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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1112 ) औचित्य 2. अच्छी नीति 3. ध्रुव की माता का नाम, / मय प्रातः काल दिष्ट्या सुप्रभातमद्य यदयं देवो नीय (वि०)अच्छे स्वभावमाला, सदाचारी, धर्मात्मा, दृष्टः ... उत्तर०६ 2. प्रातः कालीन ऊषा, प्रयोगः सद्गुणी, भला,(-थः)1. ब्राह्मण 2. शिशुपाल का नाम, 1. अच्छा प्रबन्ध, भली-भांति काम में लाया जाना --नील (वि.) बिल्कुल काला, या नीला, (-लः) 2. दक्षता,-प्रसाद (वि.) अति करुणामय, कृपाअनार का पेड़, (-ला) सामान्य सन का पौधा, नेत्र निधि, / वः) शिव का नाम, प्रिय (वि०) अत्यंत (वि०) सुन्दर आंखों वाला,-पक्व (वि.) 1. अच्छा प्रिय, रुचिकर, (या) 1. मनोहारिणी स्त्री 2. प्रेयसी, पका हुआ 2. सर्वथा परिपक्व या पका हुआ (-क्व:) फल (वि.) 1. अत्यन्त फल देने वाला, बहुत एक प्रकार का सुगन्धित आम, - पत्नी वह स्त्री उत्पादक 2. बहुत उपजाऊ, (- लः) 1. अनार का जिसका पति भद्रपुरुष हो, * पपः 1. अच्छी सड़क पेड़ 2. बेरी का पेड़ 3. एक प्रकार का लोबिया, 2. सुमार्ग 3. अच्छा चालचलन,---पथिन् (पुं०) (-ला) 1. कद, लौकी 2. केले का पेड़ 3. भूरे (कर्ते. ए. ५०-सुपन्थाः ) अच्छी सड़क, - पर्ण रंग का अंगूर,--बन्धः तिल,-बल (वि.) अत्यन्त (वि.) (स्त्री०-,-नी) 1. अच्छे पंखों वाला शक्तिशाली, (-.) शिव का नाम, बोष (वि०) 2. सुन्दर पत्तों वाला, (-णः) 1. सूर्य की किरण जो आसानी से समझा जाय, (-घः) भला समाचार 2. अर्षदिव्य चरित्र के पक्षियों जैसे प्राणी, देवगन्धर्व या उपदेश,-ब्रह्मण्य: 1. कार्तिकेय का विशेषण 2. यज्ञ 3. अलौकिक पक्षी 4. गरुड का विशेषण 5. मुर्गा, में वरण किये गये सोलह पुरोहितों में एक, भग --पर्णा,-पर्णी (स्त्री०) 1. कमलों का समूह (वि.) 1. अत्यन्त भाग्यवान या समद्धिशाली, प्रसन्न, 2. कमलों से भरा ताल 3. गरुड़ की माता का नाम, सौभाग्यशाली, अत्यन्त अनगहीत 2. प्रिय, मनोहर, -पर्याप्त (वि.) 1. बहुत विस्तार युक्त 2. सुयोग्य सुन्दर, मनोरम - न तु ग्रीष्मस्यवं सुभगमपरावं -पर्यन् (वि०) अच्छे जोड़ों या संधियों वाला, यवतिष-श० 319, कु० 4134, रघ० 11180 मा० 9 जिसमें बहुत से जोड़ या ग्रन्थियां हों, (पु.) 