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उच्यते-मनु० १२।१० 16. चार हाथ के परिमाण एक प्रकार की व्यूह-रचना जिसमें सैनिक पास २ का नाप 17. लिंग 18. धमंड 19. शरीर 20. यम का कतारों में खड़े किये जाते है,---शास्त्रम् दण्ड निर्णय विशेषण 21. विष्णु का नाम 22. शिव का नाम का शास्त्र, दण्डविधान, -हस्तः 1. द्वारपाल, पहरेदार, 23. सूर्य का सेवक 24. घोड़ा (अन्तिम पाँच अर्थों में संतरी 2. यम का विशेषण।। 'ल्लिग' है)। सम०-अजिनम् 1. (भक्ति के बाह्य- | दण्डकः [ दण्ड कन् ] 1. छड़ी, डण्डा आदि 2. पङ्क्ति , सूचक) डण्डा और मृगछाला 2. (आलं.) पाखण्ड, कतार 3. एक छंद-दे० परिशिष्ट, --कः,-का, छल, -- अधिपः मुख्य दण्डाधिकरण,--अनीकम् सेना --कम दक्षिण में एक विख्यात प्रदेश जो नर्मदा और की एक टुकड़ी,-तव हृतवतो दण्डानीकैविदर्भपतेः गोदावरी के बीच में स्थित है (यह एक बड़ा प्रदेश श्रियम्-मालवि० ५।२,--अपूपन्यायः 'न्याय' के अन्त- है, कहते हैं राम के समय यहाँ जङ्गल था) प्राप्तानि र्गत दे०,-अर्ह (वि०) दण्ड दिये जाने के योग्य, दण्ड दुःखान्यपि दण्डकेष्वपि--रघु० १४।२५, कि नाम का भागी,-अलसिका हैजा,--आज्ञा दण्डित करने के दण्डकेयम् .. -उत्तर० २, क्वायोध्यायाः पुनरुपगमो लिए न्यायाधीश का वाक्य,---आहता मट्ठा, छाछ,
दण्डकायां वने वः --उत्तर० २०१३-१५ । -कर्मन् (नपुं०) दण्ड देना, ताडना करना, काकः बण्डनम् दण्ड + ल्युटु दण्ड देना, ताड़ना करना, जुर्माना पहाड़ी कौवा, काष्ठं लकड़ी का डण्डा या सोटा, करना। ---प्रहणम् संन्यासी का दण्ड ग्रहण करना, तीर्थयात्री | दण्डादण्डि (अव्य०) [ दण्डैश्च दण्डैश्च प्रहत्य प्रवृत्तं का डण्डा लेना, साधु हो जाना, --छदनम् बरतन रखने यद्धम् इच, द्वित्वं, पूर्वपददीर्घः ] लाठियों की लड़ाई, का कमरा,-ढक्का एक प्रकार का ढोल, ----दासः ऋण- वह मारपीट जिसमें दोनों ओर से लाठी चलती हों, परिशोध न करने के कारण बना हुआ सेवक, --देव- डण्डों की सोटों की लड़ाई। कुलम् न्यायालय, -धर, धार (वि.) 1. डण्डा रखने | दण्डारः [दण्ड+ऋ+अण् ] 1. गाड़ी 2. कुम्हार का चाक वाला, दण्डधारी 2. दण्ड देने वाला, ताडना करने ____3. बेड़ा, नाव 4. मदमस्त हाथी। वाला-उत्तर० २६१०, (-रः) 1. राजा -श्रमनुदं दण्डिकः [ दण्ड+ठन् ] दण्डधारी, छड़ीबरदार । मनुदण्डधरान्वयम् - रघु० ९।