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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1358 ) तवानिशरणं सृतिभिभ्रंमन्त्या---भाग० 1060 / / 3. विनीत छात्र 4. बायाँ हाथ 5. मार्गशीर्ष का 43 2. सृष्टि। महीना। सेक: सिच---घन नहाने के लिए फ़ोबारा / सौरमानम् [50 त०] सूर्य की गति पर आधारित ज्योसेचनम् [सिच् + ल्युट्] 1, निर्गमन, उद्गार 2. अभिषेक।। , तिष की संगणना। सेतुः [ सि+तुन् ] 1. जलाशय, सरोवर 2. व्याख्या-1 सौरत (वि.) [सुरत+अण | संभोग संबंधी।। परक भाष्य। सौस्वर्यम् [सुस्वर+व्या ] सुस्वरता, स्वरमाधुर्य, स्वरसेतुसामन सामविशेष / योजना। सेनापत्यम सेना पति का पद / स्कन्दः [ स्कन्द् + अच् ] 1. क्षरण 2. ध्वंस / सेनावाहः सेनाधीश, सेनाध्यक्ष / स्कन्दजननी पार्वती। सेनास्थ: सैनिक, सिपाही। स्कन्दपुत्रः स्कन्द का बेटा (चोर के लिए प्रयक्त शिष्ट सेवती 1. सूई 2. सीवन, टांका 3. सिर की दो हड्डियों नाम)। __ का जोड़। स्कन्धः [स्कन्ध-+घञ्] 1. कंधा 2. खंड, अंश, भाग सेविन (वि०) [सेव+-णिनि] व्यसनी, उपासक, आराधक / 3. पेड़ का तना 4. ग्रन्थ का अध्याय 5. सेना का कोई सेश्वर (वि.) ईश्वर की सत्ता मानने वाला। भाग 6. पांचों ज्ञानेन्द्रियों के विषय / सेश्वरवादः ईश्वर की सत्ता के समर्थन में तर्क / स्कन्धघनः संज्ञान मी० सू० 2115 पर शा० भा० / सेश्वरसायम् सांख्य को एक शाखा जो ईश्वर की सत्ता स्खलनम् [ स्खल ल्युट ] वीर्यपात / को मानती है। स्खलित (वि.) [ स्खल+क्त] 1. घायल 2. अपूर्ण सैकतिनी [सिकता- इन्+जीप् ] रेत से भरी हुई। अधूरा। सैन्यम् [ सेना+ज्य ] शिविर / स्खलितम् (नपुं०) हानि, विनाश / / सन्यक्षोभः सेना का विद्रोह / स्तत्क- बूंद, कण, तैलस्य घृतस्य वा स्तत्का:-मी० सू० सोत्प्रेक्षम् (अ०) असावधानी से, उदासीनता के साथ। 94227 पर शा० भा०। सोत्सेक (वि.) अभिमानी, घमंडी। स्तनकुड़मलम् स्त्री के उठते हए स्तन / सोवय (वि.) 1. उदय से संबंध रखने वाला 2. सूद स्तनचूचुकम् चूची, ढेपनी। सहित, ब्याज के साथ। स्तनमध्यः चूची, देपनी / सोपग्रहम् (अ०) मैत्रीदुर्ण ढंग से / / स्तनमध्यम दोनों स्तनों के बीच का अन्तराल / सोपस्कर (वि०) सहायक वस्तुओं से युक्त / स्तनाभुज (वि०) अपने स्तनों से दूध पिलाने वाला सोपादान (वि०) सामग्री से युक्त। पशु (गाय)। सोमः [सू-मन्] 1. लंगर 2. एक पितर 3. सोमबार। स्तनितकुमाराः (जैन०) देवताओं की एक श्रेणी। सोमप्रवाकः सोमयाग के लिए पुरोहितों को नियत करने रतनितसुभगम् (अ०) सुखद गर्जनध्वनि के साथ / के अधिकारों से सम्पन्न व्यक्ति / स्तन्यप (दिः) स्तन पान करने वाला, दुधमुंहा बच्चा। सोमसद (पुं०) पितरों की एक विशेष शाखा / स्तब्धपाद (नि०) जिसके पैर गतिहीन हो गये हों, अकड़ सोर्णभू (वि०) जिसको दोनों भौहों के बीच में बालों का / गये हों। एक वृत्त है। स्तब्धकर,-बाह (वि०) जिसके हाथ निश्चेष्ट हो गये हों। सौखरात्रिक (वि.) [सुखरात्रि+ठक ] जो दूसरे व्यक्ति | स्तब्धमति (वि०) जिसनी बुद्धि कुंठित हो गई हो, को पूछता है कि तुम रात को तो सुख से सोये हो। मंदबुद्धि। सौत्रिकः [ सूत्र+ठन् ] 1. जुलाहा 2. बुना हुआ कपड़ा। / स्तम्भ (म्वा० आ०) अधिकार करना, फैलाना, प्रेर० सौधोत्सङ्गः[ब० त०] महल की उभरी हई खुली छत। दबाना, रोकना। सौभपतिः शाल्वों का राजा। स्तम्भः [स्तम्भ+घा ] 1. अकड़ाहट, निश्चेष्टता सोमनाल्यम् [सुमङ्गल ---ध्या ] सौभाग्य की मंगलमय: 2. भराव, भरती। स्थिति, कल्याण, समृद्धि / स्तम्भितवाष्पवृति (वि०) जिसने अश्रुपात रोक लिया, सौम्य (वि.) [सोम-अण् ] उत्तर दिशा से संबंध रखने ! आँसू रोकने वाला। वाला। स्तम्भितान्तर्जलौघः बादल जिसने समस्त पानी को अपने सौम्यः [सोम - अण् ] 1. ब्राह्मण को संबोधित करने का अन्दर रोक लिया है-मेव। उपयुक्त विशेषण-आयुष्मन् भव सौम्येति वाच्यो स्ताम्बेरमः [स्तम्बरम- अण] हाथी से संबंध रखने वाला। विप्रोऽभिवादने-मनु० 2 / 125 2. शुभ ग्रह स्तिमितनयन (वि.) टकटकी लगा कर दृष्टि जमाये हुए। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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