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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २८९ ) कुल्य (वि.)[ कुल+यत् ] 1. कुटुंब, वंश या निगम से । में दर्शन दिए और कहा कि उसे इस प्रकार देवी का संबंध रखने वाला 2. सत्कूलोद्भव,---ल्यः प्रतिष्ठित तिरस्कार नहीं करना चाहिए, तब कुश अयोध्या को मनुष्य, -- ल्यम् 1. कौटुंबिक विषयों में मित्रों की भांति लौट आया- दे० रघु १६॥३-४२),-शम् पानी जैसा पूछताछ (समवेदना, बधाई आदि) 2. हड्डी-महावी० कि 'कुशेशय' में। सम-अग्रम् कुशघास के पत्ते २०१६ 3. मांस 4. छाज,-- ल्या 1. साध्वी स्त्री का तेज किनारा, इसीलिए समास में यह शब्द प्रायः 2. छोटी नदी, नहर, सरिता-कुल्याम्भोभिः पवनचपलैः 'तीक्ष्ण' 'तेज' और 'तीव्र' अर्थ प्रकट करता है जैसाकि शाखिनो धौतमूला: ... श० १११५, - कूल्येवोद्यानपाद- 'बुद्धि (वि०) तीव्रबुद्धि, तेजबुद्धि वाला, तीक्ष्णबुद्धि; पान्..... रघु० १२।३ ७।४९ 3. परिखा, खाई 4. आठ ---(अपि) कुशाग्रबुद्धे कुशली गुरुस्ते-- रघु० ५।४, द्रोण के बराबर अनाज को तोल । - अग्रीय (वि.) तीव्र, तेज,-अगरीयम् कुशघास की कुवम् [कु+वा+क] 1. फूल 2. कमल । बनी अंगठी जो धर्मानुष्ठान के अवसर पर पहनी जाती कुवर-दे० तुवर। है,-आसनम् कुशा का बना हुआ आसन या चटाई, कुवलम् [ कु, वल+अच्] 1. कुमुद 2. मोती 3. पानी। – स्थलम् उत्तर भारत में एक स्थान का नाम कवलयम [ कोः पथिव्याः वलयमिव---उप० स०] 1. नीला .. वेणी०१। कुमुद कुवलयदलस्निग्धैरङ्गैर्ददौ नयनोत्सवम्-उत्तर० । कुशल (वि.) [कुशान् लातीति--कुश+ला+क] ३।२२ 2. कुमुद 3. पृथ्वी (पं० भी)। 1. सही, उचित, मंगल शुभ-शि० १६।४१, भग० कुवलयिनी [कुवलय --इनि+डीप 1 1. नीली कूमदिनी १८।१० 2. प्रसन्न, समृद्ध 3. योग्य, दक्ष, चतुर, प्रवीण, का पीधा 2. कमलों का समूह 3. कमलस्थली अभिज्ञ (अधि० के साथ या समास में)-दण्डनीत्यां 4. कमल का पौधा । च कुशलम् - याज्ञ० ११३१३, २१८१, मनु० ७।१९० कुवाद (वि०) [ कु-बद्-|-अण् ] 1. मान घटाने बाला, रघु० ३।१२,-लम् 1. कल्याण, प्रसन्न तथा समृद्ध साख कम करने वाला, निन्दक 2. नीच, दुरात्मा, अवस्था, प्रसन्नता,—पप्रच्छ कुशलं राज्ये राज्याश्रममुनि अधम । मुनिः-- रघु० ११५८, अव्यापन्नः कुशलमबले पृच्छति कुविकः (ब०२०) एक देश का नाम । त्वाम् – मेघ० १०१ अपि कुशलं भवतः 'आप अच्छी कुधि (पि) न्दः कु--विद् +श, मुम्, कुप्+किन्दच् ] | तरह से है ? 2. गुण 3. चतुराई, योग्यता। सम० 1. बुनकर -- कुविन्दस्त्वं तावत्स्टयसि गुणग्राममभितः --- काम (वि०) प्रसन्नता का इच्छुक,---प्रश्न: किसी -..-काव्य० ७ 2. जुलाहा जाति का नाम ।। से कुशलमंगल पूछना (मित्रों की भौति),-बुद्धि कुवेणी| कु-वेण इन+डीप] 1. मछलियाँ रखने की (वि०) बुद्धिमान्, समझदार, तीव्रबुद्धि, तीक्ष्णबुद्धि । टोकरी [ कुत्सिता वेणो ] 2. बुरी तरह बँधो हुई सिर कुशलिन् (वि.) (स्त्री०---नी) [ कुशल- इनि ] प्रसन्न, की चोटी। राजो खुशी, समृद्ध-अथ भगवाँल्लोकानुग्रहाय कुशली कुवेलम् | कुवेषु जलजपुष्णेषु ई शोभा लाति-- कुव-ई | काश्यपः-श० ५, रघु० ५।४, मेघ० ११२ । -ला-क] कमल । कुशा [ कुश+टाप् | 1. रस्सी 2. लगाम । कुशः [कु- शी---ड] 1. एक प्रकार का घास (दर्भ) जो | कुशावती [कुश-मतुप, मस्य वः, दीर्घः] इस नाम की एक पवित्र माना जाता है और बहुत से धर्मानुष्ठानों में नगरी, राम के पुत्र कुश की राजधानी, दे० 'कुश'। जिसका होना आवश्यक समझा जाता है,-पवित्रार्थ इमे | कुशिक (वि.) [ कुश-1-ठन् ] भैगी आँख वाला,—क: कुशा: ... श्राद्धमन्त्र-कुशपूतं प्रवधास्तु विष्ट रम्.-....रघु० | 1. विश्वामित्र के दादा का नाम, (कुछ दूसरे वर्णनों के ८1१८, ११४९, ९५ 2. राम के बड़े पुत्र का नाम (बह अनसार- विश्वामित्र के पिता का नाम) 2. फाली राम के जडवा पुत्रों में से एक था, जब रामने सौता (हल की) 3. तेल की गाद । को निष्ठुरतापूर्वक जंगल में छोड़ दिया था, उसके कुशी [ कुश+डीष् ] हल की फाली। बाद शीघ ही जड़वां पुत्रों का जन्म हुआ जिनमें कुश कुशीलवः [कुत्सितं शीलमस्य--कुशील+व] 1. भाट, बड़ा था क्योंकि उसने संसार को पहले देखा; कुश गवैया--मनु० ८१६५, १०२ 2. (नाटक का) पात्र, और लव दोनों भाइयों का पालन पोषण वाल्मीकि ने नर्तक तत्सर्व कुशीलवा: सङ्गीतप्रयोगेण मत्समीहितकिया, उन्हें आदिकवि के महाकाव्य रामायण का पाठ संपादनाय प्रवर्तताम्-मा० १, तकिमिति नारम्भयसि करना सिखाया गया। राम ने कुश को कुशावती का कुशीलवैः सह सङ्गीतकम ----वेणी०१ 3. समाचार राजा बना दिया और वह आने पिता की मृत्यु के फैलाने वाला 4. वाल्मीकि का विशेषण । पश्चात् कुछ समय तक वहाँ रहा। परन्तु अयोध्या । कुशम्भः [कु+शुम्भ +अन् । संन्यासी का जलपात्र, की पुरानी राजधानी की अधिष्ठात्री-देवी ने उसे स्वप्न कमण्डल । For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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