1. बांस 3. सुहावना, कृतार्थ, रुचिकर, मधुर-श्रवणसुभग 2. बाण 3. सुर, देवता 4. विशेष चान्द्र दिवस ----मालवि० 34, श० 13 4. प्रियतम, इष्ट, (प्रत्येक मास की पूर्णिमा, अमावस्या, अष्टमी और स्नेही, प्रिय-सुमुखि सुभगः पश्यन् स त्वामुपेतु चतुर्दशी) 5. घूआं,-पात्रम् 1. अच्छा या उपयुक्त कृतार्थताम् गीत० 5. श्रीमान्, (-गः) 1. सुहागा बर्तन, योग्य भाजन 2. योग्य या सक्षम व्यक्ति, किसी 2. अशोक वृक्ष 3. चम्पक वृक्ष 4 लाल कटसरैया, पद के समुपयुक्त व्यक्ति, समर्थ व्यक्ति, पाद (स्त्री० सदाबहार, (-गम्) अच्छा भाग्य मानिन, सुभगंमन्य पाद,-पदी) अच्छे या सुन्दर पैरों वाली, पार्वः (वि०) अपने आपको सौभाग्यशाली मानने वाला, पाकड़ का पेड़, प्लक्ष, -पीतम् गाजर, (-तः) पांचवां सुशील हितकर--वाचालं मां न खल सुभगंमन्यभावः महर्त, (-पुंसी) वह स्त्री जिसका पति भला व्यक्ति करोति---मेघ० ९४,-भगा 1. पति की प्रियतमा, हो, पुष्प (वि.) (स्त्री०-व्या, पी) अच्छे प्रेयसी 2. सम्मानित मां 3. वनमल्लिका 4. हल्दी फूल वाला, (... पः) मंगे का पेड़ ( पम्) 5. तुलसी का पौधा, सुतः पतिप्रिया पत्नी का पुत्र 1. लौंग 2. स्त्रीरज, -प्रतकः स्वस्थ विचार, प्रतिभा ...-भङ्गः नारियल का पेड़, -भत्र (वि०) अत्यानन्दित मदिरा, प्रतिष्ठ (वि०) 1. भली-भांति खड़ा हुआ या सौभाग्यशाली, (--द्रः) विष्णु का नाम ( द्रा) 2. बहुत प्रसिद्ध, विश्रुत, कीर्तिशाली, विख्यात, बलराम और कृष्ण की बहन का नाम जिसका विवाह ( ष्ठा) 1. अच्छी स्थिति 2. अच्छा मान, प्रसिद्धि, अर्जुन के साथ हुआ था। उससे अभिमन्यु नाम का ख्याति 3. स्थापना, निर्माण 4. मूर्ति आदि की पुत्र पैदा हुआ,–भाषित (वि.) 1. भली भाँति कहा स्थापना, अभिषेक, -प्रतिष्ठित (वि०) 1. भली-भांति गया, सुन्दर रूप से कहा गया 2. सुन्दर भाषण स्थापित, 2. अभिषिक्त 3. विख्यात, (-तः) गूलर करने वाला, वाग्मी, (-तम्) 1. सुन्दर भाषण, का पेड़, -प्रतिष्णात (वि.) 1. सर्वथा पवित्रीकृत वाग्मिता, अधिगम-जीर्णमले सुभाषितम्-भर्तृ० 32 2. किसी विषय का अच्छा जानकार, प्रतीक (वि.) 2. नीतिवाक्य, सूक्ति, समुपयुक्त कथन सुभाषितेन 1. सुन्दर आकृति वाला, प्रिय, मनोहर 2. सुन्दर गीतेन युवतीनां च लीलया। मनो न भिद्यते यस्य स्कन्ध वाला, (.-क:) 1. कामदेव का विशेषण स वै मुक्तोऽथवा पशुः-सुभा० 3. अच्छी उक्ति 2. शिव का विशेषण 3. पश्चिमोत्तर दिशा का --बालादपि सुभाषितं (ग्राम),-भिक्षम् 1. अच्छी दिग्गज,---प्रपाणम् अच्छा ताल,-प्रभ (वि.) बड़ा भिक्षा, सफल याचना 2. अन्न की बहुतायत, अनाज प्रतिभाशाली, यशस्वी, (---भा) अग्नि की सात घान्यादिक की प्रचुर राशि, अन्नसंभरण,-5 (वि०) जिहाजों में से एक,-प्रभातम् 1. शुभ प्रभात, मंगल- सुन्दर भौंह वाला (स्त्री-भ्रूः) मनोश स्त्री (इस For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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