३ 2. यम 3. न्यायाधीश, दण्डिका [ दण्डिक-+टाप् ] 1. लकड़ी 2. पक्ति , कतार, सर्वोच्च दण्डाधिकरण,नायकः 1. न्यायाधीश, पुलिस श्रेणी 3. मोतियों को लड़ी, हार 4. रस्सी। का मुख्य अधिकारी, दण्डाधिकरण 2. सेना का मुखिया, | दण्डिन (पुं०) [ दण्ड---इनि ] 1. चौथे आश्रम में स्थित सेनापति, · नीतिः (स्त्री०) 1. न्याय प्रशासन, न्याय- ब्राह्मण, संन्यासी 2. द्वारपाल, ड्योढ़ीवान 3. डाँड करण 2. नागरिक तथा सैनिक प्रशासन,--पद्धति, चलाने वाला 4. जैन संन्यासी 5. यम का विशेषण राज्यशासनविधि, राज्यतंत्र ---रघु० १८१४६,---नेत 6. राजा 7. दशकूमार चरित और काव्यादर्श का रच(पुं०) राजा,-पः राजा -पांशुल: दरबान, द्वारपाल, यिता, दण्डी कवि-जाते जगति वाल्मीके कविरित्य-पाणिः यम का विशेषण,-पातः 1. डण्डे का गिरना भिघाऽभवत्, कवी इति ततो व्यासे कवयस्त्विति 2. दण्ड देना,..पातनम् दण्ड देना, ताडना करना दण्डिनि-उद्भट। --पारुष्यम् 1. संप्रहार, प्रघात 2. कठोर तथा दारुण | वत् (१०) [ सर्वनाम स्थान को छोड़ कर सर्वत्र 'दन्त' के दण्ड देना--पालः, -पालक: 1. मुख्य दण्डाधिकरण स्थान में 'दत्' आदेश विकल्प से ] दाँत । सम० 2. द्वारपाल, ड्योढ़ीवान,---पोणः मूठदार चलनी,
--छवः (दच्छदः) होछ, ओष्ठ । -प्रणामः 1. शरीर को विना झकाये नमस्कार करना
इत्त (भू० क० कृ०) [ दा+क्त ] 1. दिया हुआ, प्रदत्त, (डण्डे की भांति सीधे खड़े रह कर) 2. भूमि पर लेट
प्रस्तुत किया हुआ 2. सोंपा हुआ, वितरित, समर्पित कर प्रणाम करना,-बालधिः हाथी,-मनः दण्डाजा पर | 3. रक्खा हुआ, फैलाया हुआ-दे० 'दा', -- तः 1. हिन्द्र अमल न करना,-भृत् (पुं०) 1. कुम्हार 2. यम का धर्मशास्त्र में वणित १२ प्रकार के पुत्रों में से एक विशेषण,-माण (न) वः 1. दण्डधारी 2. दण्डधारो ('दत्त्रिम' भी कहते हैं)-- माता पिता वा दद्यातां संन्यासी, मार्गः राजमार्ग, मुख्यमार्ग,-यात्रा 1. बरात यद्भिः पुत्रमापदि, सदर्श प्रीतिसंयक्तं स ज्ञेयो दत्तिमः का जलूस 2. युद्ध के लिए कूच, दिग्विजय के लिए सुत: 1. मनु० ९।१६८ 2. वैश्यों के नामों के साथ प्रस्थान,---यामः 1. यम का विशेषण 2. अगस्त्य मुनि लगने वालो उपाधि तु० 'गुप्त' के अन्तर्गत उद्धरण से की उपाधि 3. दिन,--वादिन,-बासिन द्वारपाल 3. अत्रि और अनसूया का पुत्र--दे० 'दत्तात्रेय' नी०, सन्तरी, पहरेदार,- वाहिन् (पुं०) पुलिस अधिकारी, ----तम् उपहार, दान । सम०-अनपकर्मन्--अप्रदा
-विधिः 1. दण्ड देने का नियम 2. दण्डविधान, निकम् दी हुई वस्नु को न देना, या दान की हुई वस्तु -विष्कम्भः मथानी की रस्सी बांधने का खंभा,व्यहः को वापिस लेना, हिन्दू धर्मशास्त्र में वर्णित १८ स्वाधि
यामः
बार पुलिडविधा
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