SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 389
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ३८० ) रचनावादम् । | चिक्का-चिक्कणा इरच्, बा० ] चूहागडो लुक् च ] प्रत्याह परमेश्वर:-कू०६।२५ (कर्मवा०) उगना, चिक्कः (चिक् इति अव्यक्त शब्देन कायति शब्दायते-- चिक बढ़ना-अधोऽधः पश्यतः कस्य महिमा नोपचीयते +के+क] छबुंदर । -हि०२२ भट्रि०६।३३ शि०४।१०, नि-, ढकना चिक्कण (वि.) (स्त्री०-णा,-णी) [चिक्क, क्विप् भरना, फैलाना, बिखेरना (मुख्यतः क्तांत प्रयोग) चिक् तं कणति – कण शब्दे+अच् तारा० -निचितं खमुपेत्य नीरदै:-घट०१, शकुन्तनीडनिचितं 1. चिकना, चमकदार 2. फिसलनी 3. स्निग्ध 4. मसण, बिभ्रज्जटामण्डलम्-श०७।११, भट्टि०१०॥४२, निस् चर्बीला--लघु परित्रायतामेनां भवान् मा कस्यापि --, निर्धारण करना, संकल्प करना, निश्चय करना तपस्विन इंगुदीतैलचिक्कणशीर्षस्य हस्ते पतिष्यति परि-, 1. अभ्यास करना 2. प्राप्त करना, लेना --श० २,—णः सुपारी का पेड़,--णम् चिक्कणवृक्ष (कर्मवा०) बढ़ना--- रघु० ३।२४ प्र-, 1. इकट्ठा का फल, सुपारी। करना, चुनना 2. जोड़ना 3. बढ़ाना, विकसित करना | चिक्कणा,-णी 1. सुपारी का पेड़ 2. सुपारी। -प्राचीयमानावयवा रराज सा--रघु ० ३७, वि-, | चिक्कसः [ चिक्क् +असच जी का आटा। 1. एकत्र करना, चुनना 2. खोजना, ढूँढ़ना--विचित- | चिक्का-चिक्कणा।। इचैष समन्तात् श्मशानवाट:-मा० ५, विनिस्-, चिक्किरः [ चिक्क् + इरच, ब्रा०] चूहा, मूसा। निर्धारण करना, संकल्प करना, निश्चय करना-विनि- [ चिल्किदम् [क्लिद् + यङ्+अच, धातोद्वित्वं यडो लुक च] श्चेतुं शक्यो न सुखमिति वा दुःखमिति वा-उत्तर० | तरी, तरवट, ताजगी। ११३५, सम्-, 1. एकत्र करना, संग्रह करना, संचय | चिचिण्डः [?] एक प्रकार का कद् । करना-रक्षायोगादयमपि तपः प्रत्यहं संचिनोति ---श० चिच्छिलाः [पुं० ब०व० एक देश तथा उसके निवासी। २११४, रघु० १९।२, मनु० ६।१५ 2. क्रमबद्ध करना, चिचा [ चिम+चिन-ड-+टाप् ] 1. इमली का पेड़, या व्यवस्थित करना, ठीक से रखना--भट्टि० ३।३५, उसका फल 2. घुघची का पौधा। समुद्-, संग्रह करना, जोड़ना । | चिट् (भ्वा० पर०-चरा० उभ०-चेटति, चेटयति-ते) चिकित्सकः [कित्+सन्+ण्वुल ] वैद्य, हकीम, डाक्टर भेजना, बाहर भेजना (जैसे कि किसी सेवक को भेजा -उचितवेलातिक्रमे चिकित्सका दोषमुदाहरन्ति--माल जाता है)। वि० २, भर्तृ० ११८७, याज्ञ० १।१६२ । चित् (भ्वा० पर०, चुरा० आ०--चेतति, चेतयते, चेतित) चिकित्सा [कित्+सन्+अ-टाप्] औषध सेवन करना, 1. प्रत्यक्षज्ञान प्राप्त करना, देखना, नजर डालना, औषधोपचार, इलाज करना, स्वस्थ करना। दृष्टिगोचर करना-नेषूनचेतनस्यन्तम्-भट्टि० १७।१६, चिकिलः [ चि+इलच्, कुक्] कीचड़, महापंक, कर्दम, चिचेत रामस्तत्कृच्छम् ----१४१६२ १५।३८, २।२९ दलदल। 2. जानना, समझना, चौकस होना, सतर्क होना -परचिकीर्षा [कृ+सन्+अ+टाप, द्वित्वम् ] (कोई काम) रध्यारुह्यमाणमात्मानं न चेतयते-दश० १५४ चैतन्य करने की इच्छा, कामना, अभिलाषा, इच्छा। प्राप्त करना 4. प्रकट होना, चमकना । चिकोषित (वि०) [कृ+सन+क्त, द्वित्वम् ] अभिलषित, | | चित् (स्त्री०) [चित्+क्विप] 1. विचार, प्रत्यक्ष ज्ञान इच्छित, साभिप्राय,–तम् अभिकल्प, आशय, अभि 2. प्रज्ञा, बुद्धि, समझ-भर्तृ०२।१, ३।१ 3. हृदय, प्राय । मन 4. आत्मा, जीव, जीवन में सजीवता-सिद्धांत चिकीर्ष (वि०) [कृ+सन्+उ, धातोद्वित्वम्] कुछ करने 5. ब्रह्म। सम०---आत्मन् (पुं०) 1. चितनसिद्धांत की इच्छा वाला, इच्छुक,-भग०११२३, ३।२५ । या शक्ति 2. केवल प्रज्ञा, परमात्मा,-आत्मकम् चिकुर (वि.) [चि इत्यव्यक्त शब्दं करोति -चि+कुर चैतन्य,--आभासः जीव (जो सांसारिक वासनाओं में +क] 1. हिलने-जुलने वाला, कम्पमान, चंचल, लिप्त है),-उल्लासः जीवों के हृदय का हर्ष,- घनः अस्थिर 2. अविचार पूर्ण, आवेशयुक्त--रः 1. सिर के परमात्मा या ब्रह्म, - प्रवृत्तिः (स्त्री०) विचारविमर्श, बाल-मम रुचिरे चिकुरे कुरु मानदं....'कुसुमानि चितन,-शक्तिः (स्त्री०) मानसिक शक्ति, बौद्धिक - गीत० १२, इसी प्रकार--घनचररुचिरे रचयति धारिता,--स्वरूपम् परमात्मा, (अव्य०) 1. 'किम् चिकुरे तरलिततरुणानने-७ 2. पहाड़ 3. रेगने और 'किम्' से व्युत्पन्न अन्य शब्दों के साथ जुड़नेवाला वाला, साँप सम०-उच्चयः,--कलापः,---निकरः, अव्यय (जैसे कि-कद्, कथम्, क्व, कदा, कुत्र, कुतः -पक्षः, पाशुः,-भारः-हस्तः बालों का गुच्छा आदि) जिससे कि अर्थों में अनिश्चयात्मकता आती या ढेर-यस्यांश्चोरश्चिकुरनिकरः कर्णपूरो मयूरः है-यथा कुत्रचित-कहीं, केचित् = कोई 2. चित्' .-प्रस० ०२२। ध्वनि । चिकूरः [चिकुर नि० दीर्घः] बाल । चित (भू० क० कृ०) [चि+क्त] 1. संग्रह किया हुआ, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy