________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सप्तमन्त्रः / अग्नि, आग / ( 1351 ) सन्दशः [ सम् +दृश्न-धा ] प्रतीति, दृष्टि / सपरिच्छन् (वि०) आवश्यक वस्तुओं से सुसज्जित, दलबल सन्दर्शनम् [ सम्+द+ल्यट ] काम, उपयोग / के साथ। सन्धिः [ सम् +धा+कि ] भूखंड जो मन्दिर के लिए | सपरिहारम् (अ.) आरक्षण सहित / धर्मार्थ दिया गया हो चोल०१ में डा० राघवन की सपर्यापर्याय: पूजाकृत्यों की माला-सकलमिदमात्मार्पणदशा टिप्पणी वृत्तिसन्धिप्रतिपादकः / सपर्यापर्यायस्तव जननि यते विलसितम्... सौन्दर्य / सन्धिन् (पुं०) / सम् / घा+इनि ] संधि इत्यादि का काम | सप्तकोण (वि.) सात कोनों वाला। करने वाला मन्त्री। सप्तपातालम् सात पातालों का समूह / सन्ध्यापयोवः संध्याकालीन बादल / सन्नजित (वि.) जिसकी जिह्वा बंधी हुई है, जो सप्तचिः / अग्नि, आग / चुप है। सप्तस्वरः संगीत के सात स्वर (अर्थात-सा, रि, ग, म, प, सनषी (वि.) हतोत्साह, उत्साहहीन / घ, नी)। सनभाव (वि.) निराश। सप्ताल (वि.) सात कोनों वाला। सन्नवाच् (वि०) मन्द स्वर से बोलने वाला। सप्रज्जातम दे० 'सम्प्रज्जातम् / सन्नावः [ सम्+न+-घा ] शोरगुल, हुल्लड़ / सप्रतीक्षम् (10) बहुत प्रतीक्षा के पश्चात् / सन्नत (वि.) [सम् + नम्+क्त ] पूर्ण, भरा हुआ सप्रमाण (वि.) 1. साधिकारिक 2. समान आकार-प्रकार --परमानन्दसन्नतो मन्त्री दश०१३ / सन्नतगात्री झुके हुए शरीर वाली महिला / सप्रेष्य (वि०) अनुचरों द्वारा सेवित / सन्नतभू (वि.) भृकुटिविलासयुक्त, त्यौरी चढ़ाए हए। सभक्ष: एक ही भोजनशाला में भोजन करने वाला, सहसन्नद्धयोध (वि.) जिसकी सेना लड़ने के लिए पूरी तरह भोजी। तैयार है। सभा [सह-भा+क+टाप, सहस्य सः] 1. यात्रियों के सनिकर्षः [ सम् ---नि-+कृष्+घ ] 1. आधुनिक विषय | लिए अतिथिशाला 2. भोजनशाला। या विचार वेदश्चिके सत्रिकर्ष पुरुषाख्या-मी० सू० सभागृहम् / 1 / 1 / 27 / / सभामण्डपः / सनिपत्य (अ०)[सम्+नि+पत्+य (क्त्वा)], तुरन्त, / सभामध्ये (अ०) सभा में। प्रत्यक्ष, सीधे। | सभायोग्य (वि.) सभा के लिए उपयुक्त। सग्निपत्योपकारिन (वि.) भाग या अङ्गजो सीधा प्रधान | सभाजित (वि.) [सभाज+क्त] सम्मानित / ___ का काम दे~मी० सू० 12 / 1 / 19 पर शा० भा० / सभोद्देशः (सभा+उद्देशः) सभाभवन के आसपास का सन्निपातः [ सम्+नि-पत्+घ ] 1. मैथुन 2. युद्ध स्थान / 3. ग्रहों का विशेष संयोग। सम (वि०) [सम् +अच्] 1. नियमित, सामान्य 2. सरल, सनिपातिन् (वि०) [सन्निपात+इनि] ऐसा अंग जो प्रधान सुविधाजनक 3. बराबर, वैसा ही। सम०-अधिक का कार्य करे---मन्त्राच्च सन्निपातित्वात्-मी० सू० (वि.) समान रूप से पैरों पर खड़ा हुआ,-अधिन् 12 / 1 / 19 / (वि.) समानता चाहने वाला,--आत्मक (वि०) सभिभूत (वि०) [सम् +नि+भृ+क्त] 1. गुप्त 2. चतुर, समान से युक्त,-कक्ष (वि.) समान भार वाला, शिष्ट / जिनके उत्तरदायित्व एक से हों,-गतिः वाय, सर्वत्र सनिरुद्ध (वि.) [सम्+नि+रुष्+क्त] 1. नियन्त्रित, समान रूप से गति करने वाला-मृत्युश्चापरिहाररोका हुआ 2. पूर्ण, भरा हुआ। वान समगतिः कालेन-महा० १२२९८११५,-धर्म सन्निरोधः सम् +नि-रुघा ] 1. कैद 2. संकीर्णता। (वि०) एक से स्वभाव वाला,-मात्र (वि.) एक सनिवाय: सिम + नि++घञ सम्मिश्रण, समुच्चय / से डीलडौल का, एक सी मापतोल का,-वतिन् सनिवेश: [सम्+नि+विश्+घा] डेरा डालना, शिविर (वि०) 1. निष्पक्ष 2. समान दूरी पर होने वाला, ___ स्थापित करना (जैसा कि "सेनासनिवेशः")। -विभक्त (वि०) समान रूप से बँटा हुआ, सनिसर्गः [सम्+नि-सज्+घन अच्छा स्वभाव, भल- -विषमम ऊबड़खाबड़, कहीं से नीचा तो कहीं से मनसाहत, उदाराशयता। ऊँचा, श्रुति (वि.) समान अन्तराल से युक्त सन्नी (म्वा० पर०) भरना, पूर्ण करना। (संगीत०),-श्रेणिः सीधी पंक्ति, - अपणी सब से सन्यासः [सम्+नि+अस्+घञ] ठहराव, करार / आगे रहने वाला, - अतिक्रान्त (वि.) 1. संपूर्ण सपत्राकृत (वि.) अत्यन्त घायल। में से धूमा हुआ 2. जो व्यतीत हो गया, गुजरा हुआ For Private and Personal Use Only