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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1357 ) सुसंवृतिः (स्त्री०) [ सुन-सम्----क्तिन् ] भली प्रकार सुषः (स्त्री०) निद्र, सुराख ('सुषिर' का वैदिक रूप) छिपाना। सुशुप्सा [ स्वप् -- सन् | अ+टा धातोद्वित्वम् ] सोने सुसङ्घ (वि०) अपने वचन का पालन करने वाला। को इच्छा / सुसनत (वि.) ठीक निशाने पर लगा (तीर आदि)। सूक्ष्मम् [ सू+मन् सुन्ः च नेट ] 1. दांत का खोखलापन सुसेव्य (वि०) सेवा किए जाने योग्य, जिसका आसानो से 2. वसा, चर्बी 3. कण / सम० -- दल: सरसों,-भूतम् अनुसरण किया जा सके। सूक्ष्म तस्त्र, मति (वि.) तीक्ष्णबुद्धिवाला, सुखाधिष्ठानम् आनन्द का स्थान / -शरीरम् सूक्ष्म शरीर (विप० स्थूल शरीर), सुखाभियोज्य (वि.) जिस पर आसानी से चढ़ाई की। - स्फोटः एक प्रकार का कोड़। जा सके। सूचनी विषयों की तालिका या सूचि। सुखाराध्य (वि०) जिसको सेवा आसानी से की जा सके, सूची [ मूच --- कोप् ] (दरवाजे की) चटखनी / जो आसानी से प्रसन्न किया जा सके। सूचीकर्मन् (नपुं०) सिलाई का कार्य / सुखप्रश्नः कुशलक्षेम पूछना। सुचीरदन: नेवला। सुखबद्ध (वि०) मनोरम, प्रिय, पारा / सूचौशिक्षा सुई की नोक / सुखवेदनम् आनन्द की अनुभूति / सूचीकर्णः सूई का छिद्र। सुखसेव्य (वि०) दे० 'सुसेव्य' सुलभ' / सूचीसुत्रम सीने के लिए धागा / सुधाकण्ठः कोयल। सूतः सच। सुधाकारः सफ़ेदी (चूना) करने वाला। सतपौराणिकः पुराणों में वणित चारण (कहते है कि उसने सुधाक्षालित (वि.) सफ़ेदो किया हुआ। ही समस्त महाभारत और पुराण सुनाए थे)। सुधायोनिः चन्द्रमा। सूतिमारुतः प्रसव वेदना / सुधाशकरः चूने का पत्थर / सूत्रम् [ सूत्र-+अच् ] 1. मेखला 2. रेखाचित्र, आरेख सुनफा ज्योतिषशास्त्र का एक योग / 3. सकेत आमुख 4. धागा, डोरा 5. रेशा। सम० सुनीथ (वि.) [ सु+की+कथन् | विवेकपूर्ण बाबहार ----अध्यक्षः वयनाध्यक्ष, बुनाई का अधीक्षक, -क्रीडा से युक्त, दूरदर्शी, मनीषी। रस्सियों का खेल, (64 कलाओं में मे एक)। सुन्दरकाण्डम् रामायण का पाँचवाँ फाण्ड / ... ग्रन्थः सूत्रों की पुस्तक, धक (0) 1. सूत्रधार सुप्तन्नः,-घातकः सोते हुए को मारने वाला, धोखेबाज, शिल्पी 2. रंगमंच का प्रबंधक, पातः 1. माप वाले हत्यारा / सूत्र से मापने का कार्य करना 2. कार्य का आरंभ, सुराविः / मेरु पर्वत, सुमेरु पहाड़। -स्थानम् आयुर्वेद के एक ग्रंथ का प्रथम खण्ड / सुरपर्वतः } सूदाध्यक्षः प्रधान रसोइया / सुरेभः (सुर+ इथ) ऐरावत हाथी / सूदशास्त्रम् पाक विज्ञान / सुरेष्टः (सु+ इष्ट) साल का वृक्ष / सूनसायक:-शूरः कामदेव-सुननायक निदेशविभ्रमरप्रतीतसुरोपम (वि०) (सुर+उपम) देवसमान / चरबेदनोदयम् नै० 181125 ('सूननायक' पाठ भी सुरगण्ड: एक प्रकार का फोड़ा, छिद्राबुद, जहरवाद / मिलता है)। सुरतटिनी.-तरङ्गिणी,-धुनी,नदी,-सरित,-आपगा (स्त्री०) सूनाध्यक्षः (सूना-|-अध्यक्ष) बुबड़ खाने का अधीक्षक / गंगानदी। सूपयेष्ठ: मूंग, मूंग की फलो। सुरपादपः कल्पवृक्ष / सूपायः (सु+उपाय:) अच्छा साधन, तरकीब / सुरविलासिनी अप्सरा। सूरिः [सू +क्रिन् ] बृहस्पति / सुरश्वेता छिपकली। सूर्यद्वारम् उत्तरायण मार्ग / सुरभिगोत्रम् पशु, गोएँ, बैल / सूर्यवारः रविवार, आदित्यवार / सुराजीविन् (वि०) शराब बेचने वाला, कलाल / सूर्याणी सूर्य की पत्नी। सुराभागः खमीर / स (म्बा, ज्यो० पर०) पार करना, आर-पार जाना, सुवर्णचोरिका सोने की चोरी। प्रेर० प्रकट करना, व्यक्त करना / सुवर्णधेनुः स्वर्ण निर्मित गाय जो उपहार में दी जाय / सका [ स+का+टाप्] 1. गीदड़ 2. सारस / सुवर्णभाण्डम् रत्नमंजुषा / संथा (स्त्री०) 1. झन-झन करती हुई रत्नों की लड़ी सुवर्णरोमन् (पुं०) सुनहरी रोमों वाला मेष / 2. मार्ग, पथ। सुवर्णसान: मेरु पर्वत / सुतिः [स+क्तिन् ] 1. जन्म-मरण का चक्र—स्यान्मे For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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