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( ४४८ ) समासान्तः इच्, पूर्वपददीर्घः] ऐसी लड़ाई जिसमें एक हमयः,-युः [ दम् +अथच्, अथुच् वा ] 1. अपनी उग्र दूसरे को दाँतों से काटा जाय ।
वृत्तियों को रोकना, या वश में करना आत्मनियन्त्रण दन्तावलः, वन्तिम् (पुं०) [अतिशायिती दन्तो यस्य-दन्त
2. दण्ड। +वलच्, दीर्घः, दन्त-+इनि] हाथी,--भामि० १६०, दमन (वि०) (स्त्री०-नी) [दम् + ल्युट्] 1. पालने वाला, तृणैर्गुणत्वमापन्नध्यन्ते मत्तदन्तिनः--हि. ११३५,
दबाने वाला, वश में करने वाला, जोतने वाला हराने रघु० १७१, कु० १६।२।
बाला-जामदग्न्यस्य दमने नव निर्वक्तुमर्हसि-उत्तर० दन्तुर (वि.) [दन्त+उरच बड़े २ या आग निकले हुए ५।३२, भर्तृ० ३८९ इसी प्रकार 'सर्वदमन' 'अरि
दांतों वाला-शूकरे निहते चैव दन्तुरो जायते नरः दमन' 2. शान्त, निरावेश, नम् 1. पालना, वश में -तारा०, शि०६।५४ 2. दाँतेदार, दन्तुरित, दरार- करना, दबाना, नियन्त्रित करना 2. दण्ड देना, ताड़ना दार, दंदानेदार, उन्नतावनत, विषम (आलं.) अखर्व- करना-दुर्दान्तानां दमनविधयः क्षत्रियेष्वायतन्ते गर्वस्मितदन्तुरेण-विक्रमांक० १५० 3. उमिल ----महावी० ३।३४ 3. आत्मसंयम । 4. उठना (बालों का) खड़ा होना । सम०-छदः नींबू दमयन्ती दमयति नाशयति अमङ्गलादिकम् ---दम्+णिच् का पेड़।
+शत-डीष] विदर्भ के राजा भीम की पुत्री (इसका दन्तुरित (वि.) [दन्तुर+इतच] बड़े या आगे निकले हुए
नाम 'दमयन्ती' इस लिए पड़ा था-कि इसने अपने दांतों वाला 2. दांतेदार, उन्नतावनत, खड़े रोंगटों
अनुपम सौन्दर्य से सभी सुन्दर महिलाओं का दर्प चूर वाला-केतकिदन्तुरिताशे-गीत० १, पुलकभर ११,
चूर कर दिया था-०२।१८ - भुवनत्रयसुभ्रुवामसी का० २८६ ।
दमयन्ती कमनीयतामदम्, उदियाय यतस्तनुश्रिया दमदन्त्य (वि.) [दन्त यत् दाँतों से सम्बद्ध,-त्यः (अर्थात्
यन्तीति ततोऽभिधां दधी। एक स्वर्णहंस ने पहले वर्णः) दन्तस्थानीय वर्ण, दे० 'दन्तमूलीय' ऊपर ।।
दमयन्ती के सामने नल के गण और सौन्दर्य की प्रशंसा बन्दशः (पुं०) दाँत ।
की फिर उसी के द्वारा दमयन्ती ने अपने प्रेम का बन्दशक (वि.) [दंश-+-यङ+ ऊक ] 1. काटने वाला,
समाचार उसको भिजवाया। उसके पश्चात् स्वयम्वर विषैला 2. उत्पाती,--क: 1. साँप, सर्प 2. रेंगने वाला
में दमयन्ती ने नल को उन बहत से प्रतियोगियों में से, जन्तु 3. राक्षस-इषुमति रघुसिंहे दन्दशकाजिघांसी
जिनमें कि इन्द्र, अग्नि, यम और वरुण यह चारों देव -भट्टि० १।२६ ।
भी स्वयं उपस्थित थे, पति के रूप में चुन लिया और बम, बम्भ i (म्वा० स्वा० पर० दभति, दम्नोति दब्ध फिर दोनों प्रसन्नता पूर्वक अपना दाम्पत्य जीवन बिताने
---इच्छा० धिप्सति, धीप्सति, दिदम्भिषति) 1. क्षति लगे। परन्तु उनका यह सुखमय जीवन अधिक देर पहँचाना, चोट पहुँचाना 2. धोखा देना, ठगना 3. जाना, तक नहीं रहना था। नल के सौभाग्य से ईर्ष्या करने ii (चुरा० उभ० दम्भयति-ते) ठेलना, उकसाना, | वाला कलि, नल के शरीर में प्रविष्ट हो गया और ढकेलना।
उसने नल को अपने भाई पुष्कर के साथ जुआ खेलने भ्र (वि.) [दम्भ+-रक] थोड़ा, स्वल्प,--अदभ्रदर्भामधि- के लिए उकसाया। खेल की गर्मी में ही मूढ़ राजा शय्य स स्थलीम् --कि० ११३८, दे० अदभ्र,-भ्रः समुद्र, ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया और स्वयं तथा
-भ्रम् (अव्य०) थोड़ा, जरा, किसी अंश तक। पली को छोड़ सब कुछ हार गया। फलतः नल बम् (दिवा० पर० --दाम्यति, दमित, दान्त-प्रेर० दमयति) और दमयन्ती को केवल एक वस्त्र पहने राजधानी से
1. पाला जाना 2. शान्त होना - मनु० ४१३५, ६८, निकाल दिया गया। दमयन्ती को बहुत से कष्ट ७।१४१ 3. पालना, वश में करना, जीतना, रोकना उठाने पड़े। परन्तु उसकी पति-भक्ति में कोई अन्तर -यमो दाम्यति राक्षसान्--भट्टि० १८२०, दमित्वा- न आया। एक दिन जब दमयन्ती पड़ी सो रही थी,
प्यरिसंघातान्-९।४२, १९, १५।३७ 4. शान्त करना । हताश होकर नल उसे छोड़ कर चल दिया। तब दमः [दम्+घञ | 1. पालना, दमन करना वश में करना) दमयन्ती को विवश होकर अपने पिता के घर जाना
2. आत्मनियन्त्रण, अपनी उग्र भावनाओं को वश में पड़ा। कुछ समय के पश्चात् वह फिर अपने पति से करना, आत्मसंयम--भग० १०१४,--(निग्रहो बाह्य- मिली और फिर शेष जीवन उन्होंने निर्बाधसुख में वृत्तीनां दम'इत्यभिधीयते) 3. बुराई को ओर से मन | विताया--दे० 'नल' और 'ऋतुपर्ण) 1 को हटाना, बुरी वृत्तियों का दमन करना (कुत्सिता- दमयित (वि.) [ दम् +-णिच् + तृन् ] 1. पालने वाला, कर्मणो विप्र यच्च चिननिवारणं, स कीर्तितो दमः) । दमन करने वाला 2. दण्ड देने वाला, ताड़ना करने 4. मन की दृढ़ता 5. दण्ड, जुर्माना - मनु० ९।२८४, वाला 3. विष्णु का विशेषण । २९०, याज्ञ०२१४ 6. दलदल, कीचड़ । | दमित (वि०) [दम्+क्त] 1. पाला हुआ, शान्त, शान्त
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