता 2. आकाश 3. देवी परीक्षा ( यह दस प्रकार की गिनाई गई है ), तु० याज्ञ० २२२, ९५ 4. शपथ, सत्योक्ति 5. लौंग 6. एक प्रकार का चन्दन । सम० अंशुः सूर्य, - अङ्गना - नारी, - स्त्री स्वर्गीय अप्सरा, दिव्य कन्या, अप्सरा, अदिव्य ( वि० ) कुछ लौकिक तथा कुछ अलौकिक (जैसा कि अर्जुन), उदकम् वर्षा का जल, -- कारिन् (वि० ) 1. शपथ उठाने वाला 2. अग्नि परीक्षा देने वाला, - गायनः गन्धर्व, --चक्षुस् ( वि० ) 1. अलौकिक दृष्टि रखने वाला, दिव्य आँखों से युक्त रघु० ३।४५ 2. अन्धा ( पुं० ) बन्दर ( नपुं० ) ॠषीय आँख, अलौकिक दृष्टि, मानव आँखों द्वारा अदृष्ट पदार्थों को देखने की शक्ति, ज्ञानम् अलौकिक जानकारी, दृश् ( पुं० ) ज्योतिषी, प्रश्नः दिव्यलोकान्तर्गत तत्त्वों की पूछताछ, भावी घटना क्रम की पूछ ताछ शकुन विचार, - मानुषः उपदेवता,-रत्नम् काल्पनिक रत्न जो स्वामी की सब इच्छाओं को पूरा करने वाला कहा जाता है, दार्शनिकों की मणि तु० चिन्तामणि, रथः स्वर्गीय रथ जो आकाश में चलता है, रसः पारा, अस्त्र ( वि० ) दिव्य वस्त्रों को धारण करने वाला ( स्त्रः ) 1. धूप 2. सूरजमुखी का फूल, सरित् (स्त्री० ) आकाशगङ्गा, सारः साल का वृक्ष । दिश ( तुदा० उभ० - दिशति-ते, दिष्ट; प्रेर० देशयति - ते, इच्छा० दिदिक्षति-ते ) 1. संकेत करना, दिखलाना, प्रदर्शन करना, ( साक्षी के रूप में) प्रस्तुत करना - साक्षिणः सन्ति मेत्युक्त्या दिशेत्युक्तो दिशेन यः - मनु० ८/५७, ५३ 2. अधिन्यस्त करना; नियत करना - इष्टां गति तस्य सुरा दिशन्ति महा० 3. देना, स्वीकार करना, प्रदान करना, अर्पण करना, सौंपना -- बाणमत्र भवते निजं दिशन् कि० १३६८, रघु० ५/३०, ११२, १६।७२ 4. ( कर के रूप में) देना 5. स्वीकृति देना - रघु० ११/४९ 6. निदेश देना, आदेश देना, हुक्म देना 7. अनुज्ञा देना, इजाजत देना -स्मतु दिशन्ति न दिवः सुरसुन्दरीभ्यः - कि० ५/२८, अति-, 1 अधिन्यस्त करना, सौंपना 2. प्रयोग का विस्तार करना, सादृश्य के आधार पर घटाना इति ये प्रत्यया उक्तास्तेऽत्रातिदिश्यन्ते सिद्धा०, या प्रधानमल्ल निर्वहणन्यायेनातिदिशति-शारी०, अप-, 1. संकेत करना, इशारा करना, दिखलाना 2. प्रकथन करना,
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