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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir का पेड़, चरित, चरित्र (वि०) अच्छे आचरण वाला, शिष्टाचारयुक्त (-तम्,--त्रम्) 1. सदाचार, अच्छा चालचलन 2. गुण तव सुचरितमगुलीय नूनं प्रतनु- -श० 6 / 11, (-ता, -त्रा) सदाचारिणी, पतिव्रता, और सती साध्वी स्त्री,-चित्रक: 1. रामचिरैया, एक पक्षी 2. चीतल सांप, चित्रा एक प्रकार की लौकी, चिन्ता गहनचिन्तन, गम्भीर,-चिरस् (अव्य०) दीर्घ काल तक, बहुत देर तक, चिरायुस (पुं०) सुर देवता, जनः 1. भला पुरुष, सद्गुणी, परोपकारी 2. सज्जन,---जनता 1. भलाई, नेकी, परोपकार, सद्गुण-ऐश्वर्यस्य विभूषणं सुजनता-भर्तृ० 2182 2. भले पुरुषों का समूह, ---जन्मन् (वि०) सत्कुलोत्पन्न, कुलीन,-या कौमदी नयनयोर्भवतः सुजन्मा ----मा० ११३४,...जल्पः अच्छी वाणी,-जात (वि०) 1. उच्चकुलोत्पन्न 2. सुन्दर, प्रिय - मा० 1316, रघु० ३।८,-तनु (वि०) 1, सुन्दर शरीर वाला 2. अत्यन्त सुकुमार, दुबला-पतला 3. कृशकाय, दुर्बलशरीर, (स्त्री० नुः -न:) कोमलाङ्गी, सुन्दरशरीर -एताः सुतनु मुखं ते सख्यः पश्यन्ती हेमकूटगताः / -विक्रम० 1 / 11, -तपस् (वि.) 1. जो घोर तपस्या / करता हो 2. अतिशय तापयक्त (पं.) 1. संन्यासी, भक्त, साधु, वैरागी 2. सूर्य, (नपुं०) कठोर साधना ~तराम् (अव्य०) 1. अपेक्षाकृत अच्छा, अधिक श्रेष्ठ ढंग से 2. अत्यंत, अधिक, अत्यधिक, बहुत ज्यादह-तया दुहित्रा सुतरां सवित्री स्फुरत्प्रभामण्डलया चकाशे कु० 1124, सुतरां दयालु: रघु० 2 / 53, 4 / 9, 18 / 24 3. और अधिक, और भी ज्यादह - मय्यप्यवस्था न ते चेत्त्वयि मम सूतरामेष राजन गतोऽस्मि --भर्त० 3 / 30, तर्दनः कोयल,-तलम् 1. 'अत्यन्त गहराई' भूमि के नीचे सात लोकों में से / एक, दे० 'पाताल' 2. किसी बड़े भवन की बनियाद, ...—तिक्तक: मंगे का पेड़, तीक्ष्ण (वि०) 1. बहुत तेज 2. अत्यंत तीखा 3. बहुत पीडाकारक, (क्ष्णः) 1. सहिजन का पेड़ 2. एक ऋषि का नाम नाम्ना सुतीक्ष्णश्चरितेन दान्तः रघु० 13141, क्शनः शिव का विशेषण,-तीर्यः 1. अच्छा गुरु, 2. शिव का नाम, --तुङ्ग / वि०) बहुत ऊँचा या लंबा, (-गः) नारियल का पेड़, - दक्षिण (वि.) 1. अत्यन्त निष्कपट व खरा 2. बहुत उदार, यज्ञ में खव दक्षिणा देने वाला-पंच० 1 / 30, (-णा) दिलीप राजा की पत्नी का नाम, - तस्य दाक्षिण्यरूठेन नाम्ना मगधवंशजा / पत्नी सुदक्षिणेत्यासीत् रघु० 1131, 3 / 1, दण्डः बेंत, दत (वि०) (स्त्री० ती) अच्छे दांतों वाला, दन्तः 1. अच्छा दांत 2. अभिनेता, नतंक, नट, (ती) पश्चिमोत्तर दिशा की दिक्करिणी, वर्शन (वि०) (स्त्री०-ना,-नी) 1. प्रियदर्शन, सुंदर, मनोहर 2. जो आसानी से दिखाई दे (नः) 1. विष्णु का चक्र, जैसा कि 'कृष्णोप्यसुदर्शन:' का 2. शिव का नाम 3. गिद्ध, (- नम्) जंबू द्वीप का नाम, वर्शना 1. सून्दर स्त्री 2. स्त्री 3. आदेश, आज्ञा 4. एक प्रकार की बुटी, दा (वि०) यथेष्ट, दामन (वि.) जो उदारता पूर्वक देता है (पुं०) 1. बादल 2. पहाड़ 3. समुद्र 4. इन्द्र के हाथी का नाम 5. एक दरिद्र ब्राह्मण का नाम जो अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए. भुने चावलों की भेंट लेकर, द्वारकापुरी गया था तथा जिसे श्रीकृष्ण ने फिर धनधान्य और कीर्ति से सम्पन्न किया,-- दायः 1. मांगलिक उपहार 2. विशिष्ट अवसरों पर दिया जाने वाला विशेष उपहार,--दिनम् 1. आनन्दप्रद शुभ दिवस 2. अच्छा दिन, अच्छा मौसम (विप० दुदिन), इसी प्रकार 'सुदिनाहम' इसी अर्थ में,- दीर्घ (वि.) बहुत लंबा या विस्तृत (...C) एक प्रकार की लकड़ी -दुर्लभ (वि.) अत्यंत दुष्प्राप्य या विरल, दूर (वि.) बहुत दूर स्थित या दूरवर्ती (सुदूरम् 1. बहुत दूर 2. बहुत ऊँचाई तक, अत्यधिक, सुदूरात् दूर से, फासले से),--- वृश (वि.) सुन्दर आँखों वाला, (रत्री०) सुन्दर स्त्री,--धन्वन् (वि०) बढ़िया घनुष को धारण करने वाला, (-50) 1. अच्छा तीरंदाज़ या धनुर्धारी 2. विश्वकर्मा का नाम धर्मन (लि.) कर्तव्यपरायण (स्त्री०) देव परिषद, देवसभा, घर्मा, --धर्मी देवसभा -- ययावदीरितालोकः सुधर्मानवमां सभाम्-रघु० १७१२८,--धी (वि.) अच्छी समझ वाला, बुद्धिमान्, चतुर, प्रतिभाशाली, (-धीः) बुद्धिमान् या प्रतिभाशाली पुरुष, विद्वान् पुरुष या पंडित, (स्त्री०) अच्छी समझ, भला ज्ञान, प्रज्ञा, -~-उपास्यः 1. एक विशेष प्रकार का महल 2. कृष्ण के सेवक का नाम, ( स्यम्) बलराम का मुद्गर, - --उपास्या 1. स्त्री 2. उमा या उसकी कोई सखी 3. एक प्रकार का रंजक, नन्दा स्त्री, नयः 1. अच्छा चालचलन 2. अच्छी नीति, नयन (वि०) सुन्दर आँखों वाला, ( नः) हरिण, (-ना) 1. सुन्दर आखों वाली स्त्री 2. सामान्य स्त्री, नाभ (वि.) सुन्दर नाभि वाला 2. अच्छे नाह या केन्द्र वाला, (-भः) 1. पहाड़ 2. मैनाक पहाड़, निभृत (वि.) बिल्कुल अकेला, निजी, (अव्य० तम्) चुपचाप, छिपे-छिपे, सट कर, निजी रूप से, निश्चलः शिव का विशेषण,---नीत (वि.) अच्छे आचरण वाला, शिष्टाचार युक्त 2. नम्र, विनयी (---तम) 1. अच्छा चालचलन, शिष्ट आचरण 2. अच्छी नीति, दूरदर्शिता -नीतिः (स्त्री०) 1. अच्छा आचरण, शिष्टाचार, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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