________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देने वाला (पुं०) सहप्रशासक, सहकारी, सहकर्मी | सहरूम् (समानं हसति-हस्+र] हजार / सम०-अंश, ----कृत (वि.) सहयोग दिया हुआ, से सहायताप्राप्त, ..अर्चिः, - कर,--किरण,-~-वीधिति,-धामन्,-पाव ---गमनम् 1. साथ जाना 2. किसी स्त्री का अपने मृत --मरीचि,रश्मि (प) सूय-श०७४, रघु० 13144, पति के शरीर के साथ जलना, विधवा का सती होना मुद्रा० ६.१७,----अक्ष (वि.) 1. हजार आँखों वाला -घर (वि०) साथ जाने वाला, साथ रहने वाला 2. जागरूक, सजग (क्षः) 1. इन्द्र का विशेषण उत्तर० 318 (र:) 1. साथी, मित्र, सहभागी 2. पति पुरुष का विशेषण ऋक्० 1090 3. विष्णु का 3. प्रतिभू (स्त्री० री) 1. सहेली 2. पत्नी, सखी, विशेषण,काण्डा सफेद दूब,-कृत्वस् (अव्य०) -चरित (वि.) साथ रहने वाला, सेवा में उपस्थित हजार बार, व (वि०) उदार, धारः विष्णु का रहने वाला, साथ देने वाला, चारः 1. साथ रहना चक्र,-पत्रम् कमल- रघु० ७११,-बाहुः 1. राजा 2. सहमति, सांमनस्य 3. (तर्क० में) हेतु के साथ कार्तवीर्य का विशेषण 2. बाण राक्षस का विशेषण साध्य का अनिवार्यतः साथ रहना-चारिन् दे० 3. शिव का (कुछ के अनुसार विष्णु का) विशेषण, 'सहचर',-ज (वि० ) 1. अन्तर्जन्मा, स्वाभाविक, --भुजः,---मूर्धन्,- मोलि (पुं०) विष्णु का विशेषण अन्तर्जात 2. आनुवंशिक (जः) 1. सगा भाई 2. नेस- -रोमन् (नपुं०) कंबल,-बोया हींग--शिखरः गिक स्थिति या वृत्ति, अरिः नैसर्गिक शत्रु, मित्रम् विन्ध्य पर्वत का विशेषण / नैसर्गिक दोस्त, -जात (वि.) प्राकृतिक--दे० 'सहज', सहस्रषा (अन्य.) [सहस्र+घाच्] हजार भागों में, हजार -वार (वि०) 1. सपत्नीक 2. विवाहित,...देवः प्रकार से-दीर्य किं न सहस्रधाहमथवा रामेण किं पांडवों का कनिष्ठ भ्राता, नकूल का जड़वा भाई जो दुष्करम् ---उत्तर०६।४०। अश्विनीकुमारों की कृपा से माद्री के पेट से उत्पन्न | सहस्रशस् (अव्य.) [सहन+शस] हजार-हजार करके। हुआ, यह मानव-सौन्दर्य का एक आदर्श माना जाता सहस्मिन् (वि) [सहन-इनि] 1. हजार से युक्त, हजारी, है, धर्मः समान कर्तव्य, चारिन (पुं०)पति, चारिणी -- सहस्री लक्षमीहते-पंच० 5 / 82 2. हजारों से युक्त 1. धर्मपत्नी, वैध पत्नी 2, सहकर्मी, पांशुक्रोडिन्, 3. हज़ार तक (जुरमाना आदि)-मनु० 8 / 376, पु. -पांशुकिल (पुं०) सखा, बचपन का मित्र, लंगो 1. हज़ार मनुष्यों की टोली 2. हजार सैनिकों का टिया यार,-भाविन् (पृ०) मित्र, हिमायती, अनुयायी, सेनापति / ---भू (वि.) नैसगिक, सहजात--रत्न० 112, | सहस्वत (वि.) [सहस+मतुप्] समर्थ, शक्तिशाली। --भोजनम् मित्रों के साथ बैठ कर भोजन करना, | सहा सिंह---अच्+टाप] 1. पृथ्वी 2. घीकुवार का पौधा. --मरणम् दे० सहगमन, युध्वन् संगी साथी (युद्ध | | केतकी का फूल। में साथ देने वाला), वसतिः, वासः मिलकर रहना। सहायः [सह एति-सह++अच] 1. मित्र, साथी-सहाय---सहवसतिमुपेत्य यः प्रियायाः कृत इव मुग्धविलो- साध्याः प्रदिशन्ति सिद्धयः-कि० 14144, कु. कितोपदेश:-श० 2 / 3 / 3 / 21 2. अनुयायी, अनुगामी 3. 'संधि' द्वारा बनाया सहता, त्वम् [ सह +तल+टाप्, त्व वा ] मिलाप, गया मित्र 4. सहायक, अभिभावक 5. चक्रवाक साहचर्य। 6. एक प्रकार का गन्धद्रव्य 7. शिव का नाम / सहन (वि.) [सह, ल्युट्] सहन करने वाला, झेलने वाला, | सहायता,-त्वम् [सहाय+तल+टापु, त्व वा] 1. साथियों नम् 1. सहन करना,झेलना 2. सहिष्णुता,सहनशीलता। का समूह 2. साथ, मिलाप, मंत्री 3. सहायता, मदद सहस् (पुं०)[सह -+-असि 1. मंगसिर का महीना - शि० -- कुसुमास्तरणे सहायतां बहुशः सौम्य गतस्त्वमावयोः 6 / 47, 16147 2. जाड़े की ऋतु नपुं० 1. शक्ति, कु० 4 / 25, रघु० 9:19 / ताकत, सामर्थ्य 2. बल, हिंसा 3. विजय, जीत | सहायवत् (वि.) [सहाय+मतुप्] 1. मित्रों से 4. कान्ति, चमक / युक्त 2. मित्रता में आबद्ध, सहायवान्, सहायता सहसा | सह+सो---डा] 1. बलपूर्वक, जबरदस्ती प्राप्त / 2. उतावली के साथ, अंधाधुंध, विना विचारे सहसा | सहारः सिह-ऋ+अच] 1. आम का पेड़ 2. विश्व का विदधीत न क्रियामविवेकः परमापदा पदम्-कि० | | नाश, प्रलय। 2 / 30 2. अकस्मात्, अचानक मातंग नः सह- | सहित (वि०) [सह +इतच्, सह+क्त, हितेन सह वा सोत्पतद्भिः-रघु० 13 / 11 / स+धा+क्त सहगत या सेवित, साथ-साथ, संयुक्त, सहसानः [सह,+ असानच्] 1. मोर 2. यज्ञ, आहुति। / से युक्त-पवनाग्निसमागमो ह्ययं सहितं ब्रह्म यदसहस्यः [सहसे बलाय हितः - सहस+यत्] पौष मास, स्वतेजसा - रघु० 814, तम् (अव्य०) साथ-साथ, -~सहस्यरात्रीरुदवासतत्परा-कु० 5 / 26 / के साथ / For Private and Personal Use Only