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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1148 ) स्पर्शनकम् [स्पर्शन+कन् ] सांख्यदर्शन में प्रयुक्त 'त्वचा' / (स्पर्शयति-ते) 1. छ्वाना 2. देना, प्रस्तुत करना ___ का पर्यायवाची शब्द / -गाः कोटिशः स्पर्शयता घटोघ्नी:-रघु० 2 / 49, स्पर्शवत (वि.) [स्पर्श+मतप 11. स्पर्श किये जाने अप-उपस्पृश्, अभि-,छूना, उप-,1. छूना 2. शरीर के योग्य 2. मृदु, छुने में रुचिकर या कोमल-कु० पर पानी के छीटे देना या स्नान करना-मनु०४। 1155 / 143 3. आचमन करना, पानी देना, कुल्ला करना स्पर्ष (म्वा० आ० स्पर्षते) गीला या तर होना। --स नद्यवस्कन्दमुपास्पृशच्च-भट्टि० 2 / 11, मनु० स्पई (पु.) [स्पृश्+तृच ] मनोव्यथा, शरीर में | 2053, 5 / 63, अप उपस्पृश्य 4. स्नान करना-रघु० विकार, रोग / 5 / 59, 18131, परि , छूना, सम् -, 1. छूना स्पश(स्वा उभ० स्पशति) 1. अवरुद्ध करना 2. दायित्व 2. पानी से छिड़काव करना- मनु० 2 / 53 3. सम्पर्क प्रहण करना, संपन्न करना 3. नत्थी करना 4. छूना, स्थापित करना। देखना, निहारना, स्पष्ट दृष्टिगोचर होना, जासूसी स्पृश् (वि.) [स्पृश् + क्विप् ] (समास के अन्त में करना, भांपना, भेद पाना। प्रयुक्त) जो छूता है, छूने वाला, ग्रस्त करने वाला, स्पशः स्पश+अच] 1. भेदिया, गप्तचर,-स्पशे शनर्गत- बेधने वाला,- मर्मस्पृश, हृदिस्पृश् आदि / वति तत्र विद्विषाम् शि० 17420, दे० 'आपस्पश' स्पृष्ट (भू० क.कृ.) [स्पृश्+क्त ] 1. छूआ हुआ, भी 2. लड़ाई, संग्राम, युद्ध 3. (पुरस्कार पाने के हाथ लगाया हुआ 2. सम्पर्क में आया हुआ, स्पर्शी लिए) जंगली जानवरों से लड़ने वाला, या ऐसी 3. पहुँचने बाला, उपयोग करने वाला, विस्तार पाने लड़ाई। वाला-अस्पृष्टपुरुषान्तरम् कु० 675 4. ग्रस्त, स्पष्ट (वि०) [ स्पश्+क्त ] जो साफ़ साफ़ देखा जा पकड़ा हुआ --मेघ० 69, अनघस्पृष्टम्-रघु० 10 / 19 सके, व्यक्त, साफ़ दृष्टिगोचर, साफ़, सरल, प्रकट 5. गन्दा, मलिन --मनु० 8 / 205 6. जिह्वा के पूर्ण --स्पष्टे जाते प्रत्यूषे-का० 'जब धूप खिल गई थी' स्पर्श से बना हुआ (पांचों वर्गों में से कोई सा वर्ण) स्पष्टाकृति:-रघु०१८।३०, स्पष्टार्थः-आदि 2. वास्त- अचोऽस्पृष्टा यणस्त्वीषन्नेमस्पृष्टा शलः स्मृताः / शेषाः विक, सच्चा 3. पूरा खिला हुआ, फूला हुआ 4. साफ़ स्पृष्टा हल: प्रोक्ता निबोधानप्रदानतः-शिक्षा० 38 / साफ़ देखने वाला,-ष्टम् (अव्य०) 1. स्पष्ट रूप से, स्पृष्टिः, स्पष्टिका (स्त्री०) [स्पृश्+वितन, स्पृष्टि साफ़ तौर पर, साफ़-साफ़ 2. खुल्लमखुल्ला, साहस +कन्+टाप् ] छना, सम्पर्क तद्वयस्य अस्मच्छरीरपूर्वक (स्पष्टीह साफ़ करना, प्रकट करन्म, व्याख्या स्पृष्टिकया शापितोऽसि-मृच्छ० 3 / खोल कर कहना)। सम० - गर्भा वह स्त्री जिसके स्पृह, (चुरा० उभ० स्पृहयति-ते) कामना करना, लालागर्भ के चिह्न साफ़ देख पड़ें,-प्रतिपत्तिः (स्त्री०) यित होना, इच्छा करना, उत्सुक होना, चाहना (संप्र० स्पष्ट ज्ञान, शुद्ध प्रत्यक्षज्ञान,-भाषिन्,-वक्त (वि.) के साथ) स्पयामि खल दुर्ललितायास्मै श०७, साफ़-साफ़ कहने वाला, मुंहफट, खरा, सरल / तपःक्लेशायापि स्पृहयन्ती का०, न मैथिलेयः स्पृहयांस्म (म्वा० पर० स्पृणोति) 1. मुक्त करना, उद्धार करना | बभूव भर्ने दिवो नाप्यलकेश्वराय रघु० 16142, 2. पुरस्कार देना, अनुदान देना, प्रदान करना 3. रक्षा भर्तृ० 2 / 45 / करना 4. जीवित रहना। स्पृहणम् [ स्पृह, +ल्युट् ] इच्छा या कामना करने की स्पक्का [ स्पृश्+का पृषो० शस्य कः ] एक जंगली | क्रिया, लालायित होना। पोषा। स्पृहणीय (वि.) [स्पृह +अनीयर ] चाहने के योग्य, स्पृश् [ तुदा० पर० स्पृशति. स्पुष्ट ] 1. छूना-स्पृशन्नपि अभिलषणीय, स्पृहा के योग्य, वांछनीय अहो गजो हन्ति - हि. 3 / 14, कर्णे परं स्पृशति हन्ति परं बतासि स्पहणीयवीर्यः-कू० 320, वन्द्या त्वमेव समूलम्--पंच०१४३०४ 2. हाथ रखना, थपथपाना, जगतः स्पृहणीयसिद्धिः मा० 10121, परस्परेण छूना--कु० 322 3. जुड़ जाना, चिपक जाना, स्पृहणीयशोभं न चेदिदं द्वन्द्वमयोजयिष्यत् रघु० संपृक्त होना 4. पानी से धोना या छिड़काब करना 7 / 14, कु. 7 / 60, उत्तर०६।४० / मन० 160 5. जाना, पहुँचना--श० 2 / 14, रघु० / स्पृहयाल (वि.) [स्पह+णिच्+आलच] इच्छा करने 3243 6. प्राप्त करना, हासिल करना, विशेष स्थिति वाला, लालायित, उत्सुक, उत्कण्ठित (संप्र० या पर पहुँचना -महोक्षतां वत्सतरः स्पृशन्निव-रघु० / अधिक के साथ) भोगेभ्यः स्पहयालवो न हि वयम् 3 / 327. कार्य में परिणत करना, प्रभावित करना, —भर्तृ० 364, तपोवनेषु स्पृहयालुरेव-रघु० ग्रस्त करना, पसीजना, द्रवीभूत होना - मुद्रा० 7.16, / 14 / 45 / कु० 6.95 8. संकेत करना, उल्लेख करना-प्रेर० / स्पृहा [ स्पृह +अच्+टाप् ] इच्छा, उत्सुकता, प्रबल For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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