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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १७७ ) इलिका [इला कन्, इत्वम् ] पृथ्वी, धरती। वाला, धर...... भूत् धनुर्धर, ---पथः, - विक्षेपः तीर इल्वका:-लाः (ब० व०) [इल+वल, इल+क्विप् । जाने का स्थान, बाण का परास,--प्रयोग: बाण वलच् वा ] मगशिरा नक्षत्र के ऊपर स्थित पाँच छोड़ना, तीर चलाना। तारे। इषुधिः [इषु+धा+कि तरकस । इव (अव्य०) [इ+क्वन् बा०] 1. की तरह, जैसा कि इष्ट (भू० क० कृ०) [इष् + क्त] 1. कामना किया गया, (उपमा दर्शाते हुए) वागर्थाविव संपृक्ती-रघु० चाहा गया, जो से चाहा हुआ, अभिलषित 2. प्रिय, १११, 2. मानों, (उत्प्रेक्षा को दर्शाते हुए)--पश्या- पसंद किया गया, अनुकल, प्यारा 3. पूज्य, आदरणीय मीव पिनाकिनम--श० ११६, लिम्पतीव तमोङ्गानि 4. प्रतिष्ठित, सम्मानित 5. उत्सृष्ट, यज्ञों से पूजा गया वर्षतीवाञ्जनं नभः—मृच्छ० १।३४ 3. कुछ, थोड़ा —ष्ट: प्रेमी, पति,-ष्टम् 1. चाह, इच्छा 2. संस्कार सा, कदाचित्-कडार इवायम्,-- गण०, 4. (प्रश्न- 3. यज्ञ; (अव्य०) स्वेच्छापूर्वक । सम०--अर्थः वाचक शब्दों से जुड़े हुए) 'संभवतः' 'बतलाइये तो' अभीष्ट पदार्थ, ---आपत्तिः (स्त्री०) चाही हई बात 'निस्सन्देह'-विना सीता देव्या किमिव हि न दुःखं रघु- का होना, वादी का वक्तव्य जो प्रतिवादी के भी पते:-उत्तर०६।३०, क इव---किस प्रकार का, किस अनुकूल हो-इष्टापत्तौ दोषान्तरमाह---जग०, - गन्ध भांति का, मुहर्तमिव-केवल क्षण भर के लिए, किंचि- (वि०) सुगंध युक्त (----धः) सुगंधित पदार्थ (-धम्) दिव-जरा सा, थोड़ा सा; इसी प्रकार ईषदिव, नाचि- रेत,-देवः,-देवता अनुकूल देव, अभिभावक देव । रादिव आदि । इष्टका [इष् + तकन्] ईंट-मृच्छ० ३। सम०-गृहम् ईंटों इशीका-इषीका। का घर,-चित (वि०) ईंटों से बना (इष्टकचित' भी), इष् (क) (तु० पर०) (इच्छति, इष्ट) 1. कामना -न्यासः घर की नींव रखना,-पथः ईंटों से बना मार्ग । करना, चाहना, प्रबल इच्छा होना-इच्छामि संव- इष्टापूर्तम् [समाहार द्व० स० पूर्वपददीर्घः] यज्ञादिक पुण्यधितमाज्ञया ते--कु० ३।३, 2. छाँटना, 3. प्राप्त करने कार्यों का अनुष्ठान, कुएँ खोदना तथा दूसरे धर्मकार्यों का प्रयत्न करना, तलाश करना, ढूंढना, 4. अनुकूल । का सम्पादन-इष्टापूर्तविधेः सपत्नशमनात्---महावो० होना 5. हाँ करना, स्वीकृति देना---(भा० वा०)। ३।११ 1. चाहा जाना 2. नियत किया जाना-हस्तच्छेदन- | इष्टिः (स्त्री०) [इष +-क्तिन] 1. कामना, प्रार्थना, इच्छा मिण्यते --मनु० ८।३२२, अनु.-, ढूंढना, कोशिश 2. इच्छुक होना या कोशिश करना 3. अभीष्ट पदार्थ करना, प्रयत्न करना, अभि --, जी करना, चाहना, 4. अभीष्ट नियम या आवश्यकता की पूर्ति (भाष्यकार परि, ढूंढना, प्रति--, प्राप्त करना, स्वीकार करना द्वारा कात्यायन के वार्तिकों अथवा पंतजलि के भाष्य -~-देवस्य शासनं प्रतीप्य---श० ६, (ख) (दि. में कुछ अतिरिक्त जोड़ना---इष्टयो भाष्यकारस्य) तु० पर०) (इप्यति, इपित) 1. जाना, चलना-फिरना 'उपसंख्यानम्' 5. आवेग, शीघ्रता 6. आमंत्रण, आदेश 2. फैलाना 3. डालना, फेंकना, अनु-ढूंढना, ढुंढने के ! 7. यज्ञ। सम०--पचः कंजूस, इसी प्रकार मुष्, लिए जाना-न रत्नमन्विष्यति मुग्यते हि तत् ---कु० -पशः यज्ञ में बलि दिया जाने वाला जानवर। ५।४५, प्र -(प्रायः 'प्रेर०') 1. भेज देना, डाल देना, इष्टिका [इष्ट-+तिकन्+टाप्] ईट आदि, दे० 'इष्टका' । फेंक देना -भट्टि० १५।७७ 2. भेजना, प्रेषण करना ! इष्मः [इष्+मक्] 1. कामदेव 2. वसन्त ऋतु। -किमर्थमृषयः प्रेषिताः स्युः .... श० ५, (ग) (भ्वा० इष्यः ष्यम् [इष्+क्यप्] वसन्त ऋतु । उभ०) (पवित) जाना, चलना-फिरना, अनु-, अनु- इस् (अव्य०) [ई कामं स्यति-सो+क्विप् नि ओलोपः] सरग करता। क्रोध, पीड़ा और शोक की भावना को अभिव्यक्त इषः [इप -अन1. बलशाली, शक्ति सम्पन्न 2. आश्विन करन वाला विस्मयादि द्योतक अव्यय। मास, --ध्वनिमिषेऽनिमिषेक्षणमग्रतः --शिव० ६।४९ । इह (अव्य०) [इदम्+ह इशादेशः] 1. यहाँ (काल, स्थान इषि (षो) का [इप् गत्यादी क्वुन अत इत्वम्] 1. सरकंडा, या दिशा की ओर संकेत करते हुए), इस स्थान पर, नरकुल, अस्त्रम् - रघु० १२।२३ 2. बाण । इस दशा में 2. इस लोक में (विप० परत्र या अमत्र)। इषिरः [इ+किरच अग्नि ।। सम.--अमुत्र (अव्य०) इस लोक में और परलोक इषुः [इषु+उ] 1. बाण 2. पाँच की संख्या। सम--- अग्रम में, यहाँ और वहाँ,-लोकः यह संसार या जीवन, --अनीकम् बाण की नोक,...-असनम्,--अस्त्रम् धनष्, -स्थ (वि.) यहाँ विद्यमान । रघु० ११:३७, आसः 1. धनुष 2. धनुर्धर, योद्धा, इहत्य (वि०) [इह+त्यप] यहां रहने वाला, इस स्थान भग० ११४, १७,-कारः,-कृत् (पुं०) बाण बनाने का, इस लोक का। नोक, असनम, सम.-- अग्रम् | रघु० ११३७, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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