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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1142 ) च्युत बेका किसी पद से बाला, पहरेदार, ध्युत 15. पावन स्थान 16. वेदी 17. नगरस्थ प्रांगण / स्थानीय (वि.) [स्थान+छ11. स्थान विशेष से संबद्ध, 18. मृत्यु के बाद कर्मानुसार प्राप्त होने वाला लोक किसी स्थान का 2. किसी स्थान के लिए उपयुक्त, 19. (नीति या युद्ध आदि में) दृढ़ता, आक्रमण का यम् नगर, शहर। मुकाबला करने के लिए दृढ़ता, मनु० 7 / 190 स्थाने (अव्य०) [ 'स्थान' का अधि० का रूप] 1. ठीक 20. पड़ाव, डेरा 21. निश्चेष्ट दशा, उदासीनता, या उपयुक्त स्थान पर, सही ढंग से, उपयुक्त रूप से, 22. राज्य के मुख्य अंग, किसी राज्य का स्पर्य ठीक. संचमुच, समुचित रीति से स्थाने वता .....अर्थात सेना, कोष, नगर और प्रदेश-मन० 7 / भूपतिभिः परोक्षः-- रघु० 7.13, स्थाने प्राणाः 56 (यहाँ कुल्ल. 'स्थान' का अर्थ करता है "दंड- कामिना दूत्यधीनाः मालवि० 3 / 14, कु. 667, कोषपुरराष्ट्रात्मकं चतुर्विधम्") 23. सादृश्य, समानता 7 / 65 2. के स्थान में, की बजाय, के बदले, स्थाना24. किसी ग्रंथ का भाग या खंड, परिच्छेद या अध्याय पन्न के रूप में-धातोः स्थाने इवादेश सुग्रीवं संन्यवेशयत् आदि 25. अभिनेता का चरित्र 26. अन्तराल, अवसर, ...रघु० 12058 3. के कारण, के लिए 4. इसी अवकाश 27. (संगीत में) गीत, सुर, स्वर के स्पंदन प्रकार, भांति / की मात्रा। सम० अध्यक्षः स्थानीय राज्यपाल, | स्थापक (वि.) [स्थापयति-स्था-णिच् +ण्वुल ] खड़ा स्थान का अधीक्षक, आसन (नपुं०, द्वि० व०) करने वाला, जमाने वाला, नींव डालने वाला, स्थापित बैठा हआ,---आसेधः किसी स्थान पर कैद, कारा, करने वाला, विनियमित करने वाला,---क: 1. मंच बंधन-तु० आसेध,-चिन्तकः सेना के शिविर के लिए के कार्य का निदेशक, रंगमंच-प्रबंधक, सूत्रधार स्थान की व्यवस्था करने वाला अधिकारी,-च्युत 2. किसी देवालय का प्रतिष्ठाता, मति की स्थापना दे० 'स्थानभ्रष्ट',-पालः रखवाला, पहरेदार, आरक्षी, करने वाला। --भ्रष्ट (वि.) किसी पद से हटाया हुआ, विस्थापित, स्थापत्यः [ स्थपति+व्या ] अन्तःपुर का रक्षक, त्यम् पदच्युत बेकार, माहात्म्यम् 1. किसी स्थान का . वास्तु विद्या, भवननिर्माण कला / गौरव या महत्त्व 2. किसी स्थान में मानी जाने वाली स्थापनम् [ स्था+णिच् + ल्युट, पुकागमः ] 1. खड़ा करने असाधारण पवित्रता या दिव्य गुण, -योगः उपयुक्त की क्रिया, जमाना, नींव डालना, निदेश देना, स्थापित स्थान का निदेशन द्रव्याणां स्थानयोगाच्च क्रय करना, संख्या बनाना 2. विचारों को जमाना, मन को विक्रयमेव च-मनु० ९।३३२,-स्य (वि०) एक ही संकेन्द्रित करना, ध्यान, धारणा 3. निवारा, आवास स्थान पर स्थित, अचल / 4. पुंसवन संस्कार (जब गर्भवती स्त्री को गर्भस्थ स्थानकम् [स्थान-स्वार्थे क] 1. अवस्था, स्थिति पिण्ड में जीवसंचार का प्रथम लक्षण ज्ञात हो, उस 2. नाटकीय व्यापार का एक विशेष स्थल उदा० समय यह संस्कार किया जाता है), दे० पुंसवन / पताकास्थानक 3. शहर, नगर 4. आलवाल 5. शराब स्थापना [स्था-णिच् --युच्---टा, पुक] 1. रखना, की सतह पर उठा हुआ फेन 6. सस्वर पाठ की एक जमाना, नींव रखना, स्थापित करना 2. व्यवस्था रीति 7. यजुर्वेद की तैत्तिरीय शाखा का अनुवाक | करना, विनियमन, (नाटक में) रंगमंच का प्रबन्ध / या प्रभाग। स्थापित (भू० क० कृ.) [ स्था+णिच्+क्त, पुक् ] स्थानतः (अव्य०) [स्थान-+-तसिल 11. अपनी स्थिति 1. रक्खा हुआ, जमाया हुआ, अवस्थित, धरा हुआ या अवस्था के अनुसार 2. अपने उपयुक्त स्थान से 2. नींव डाली हई, निविष्ट 3. जड़ा हुआ, उठाया 3. उच्चारण करने के अंग के अनुरूप / हुआ, खड़ा किया हआं 4. निदेशित. विनियमित, स्थानिक (वि.) (स्त्री०-की) [स्थान-ठक] 1. किसी आदिष्ट, अधिनियम 5. निर्धारित, तय किया हुआ, स्थान विशेष से सबंध रखने वाला, स्थानीय निश्चित किया हुआ 6. नियत, जिसको कोई पद या 2. (व्या० में) जो किसी अन्य वस्तु के बदले प्रयुक्त कर्तव्य सौंपा गया हो 7. विवाहित, जिसका विवाह हो, या उसका स्थानापन्न हो,-क: 1. कोई पदाधिकारी, हो चुका हो-मा० 105 8. दृढ़, स्थिर। स्थानविशेष का रक्षक 2. किसी स्थान का शासक / स्थाप्य (वि.) [स्था+णिच-+-ण्यत्, पुकागमः ] 1. रक्खे स्थानिन (वि.) [स्थानमस्यास्ति रक्ष्यत्वेन इनि ] जाने या जमा किये जाने योग्य 2. नींव डाले जाने 1. स्थानवाला 2. स्थर्यसम्पन्न, स्थायी 3. वह जिसका योग्य, स्थिर या स्थापित किये जाने योग्य,- प्यम कोई स्थानापन्न हो (पुं०) 1. मूलरूप या मौलिक धरोहर, अमानत / सम०-अपहरणम् धरोहर की तत्त्व, जिसके लिए कोई दूसरा स्थानापन्न न हो-स्था- वस्तु हड़प कर जाना, अमानत में खयानत / निवदादेशोऽनल्विधी-पा० 111156 2. जिसका स्थामन् (नपुं०) [स्था+मनिन् ] 1. सामर्थ्य, शक्ति, अपना स्थान हो, अभिहित / स्थैर्य, जैसा कि 'अश्वत्थामन्' में, दे० 'अश्वत्था For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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