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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उदन्वत् (पुं० ) [उदक+मतुप, उदन् आदेशः, मस्य वः] | रोग के कारण पेट का फूल जाना-तस्य होदरं जज्ञे समुद्र,-उदन्वच्छन्नाभू:- बालरा० ११८, रघु० ४।५२, .-ऐत० 4. वध करना। सम.---आध्मानः पेट का ५८, १०।६, कु० ७७३ । फूलना,-आमयः पेचिश, अतिसार,—आवर्तः नाभि, उदयः [ उद्++अच् ] 1. निकलना, उगना ( आलं. --आवेष्टः केचुआ, फीताकृमि,-त्राणम् 1. वक्षस्त्राण भी)-चंद्रोदय इवोदधेः-- रधु० १२।३६, २।७३ ऊपर या अँगिया, कवच या जिरहवख्तर जो केवल छाती पर जाना 2. आविर्भाव, उत्पादन—घनोदयः प्राक्---श० पहना जाय 2. पेट को कसने वाली पट्टी,-पिशाचः ७।३०, फलोदय---रघु० ११५, फल का निकलना या (वि०) पेट, खाऊ, (बहुभोजी जिसकी भूख राक्षसों निष्पन्न होना---कु० ३।१८ 3. सृष्टि (विप० प्रलय) जैसी होती है),(-चः) भोजनभट्ट,-पूरम् (अव्य०) कु० २।८ 4. पूर्वाद्रि (उदयाचल जिसके पीछे से सूर्य जब तक पूरा पेट न भर जाय---उदरपूरं भुक्ते का उदय होना माना जाता है)-उदयगढ़शशाङ्कमरी- -सिद्धा०, पेट भर कर खाता है,-पोषणम्,-भरणम् चिभिः --विक्रम० ३।६ 5. प्रगति, समृद्धि, उदय पेट भरना, पालन पोषण करना,--शय (वि.) पेट के (विप० 'व्यसन')-तेजोदयस्य युगपद्वयसनोदयाभ्याम् बल लेट कर सोने वाला (--यः) भ्रूण,-सर्वस्वः ---श० ४।१, रघु०८1८४, ११।७३, 6. उन्नयन, पेट्र, बहुभोजी, स्वादलोलप, (जिसके लिए पेट ही सब उत्कर्ष, उदय, वृद्धि ---उदयमस्तमयं च रघूद्वहात्-- कुछ है)। रघु० ९।८९, 7. फल, परिणाम 8. निष्पन्नता, पूर्णता उदरथिः [ उद्-ऋ+घथिन् ] 1. समुद्र 2. सूर्य । ---उपस्थितोदयम् रघु० ३।१, प्रारम्भसदशोदय: उदरंभरि (वि.) [उदर+म+इन, ममागमः ] 1. केवल १।१५, 9. लाभ, नफा 10. आय, राजस्व 11. ब्याज अपना पेट भरने वाला, स्वार्थी 2. पेट, बहुभोजी। 12. प्रकाश, चमक । सम०-अचलः,—अद्रिः, उबरवत्,--उदरिक-ल (वि.) [ उदर+मतुप् मस्य ... गिरिः,.....पर्वतः,-शैलः पूर्व दिशा में होने वाला वः, उदर+ठन्, इलच् वा ] बड़ी तोंद वाला, स्थूलउदयाचल, जहाँ से सूर्य और चन्द्रमा का उदय होना काय, मोटा। माना जाता है- उदयगिरिबनालीबालमन्दारपुष्पम् | उवरिन (वि.) [उदर+इनि] बड़ी तोंद वाला, मोटा, -उद्भट, श्रितोदयाद्रे रभिसायमुच्चकैः-शि० १११६, | स्थूलकाय,–णी गर्भवती स्त्री। तत उदयगिरेरिवेक एव. मा० २।१०,-प्रस्थः उदया- | उदर्कः उदअर्क (अर्च)+घन -उद्---ऋच्+यङ चल का पठार जिसके पीछे से सूर्य का उदय होना +घञ्] 1. (क) अन्त, उपसंहार,-सुखोदकम् समझा जाता है। ---का० ३२८, (ख) फल, परिणाम, किसी क्रिया का उदयनम् [उद्++ल्युट ] 1. उगना, चढ़ना, ऊपर जाना भावी फल-किन्तु कल्याणोदकं भविष्यति-उत्तर० 2. परिणाम,-नः 1. अगस्त्य मुनि 2. वत्सदेश का ४, प्रयलः सफलोदर्क एव-मा०८, मनु० ४।१७६, राजा ----प्राप्यावन्तीनदयनकथाकोविदग्रामवृद्धान्-मेघ० १०१०2. भविष्यत्काल, उत्तरकाल। ३०, (उदयन प्रसिद्ध चन्द्रवंशी राजा था, यह वत्सराज उचिस् (वि.) [ऊर्ध्वचिः शिखाऽस्य ब० स०] चमकने के नाम से विख्यात है। उदयन कौशाम्बी में राज्य वाला, ऊपर की ओर ज्वाला विकीर्ण करने वाला, करता था। उज्जयिनी की राजकुमारी वासवदत्ता ज्योतिर्मय, उज्ज्वल---स्फुरन्नुचिः सहसा तृतीयादक्षणः ने उसे स्वप्न में देखा, तथा देखते ही वह उस पर कृशानुः किल निष्पपात --कु०३१७१, ७१७९, रघु० मोहित हो गई। चण्ड महासेन ने उदयन को धोखे ७२४, १५।७६,-(पुं०) 1. अग्नि-- प्रक्षिप्योदचिषं से पकड़ लिया और कारागार में डाल दिया, परन्तु कक्षे शेरते तेऽभिमारुतम्-शि० २।४२ २०१५५, बाद में मन्त्री के द्वारा मक्त किये जाने पर वह 2. कामदेव 3. शिव। वासवदत्ता को उसके पिता तथा अपने प्रतिद्वन्द्वी से | उदवसितम् [ उद्+अव+सो+क्त ] घर, आवास । निकाल कर ले भागा। रत्नावली नामक नाटिका का उदश्रु (वि.) [उद्गतान्यश्रुणि यस्य---ब० स०] फूट-फूट नायक भी उदयन है। इसके जीवन की घटनाओं कर रोने वाला, जिसके अविरल आँसू बह रहे हों, के आधार पर और कई रचनाएँ हो चुकी हैं) रोने वाला-रघु० १२।१४, अमरु ११ । दे 'वत्स' भी। उदसनम् [ उद् । अस्+ल्युट् ] 1. फेंकना, उठाना, सीधा बबरम् [ उद्+ऋ+अप] 1. पेट- दुष्पूरोदरपूरणाय खड़ा करना 2. बाहर निकाल देना। -भर्त० २।११९, तु० कृशोदरी, उदरंभरि आदि 2.. उदात्त (वि०) [ उद्+आ+दा+क्त ] 1. उच्च, उन्नत किसी वस्तु का भीतरी भाग, गह्वर, तडाग पंच० __---°अन्वयः-का० ९२, वेणी० १, 2. भद्र, प्रतिष्ठित २।१५० रघु० ५।७०, त्वां कारयामि कमलोदरबन्ध- 3. उदार, वदान्य 4. प्रसिद्ध, विख्यात, महान्-ललितोनस्थम्-श०६।१९, १११९, अमरु ८८,3. जलोदर दातमहिमा-भामि० १७९, 5. प्रिय, प्रियतम घटनाओं (वि०) ने वाला जिसके र ११ । मीधा २५ For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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