________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1356 ) सास्थिस्वानम् (अ०) हड्डियों की चटखने की ध्वनि | सोमाज्ञानम् [सीमा + अज्ञानम्] सीमा की जानकारी न के साथ। होना। साहसकरणम् प्रचण्ड कार्य, अंधाधुंध काम करना। सीमाकृषाण (वि०) सीमाचिह्न के किनारे हल चलाने साहसिक्यम् उतावलापन / वाला। साहस्र (वि.)सहस्र+अण्] हज़ारों, असंख्य, अनगिनत।सीमासेतुः पर्वतशृंखला या बाँय आदि जो सीमा का साहाय्यकर (वि०) सहायता करने वाला। काम दे। साहाय्यदानम् सहायता देना। सीरवाहकः हलवाहा, कृषक, खेतिहर / सिंहः [हिंस+अच्, पृषो०] एक प्रकार की संगीत ध्वनि / | सुकण्डु खुजली। सिंहमलम् एक प्रकार का पीतल / सुकल्प (वि.) दक्ष, सुयोग्य। सिच् (तुदा० उभ०) भिगोना, डुबकी लेना। सुकल्पित (वि०) सुसज्जित, हथियारों से लैस / सिञ्जिनी [शिजा+इनि, पृषो०] धनुष की ज्या या सुऋयः अच्छा सौदा / डोरी। सुक्षेत्र (वि०) अच्छी कोख से उत्पन्न / सिता सो+क्त, स्त्रियां टाप्] 1. चीनी, खाँड 2. गंगा। सुघोष (वि०) मधरध्वनि से युक्त, मीठी आवाज वाला। सितासित (वि०) श्वेत और काला मिला हुआ। . सुचर्मन् भूर्ज वृक्ष, भोजपत्र / सितकण्ठः सफेद गरदन वाला, चातक पक्षी, जलकुक्कुट / | सुतप्त (वि०) 1. अत्यन्त पीडित 2. कष्टग्रस्त 3. अत्यन्त सितछदः राजहंस, मराल, हंसनी। कठोर (तपश्चरण)। सितपक्षः हंस, मराल, हंसनी। सुतान (वि०) सुरीला, मधुरस्वर से युक्त / / सितवारण: सफेदहाथी, सितकुञ्जर / सुतार (वि०) 1. अत्यंत उज्ज्वल 2. बहुत ऊँचे स्वर सिताखण्डः एक प्रकार की खांड, मिस्त्री का डला। वाला 3. जिसकी आँखों की पुतलियाँ अत्यंत सुन्दर है। सिद्ध (वि.) [सिघ / क्त] 1. निश्वित, अपरिवर्तनीय | सुतारा मौनस्वीकृति के नी भेदों में से एक (सांख्य०) / 2. विशिष्ट, पक्का 3. सफल, ~बः (पुं०) जिसे इसी / सुदक्षिण (वि.) 1. अत्यंत कुशल 2. अतिविनम्र / जीवन में सिद्धि प्राप्त हो गई है। सम०-अजनम् / सुदुश्चर (वि०) सुदूर्गम, जो बड़ी कठिनाई से किया जा एक प्रकार का अंजन (कहते हैं, इसके प्रयोग से सके। भूगर्भ की वस्तुएँ दिखाई देने लगती है),--अर्थकः | सुश्विकित्स (वि०) असाध्य रोग से ग्रस्त, जिसके रोग सफ़ेद सरसों, आदेश: 1. ऋषि की भविष्य वाणी की प्रायः चिकित्सा न हो सके। 2. भविष्य वक्ता, ज्योतिषी,--औषधम् विशिष्ट / सुदेशिक: अच्छा पथप्रदर्शक या अध्यापक / औषधोपचार, -- काम (वि.) जिसकी इच्छाएँ पूरी ! सुनन्दम बलराम की गदा / हो गई है,--पथः आकाश-सिद्ध पूर्णत: अचूक, | शुनिणिवत (वि०) भली प्रकार चभकाया हुआ। -हेमन् शुद्ध स्वर्ण खरा सोना / सुपाठ (वि०) सुवाच्य, जो पढ़ा जा सके / सिद्धिः (स्त्री० [सिध+क्तिन अचुकाना, पर्याप्ति। सुपर्ण. पक्षी, परिंदा / सिद्धिविनायकः गणेश का एक रूप / सुपेशस् (वि०) सुन्दर, सुकुमार। सिन्दूरगणपतिः गणेश की मूर्ति / सुप्रमाण (वि.) बहुत बड़े आकार का। सिन्धमन्यजम् सेंधा नमक / सुबभ्रु (वि०) गहरा भूरा, धूसर / सिन्धसौवीराः सिन्धु नदी के आसपास के प्रदेश में रहने सुभगा 1. सुहागिन 2. कस्तुरी। वाले। सुभोरुकम चाँदी। सिरापत्रः पीपल का वृक्ष / सुभूतिः [सु+भू+क्तिन्] 1. मंगल समृद्धि 2. तीतर सिरामलम नानि / पक्षी। सिराल (वि.) [सिर ।-आलच्] अनन्त नसों वाला, नस- | सुमन्दभाउ (वि०) अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण / नाड़ियों के जाल से युक्त / सुमर्षण (वि.) [सु+म+ल्यद] सहनशील / सिष्णासु (वि.) [स्ना -सन् / उ, धातोद्वित्वम्] स्नान | सुन्त (वि.) बिल्कुल ठण्डा, विल्कुल मुर्दा / करने की इच्छा वाला। सुलग्नः शुभ मुहूर्त / सिसिक्षा [सिच् + सन् +-आ, धातोद्वित्वम्] छिड़कने की सुवर्तुलः तरबूज / इच्छा / सुविचक्षण (वि०) अत्यन्त चतुर / सीताध्यक्षः कृषिका अवीक्षक / सुविरुद्ध (पि०) पूर्ण विकसित / सीधुपानम मद्यपान, शराब पीना। सुविविक्त (वि०) 1. अकेला 2. निर्णीत / For Private and Personal Use Only