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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1177 ) उठाकर ले जाना, हटाना, अम्यव-,खाना (प्रेर०) / दूर रहना- स्त्रीसंनिकर्ष परिहर्तुमिच्छन्नन्तर्दधे खिलाना, भोजन कराना, आ-,1. (क) लाना, ले भूतपतिः स भूत: - कु० 3 / 74, मनु० 81400, कु० आना यदेव वने तदपश्यदाहृतम् .. रघु० 319, 14 // 3143 2. त्यागना, परित्यक्त करना, छोड़ना, तिलां७७ (ख) ढोना, पहुँचाना --मन० 954 2. निकट जलि देना--कति न कथितमिदमनपदमचिरं मा परिलाना, देना---अयाचिताहृतम्-याज्ञ० 13125 हर हरिमतिशयरुचिरम--गीत० 9 3. हटाना, नष्ट 3. प्राप्त करना, लेना, हासिल करना---मनु० 2 / करना, उत्तर देना, प्रत्याख्यान करना (आक्षेप व 183, 780, 81151 4. रखना, धारण करना आरोप आदि का) ब्रह्मास्य जगतो निमित्तं कारण -आजह्रतुस्तच्चरणी पृथिव्यां स्थलारविन्दश्रियम- प्रकृतिश्चेत्यस्य पक्षस्याक्षेप: स्मतिनिमित्तः परिहृतः / व्यवस्थाम् कु० 233 6. (यज्ञ का) अनुष्ठान तर्कनिमित्त इदानीमाक्षेपः परिहियते---शा० भा०, करना स विश्वजितमाजहें यज्ञं सर्वस्वदक्षिणम् मेघ 14, प्र-, 1. प्रहार करना, आघात करना, - रघु० 4186, 14 / 37 7. वसूल करना, वापिस पीटना - लत्तया प्रहरति 'लात मारता है' रघु० 5 / लेना 8. कारण बनना, पैदा करना, जन्म देना 68, कु० 3170, भट्टि० 97 2. चोट पहुंचाना, 9. पहनना, धारण करना 10. आकृष्ट करना क्षतिग्रस्त करना, घायल करना (अधि० के साथ) 11. हटाना, दूर करना-प्रेर०) 1. मंगवाना 2. दिल- -आर्तत्राणाय वः शस्त्रं न प्रहर्तुमनागसि ---श० 1 / वाना 3. एकत्र करना, परस्पर मिलाना, उद् 11, रघु० 2062, 7159, 11484, 1513 3. आक्र1. बचाना, मुक्त करना, उद्धार करना, छुड़ाना-मां मण करना, हमला करना 4. फेंकना, डालना, प्रक्षेप तावदुद्धर शुचो दयिताप्रवृत्त्या-विक्रम० 4 / 15 करना (अधि० या संप्र० के साथ) 5. छापा मारना, 2. खींचना, बाहर निकालना -(शरम्) उद्धर्तुमच्छ- वि-, 1. ले जाना, पकड़ कर दूर करना, 2. हटाना, त्प्रसभोद्धतारिः रघु० 2130, 3064 3. उन्मूलन नष्ट करना, 3. गिरने देना, (आँसू आदि) ढालना करना, जेड़ से उखाड़ना, उद्धार करना - नमयामास 4. (समय) बिताना 5. मनोरंजन करना, आमोदनृपाननुद्धरन् - रघु० 8 / 9, 4 / 66, त्रिदिवमुद्धतदानव- प्रमोद में व्यस्त होना, खेलना विहरति हरिरिह कण्टकम्-श०७।३ 4. उठाना, ऊपर को करना, उन्नत सरसवसन्ते गीत० 1, व्यव-, 1. व्यवहार करना, करना, (हाथ आदि) फैलाना - मनु० 4 / 62, पंच. व्यवसाय करना 2. करना, आचरण करना, व्यापार 11363 5. (फूल आदि) तोड़ना 6. अवशोषण करना करना 3. कानून की शरण जाना, कचहरी में नालिश -शि० 375 7. घटाना, व्यवकलन करना 8. छांटना, करना .. अर्थपतिर्व्यवहर्तुमर्थगौरवादभियोक्ष्यते--दश०, चुनना, उद्धृत करना-इदं पद्यं रामायणादुद्धृतम् व्या -, बोलना, कहना, बतलाना, वर्णन करना, –(प्रेर०) बाहर निकलवाना रघु० 9 / 74, प्रकथन करना - कु० 2 / 62, 6 / 2, रघु० 11383, उदा.,1. वर्णन करना, वयान करना, प्रकथन करना सम् , 1. लाना, मिला कर खींचना 2. (क) कहना. बोलना, उच्चारण करना-उदाजहार द्रुपदा सिकोड़ना, संक्षिप्त करना, भींचना रघु० 10 // 32, त्मजा गिर:-कि० 1427, मच्छ० 9 / 4, चिकित्सका (ख) गिरा देना संह्रियतामियम-का. 3. सार दोषमुदाहरन्ति--मालवि० 2, मा० 1 2. पुकारना, साथ लाना, एकत्र करना, संचय करना 4. नष्ट नाम लेना--त्वां कामिनो मदनतिकामुदाहरन्ति करना, संहार करना (विप० 'सज्') अमु युगान्तो-विक्रम० 4 / 11, श्रुतान्वितो दशरथ इत्युदाहृतः चितकालनिद्रः संहृत्य लोकान् पुरुषोऽधिशेते रघु० ---भट्टि० 111 3. सचित्र बनाना, सोदाहरण निरू- 13 / 6 5. वापिस लेना, रोकना, पीछे खींचना पण करना, उदाहरण या चित्र उद्धृत करना, त्वम्- -अभिमुखे मयि संहृतमीक्षितम् ... श. 2111, दाहियस्व कथमन्यथा जनः शि० 15 / 29, उप -, 6 / 4, न हि संहरते ज्योत्स्ना चन्द्रश्चाण्डालवेश्मनः 1. ले आना, निकट लाना श०१2. प्रस्तुत करना, -हि० 1161, रघु० 4 / 16, 12 / 103, भग० 2 / प्रदान करना, उपहार देना-नीवारभागधेयमस्माक- 28 6. दमन करना, नियन्त्रण करना, दबाना क्रोधं मुपहरन्तु-श०२, मातृभ्यो बलिमपहर-मच्छ० 1, प्रभो संहर संहरेति यावदगिरःखे मरुतां चरन्ति ... कु० महावीर० 6 / 22, रघु० 14119. 16680, 19 / 12, 3172 7. बन्द करना, समाप्त करना-समा-, श० 3 3. (बलि के रूप में) प्रस्तुत करना, उपा- 1. लाना, पहुँचाना, ढोना....सर्व एव समाहारि तदा लाना, ले आना, निस्-, 1. बाहर निकालना, शल: सहौषधिः-भट्टि० 15:107 2. संग्रह करना, खींचना, उद्धृत करना--रघु० 14 / 42 2. शव को साथ मिलाना, जोड़ना तत्र स्वयंबर समाहृतराजलोबाहर निकालना - मनु० 5.91, याज्ञ० 3 / 15 | कम्-रघु० 5 / 62, भट्टि० 8 / 63 3. खींचना, आकृष्ट 3. (दोष की भांति) दूर करना, परि-, 1. बचना, / करना 4. मष्ट करना, संहार करना-भग० 11 // 148 For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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