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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ३१२ ) कीड़ (न्या. पर०-क्रीडति, क्रीडित) 1. खेलना, मनो-। आदि शब्दों के भी साथ-ममोपरि स क्रुद्धः, न मां प्रति रंजन करना-वानराः क्रीडितुमारब्धा:---पंच० १, | क्रुद्धो गुरुः, प्रति-- बदल में कुपित होना-क्रुध्यन्तं एष क्रीडति कृपयन्त्रपटिकान्यायप्रसक्तो विधि:-मृच्छ० न प्रतिक्रुध्येत्--मनु० ६।४८, सम्--, कुपित होना १०१५९ 2. जूआ खेलना, पासों से खेलना-बहुविध ___-संक्रुध्यसि मृषा कि त्वं दिदृढं मां मृगेक्षणे-भट्टि यूतं क्रीडत:-मच्छ० २, नाक्षैः क्रीडेत्कदाचिद्धि-मनु० ८७६ । ४१७४, याश० १११३८ 3. हँसी दिल्लगी करना, | क्रुध् (स्त्री०) [क्रुध् +-क्विप्] क्रोध, कोप। मजाक करना, खिल्ली उड़ाना-सद्वत्तस्तनमण्डलस्तव- क्रुश् (भ्वा० पर० ----क्रोशति, क्रुष्ट) 1. चिल्लाना, रोना, कथं प्राणैर्मम क्रीडति-गीत० ३, क्रीडिष्यामि तावदेनया विलाप करना, शोक मनाना-क्रोशन्त्यस्तं कपिस्त्रियः -विक्रम०३, एवमाशाग्रहग्रस्तः क्रीडन्ति घनिनोऽर्थिभिः ----भट्रि० ६।१२४ 2. चीखना, किलकिलाना, कुका --हि० २।२३, पंच० १।१८७, मृच्छ० ३, अनु---- देना, चीत्कार करना, पुकारना-अतीव चुक्रोश जीवनाश (आ.) खेलना, किलोल करना, जी बहलाना ननाश च-भट्टि० १४१३१, अन--, दया करना, -साध्वनुक्रीडमानानि पश्य वृन्दानि पक्षिणाम्-भट्टि. करुणा करना, अभि-, विलाप करना, आ-, ८1१०, आ-, परि -, सम्-, (आ०) खेलना, 1. चिल्लाना, जोर से पुकारना-अये गौरीनाथ त्रिपुरकौतुक करना-संक्रीडन्ते मणिभिर्यत्र कन्या:--मेघ० हर शम्भो बिनयन प्रसोदेत्याक्रोशन-भर्त० ३।१२३ ७०, परन्तु सम् पूर्वक क्रीड (पर०) 'कोलाहल करने' 2. खरीखोटी सुनाना, गालियाँ देना-शतं ब्राह्मणमाके अर्थ को प्रकट करता है-संक्रीडन्ति शकटानि-महा० क्रुश्य क्षत्रियो दण्डमर्हति-मनु० ८।२६७, भट्टि० ५। 'गाड़ियाँ चूं-धूं करती है। ३९, परि-, विलाप करना, प्रत्या-, गाली के उत्तर कीरः [ क्रीड़धन ] 1. किलोल, मनबहलाव, खेल, । में गाली देना, वि , 1. चीखना, चिल्लाना-आक्रोश आमोद 2. हंसी दिल्लगी, मजाक । विक्रोश लपाधिचण्डम् --मृच्छ० ११४१, भट्टि० १४॥ कोरनम् [क्रीड्+ल्युट] 1. खेलना, किलोल करना ४२, १६।३२ 2. उच्चारण करना (कर्म० के साथ) 2. खेलने की चीज, खिलौना।। 