________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1092 ) सहित (वि०) [सह, +तृच्] सहन करने वाला, सहनशील | साराविणम् [ सम्+5+णिनि-संराविन्+अण् ] ऊँची ___ सहिष्णु। आवाज, भारी कोलाहल-उत्तालाः कटपूतनाप्रभुतयः सहिष्णु (वि.) [सह +इष्णुच] 1. सहन करने के योग्य, सांराविणं कुर्वते-मा० 5 / 11, भट्टि० 7 / 43 / मेलने में समर्थ-रविकिरणसहिष्णःक्लेशलेशरभिन्नम् | सांवत्सर (स्त्री० --री), सांवत्सरिक (स्त्री०-की) -श० 24 2. क्षमाशील, तितिक्ष, सहनशील | (वि.) [संवत्सर-+-अण ठण वा] वार्षिक, सालाना, -सुकरस्तरुवत्सहिष्णुना रिपुरुन्मूलयितुं महानपि -क: ज्योतिषी, देवज्ञ। -कि० 2050 / | सांबाविक (वि.) (स्त्री० की) [संवाद+ठा ] सहिष्णुता,-वम् [सहिष्णु+तल+टाप्, त्व वा] 1. वहन | 1. (बोलचाल में) प्रचलित 2. विवादग्रस्त,-कः करने की शक्ति, सहारा देने की शक्ति 2. क्षमा / / ताकिक, नैयायिक / / शीलता, तितिक्षा। सांवसिक (वि.) (स्त्री०-की) [ संवृत्ति+ठक ] भ्रामक, सहुरिः [सह+उरिन्] सूर्य, स्त्री पृथ्वी।। अलौकिक (घटना या तत्वविषयक)। सहाय (वि.) [सह हृदयेन-ब० स०) 1. अच्छे हृदय | सांशयिक (वि.) (स्त्री० की) सशय+ठक] वाला, कपाल, करुणाशील 2. निष्कपट, -- यः | 1. सन्दिग्ध 2. अनिश्चित, अस्थिरमति / 1. विद्वान् पुरुष 2. (गुणों की) सराहना करने वाला, | सांसारिक (वि.) (स्त्री०-की) [ संसार+ठक ] दुनिरसिक, विवेकशील इत्युपदेशं कवेः सहृदयस्य च यावी, लौकिक-सांसारिकेषु च सुखेषु वयं रसज्ञाः करोति-काम्प० 1, परिष्र्वन्त्यन्ये सहृदयधुरीणाः -उत्तर० 222 / / कतिपये-रस। सांसिक्षिक (वि.) [संसिद्धि+ठ 11. प्राकृतिक, स्वतः सहल्लेख (वि.) [हृदयस्य लेखः कालुष्यकरणम्, सह | विद्यमान, सहज, अन्तहित 2. स्वभावतः प्रवृत्त, स्वतः हल्लेखेन-६० स०] प्रष्टव्य, संदिग्ध, खम् दूषित स्फूर्त 3. स्वयंभूत 4. अतिप्राकृतिक साधनों से प्रभाआहार। वित। सम. द्रवः स्वाभाविक तरलता (विप० महल (वि.) [सह हेलेन-ब० स०] क्रीडाशील, केलि नैमित्तिक -जनित) केवल जलसंबंधी। परक, विनोदप्रिय। सांस्थानिक: [ संस्थान+ठक ] समानदेशीय, एक ही देश सहोद [सह ऊठेन-ब० स०] चुराये गये सामान के साथ / के निवासी। पका गया चोर। सांस्राविणम् [ सम् ++णिनि+अण् ] सामान्य प्रवाह सहोर (वि) [सह +ओर] अच्छा, श्रेष्ठ, सन्त, या सरिता / महात्मा। | साहननिक (वि०) (स्त्री०-को) [ संहनन+ठक् / माघ (वि.) सह+यत्] 1. वहन करने के योग्य, सहारा शारीरिक, कायिक / दिये जाने के योग्य, सहन करने योग्य-अपि सह्या ते साकम् (अव्य०) [सह अकति--अक्+अम, सादेशः] घिरोवेदना-मुद्रा० 5, मालवि० 3 / 4 2. सहन किये ____1. के साथ, साथ मिलकर (करण के साथ)-यान्ती जाने योग्य, झेले जाने योग्य -कथं तूष्णी सह्यो गरुजनैः साकं स्मयमाना नतांबुजा भामि०२।१३२, निरवधिरिदानीं तु बिरहः-उत्तर० 3 / 44 3. सहन 1141 2. उसी समय, युगपत, एक ही समय / करने योग्य 4. सहन करने में समर्थ, सहन करने साकल्यम् [ सकल-व्यञ् ] समष्टि, सम्पूर्णता, किसी के योग्य 5. समर्थ, शक्तिशाली,ह्यः भारत की वस्तु का संपूर्ण या समस्त भाग. यावत्साकल्ये-नल. सात प्रधान पर्वतश्रेणियों में एक, समुद्र से कुछ दूरी 3 / 19, (साकल्येन) पूर्णतः, पूरी तरह से, पूर्ण रूप पर पश्चिमी घाट का कुछ भाग, सह्याद्रिश्रेणी-रामा- से - मनु१ 12 / 25 / स्त्रोत्सारितोऽप्यासीत्सहलग्न इवार्णव:--रघु० 4153, | साकत (वि.) सह आकृतेन ब० स०] 1. साभिप्राय, 52, कि० 1815, -ह्यम् 1. स्वास्थ्य, आरोग्यलाभ सार्थक, अर्थवाला साकृतस्मितम् --गीत०२, साकृतं 2. सहायता 3. युक्तता, पर्याप्ति। वचनम् आदि 2. सप्रयोजन 3. श्रृंगार प्रिय, स्वेच्छा सा[सो+3+टाप् ] 1. लक्ष्मी का नाम 2. पार्वती चारी,--तम् (अव्य.) 1. अर्थतः, सार्थकतापूर्वक का नाम। जैसा कि 'सांकृतं मां निर्वर्ण्य' में 2. सानुराग 3. भावुसांयात्रिकः[संयात्रा+ठ 1 समुद्र-व्यापारी, पोतवणिक, कता के साथ, मार्मिकतापूर्वक। समुद्री व्यापार करने वाला-पंच० 11316 / साकेतम् सिह आकेतेन - --ब० स०] अयोध्या कगरी का सायुगीन (वि.) [संयुगे साधुः --..ख ] युद्धसंबधी, रण-1 नाम-साकेतनार्योऽञ्जलिभिः प्रणेमुः - रघु०१४११३, कुशल -- रघु०११॥३०, विक्रम० 5, - नःभारी योद्धा, 13179, 18035, अरुणयवनः साकेतम्-महा०, युद्धकुशल सनिक-कु० 2 / 57 / --ताः (पुं०, ब०व०) अयोध्या निवासी। For Private and Personal Use Only