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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( १८१ ) --- उपसंहारः संक्षिप्त वर्णन, सारांश, इतिश्री, निर्वाह: कही बात का निर्वाह करना, पुंस्क: ऐसा शब्द ( स्त्री० या नपुं० ) जो पुं० भी हो, और जिसका पुं० से भिन्न अर्थ लिङ्ग की भावना से ही प्रकट होता है, प्रत्युक्त भाषण और उत्तर, व्याख्यान । उक्ति: ( स्त्री० ) [ वच् + वितन् ] 1. भाषण, अभिव्यक्ति, वक्तव्य - उक्तिरर्थान्तरन्यासः स्यात्सामान्य विशेषयोः, चन्द्रा० ५ १२०, मनु० ८।१०४ 2. वाक्य 3. अभिव्यक्त करने की शक्ति, शब्द की अभिव्यञ्जनाशक्ति - जैसा कि एकयोक्त्या पुष्पवंती दिवाकरनिशाकरो अमर० । उक्थम् [ वच्+थक् ] 1. कथन, वाक्य, स्तोत्र 2 स्तुति, प्रशंसा 3. सामवेद । - उक्ष (भ्वा० उभ० ) ( उक्षति, उक्षित) 1. छिड़कना, गीला करना, तर करना, बरसाना औक्षन् शोणितमम्भोदा: -- भट्टि० १७१९, ३५, ०५/३०, रघु० ११०५, २०, कु० ११५४ 2. निकालना, विकीर्ण करना, अभि, पवित्र तथा अभिमंत्रित जल छिड़कना, --- शिरसि शकुन्तलामभ्युक्ष्य श० ४, परि-इधरउधर छिड़कना, प्र, पवित्र जल के छींटे देकर अभिमंत्रित करना, - प्राणात्यये तथा श्राद्धे प्रांक्षितं द्विजकाम्यया - याज्ञ० १।१७९ मनु० ५।२७, संप्र--, जल के छींटों से अभिमंत्रित करना - याज्ञ० १।२४ । उक्षणम् [ उक्ष् + ल्युट् ] 1. छिड़काव 2. छींटे देकर अभिमंत्रित करना - वसिष्ठ मन्त्रोक्षणजात् प्रभावात् - रघु० ५।२७ । उभन् (पुं० ) [ उक्ष + कनिन् । बैल या साँड़ कु० ७।७० ( कुछ समासों में उक्षन् का 'उक्ष' रह जाता है -महोक्षः, वृद्धांक्ष: आदि) । सम० --तरः छोटा बैल तु० वत्सतर । उखु, उङख (भ्वा० पर० ) ( ओखति, उद्धति, ओखित, उखित) जाना, हिलना-डुलना । उखा [ उग्व् + क+टाप् ] पतीली, डेगची । उरूप (वि० ) [ उखायां संस्कृतम् यत् ] 1. पतीली में उबाला हुआ – शूल्यमुख्यं च होमवान् भट्टि० ४।९ । उप्र ( वि० ) [ उच् + रन् गच्चान्तादेशः ] 1. भीषण, क्रूर, हिम्र, जंगली ( दृष्टि आदि से ) दर्शन 2 प्रवल, डरावना, भयानक, भयंकर सिंहनिपातमुग्रम् — रघु० ३।६०, मनु० ६।७५, १२१७५, 3. दशक्तिशाली, मजबूत दारुण, तीव्र उग्र तपो वेलाम्-श० ३, अत्यंत गर्म उग्रशोकाम् - मेघ० ११३, अने० पा० 4. तीक्ष्ण, प्रचण्ड, गर्म 5. ऊंचा, भद्र, ग्रः 1. शिव या रुद्र 2. वर्णसंकर जाति क्षत्रिय पिता और शद्र माता की संतान 3. केरल देश (वर्तमान मलाबार ) 4. रौद्र Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रस । सम० - गंध (वि०) तीक्ष्ण गंध वाला - धः ) 1. चम्पक वृक्ष 2. लहसुन, – धारिणी, - चंडा दुर्गा देवी, जाति (वि०) नीच वंश में उत्पन्न, जारज, – दर्शनरूप (वि०) घोर दर्शन वाला, भयानक दृष्टि वाला, धन्वन् (वि०) मजबूत धनुष को धारण करने वाला; (पुं०) शिव, इन्द्र, - शेखरा शिव की चोटी, गंगा, सेन: मथुरा का राजा और कंस का पिता (कंस ने अपने पिता को गद्दी से उतार कर कारागार में डाला था, परन्तु कृष्ण ने कंस को मार कर उसके पिता को कारागार से मुक्त कर सिहासनासीन किया) । उग्रपश्य (वि० ) [ उग्र + दृश् + खश्, मुमागमः ] भीषण दृष्टिवाला, डरावना, विकराल । उच्च् (दिवा० पर० ) (उच्यति, उचित या उग्र - अधिकांश में भू० क० कृ० के रूप में प्रयुक्त ) 1. संचय करना, एकत्र करना, 2. शौकीन होना, प्रसन्नता अनुभव करना 3. उचित या योग्य होना, अभ्यस्त होना । उचित (भू० क० कृ० ) [ उच् +क्त]1. योग्य, ठीक, सही उपयुक्त - उचितस्तदुपालम्भ: - उत्तर० ३, प्रायः तुमुन् के साथ - उचितं न ते मङ्गलकाले रोदितुम् ०४ 2. प्रचलित प्रथानुरूप, उचितेषु करणीयेषु - श० ४ 3. अभ्यस्त, प्रचलित (समास में ) नीवारभागधेयोचितः --- रघु० १५० २२५, ३५४, ६०, ११९, कि० १ ३४, 4. प्रशंसनीय । उच्च ( वि० ) [ उद् + चित् + ड] 1. ( सभी बातों में ) ऊँचा, I लम्बा - क्षितिधारणोच्चम् कु० ७/६३, उन्नत, उत्कृष्ट (परिवार आदि ) 2. ऊँचा, ऊँची आवाज वालाउच्चाः पक्षिगणा: - शि० ४।१८ ३. तीव्र, दारुण, घोर सम० - तरुः नारियल का पेड़, तालः ऊंचा संगीत, नृत्य आदि, -नीच (वि०) 1. ऊँचा नीचा 2. विविष, -- ललाटा, – टिका, ऊँचे मस्तक वाली स्त्री, संश्रय ( वि० ) ऊँचा पद ग्रहण करने वाला ( नक्षत्रादिक) रघु० ३।१३, दे० इस पर मल्लि० । उच्चकै : ( अव्य० ) [ उच्चैस् + अकच् ] 1. ऊँचा, ऊँचाई पर, उत्तुंग, ( आलं० भी ) - श्रितोदयाद्रेरभिसायमुच्चकैः - शि० १।१६, १६।४६ २. ऊँचे स्वर वाला । उच्चक्षुस् ( वि० ) [ ब० स० ] 1. ऊपर को आँखें किए हुए, ऊपर की ओर देखते हुए 2. जिसकी आँखें निकाल दी गई हों, अंबा | उच्चण्ड (वि० ) [ प्रा० स०] 1. भीषण, भयानक, उम्र 2. फुर्तीला 3. ऊँची आवाज वाला 4. क्रोधी, चिड़चिड़ा | उच्चन्द्रः ( उच्छिष्ट: चंद्रो यत्र - अत्या० स० ) रात का अन्तिम पहर । उच्चयः [ उद् + चि + अच्] 1 संग्रह, राशि, समुदाय For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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