3. पुकारना (कर्म के साथ) 4. गूजना, व्या-विलाप कीसनकः, कम, कीडनीयम, यकम [ क्रीडन--कन्, क्रीड करना, शोक मनाना। +अनीयर, क्रीडनीय+कन ] खेलने की चीज, ऋष्ट (वि.) [ऋश्+क्त1. चिल्लाया हुआ 2. पुकारा खिलौना। हुआ,--ष्टम् चिल्लाना, चीखना, रोना । कीडा [क्रीड्+अ+टाप्] 1. किलोल, जी बहलाना, खेलना, | कर (वि.) कृत् + रक धातोः क्रू| 1. निर्दय, निष्ठुर, कठोरआमोद-तोयक्रीडानिरतयुवतिस्तानतिक्तमद्भिः -मेघ० हृदय, निष्करुण-तस्याभिषेकसम्भारं कल्पितं क्रनिश्चया ३३।६१ 2. हंसी, दिल्लगी। सम० --गहम आमोद — रघु० १२४, मेघ० १०५, मनु० १०.९ 2. कठोर, भवन, शैल: आमोद-निवास का काम देने वाला कड़ा 3. दारुण, भयंकर, भीषण 4. नाशकारी, अनिष्टएक बनावटी पहाड़, आमोदगिरि,-क्रीडाशैलः कनकक कर 5. घायल, चोट लगा हआ 6. खूनी 7. कच्चा दलीवेष्टनप्रक्षगीयः-मेघ० ७७, -नारी वेश्या,-कोपः 8. मजवत १. गरम, तेज, अरुचिकर-मनु० २।३३,-र: झूठमूठ का क्रोध-अमरु १२,मयूरः मनोरंजन के बाज, बगला, -रम् 1. घाव 2. हत्या, क्रूरता 3. भीषण लिए पाला गया मोर--रघु० १६।१४, -रत्नम् कृत्य । सम०-आकृति (वि.) डरावनी सूरत वाला कामकेलि, मथुन । (तिः) रावण का विशेषण,--आचार (वि०)शूर और श्रीत (वि.) [क्री+क्त ] मोल लिया हुआ...-दे० क्री०, बर्बर आचरण करने वाला, --आशय (वि.) 1. भया तः हिन्दुधर्मशास्त्र में प्रतिपादित १२ प्रकार के नक जीवजन्तुओं से भरा हुआ (जैसे कि कोई नदी) पुत्रों में से एक, अपने नैसर्गिक माता पिता से मोल 2. क्रूर स्त्रभाष का, --- कर्मन (नपं.) 1. रक्तरंजित लिया हुआ पुत्र-क्रीतश्च ताभ्यां विक्रीतः ----याज्ञ० करतूत 2. कठोर श्रम,-कृत् (वि.) भीषण, क्रूर, निर्मम, २।१३१, मनु० १७४। सम..-अनुशयः किसी ----कोष्ठ (वि०) कड़े कोठे वाला जिस पर मदु विरेवस्तु को मोल लेकर पछताना, किये का निराकरण चन का असर न हो,---गन्धः गन्धक,... दृश् (वि०) करना, खरीदी हुई वस्तु को वापिस करना (कुछ 1. बरी दृष्टि वाला, कुदृष्टि डालने वाला 2. खल, बातों में धर्मशास्त्रों से अनुमोदित)। दुष्ट, --राविन् (पुं०) पहाड़ी कौवा,-लोचनः शनिग्रह म् (पुं०) कुञ्यः [कुञ्च+क्विन् अच् वा] जलकुक्कुटी, | का विशेषण। बगला। केत ()[की+तच] क्रेता, खरीददार, -- याज्ञ० २।१६८ । (दिवा० पर० --क्रुध्यति, क्रुद्ध) गुस्से होना (क्रोध के क्रोञ्चः [ कुञ्च् +अच, बा० गुणः ] एक पहाड़ का नाम, पात्र में सम्प्र०) हरये क्रुध्यति, कभी कभी 'उपरि' 'प्रति' | दे० 'क्रौञ्च'। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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