________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1086 ) वशीकरण, नः कामदेव के पाँच बाणों में से एक / सरट् (पुं०) [स+अटि: ] 1. हवा, वाय 2. बादल कु० 3166 / 3. छिपकली. मधुमक्खी। सम्यच् सम्यञ्च (वि०) (स्त्री०--समीची) [सम् / अञ्च् / सरटः [स+अटच् / 1. वायु 2. छिपकली-- लता हि सर +-क्विन, समि आदेशः पक्षे नलोपः] 1. साथ जाने टानां च तिरश्चां चाम्बुचारिणाम-मन० 12157 / वाला, साथ रहने वाला 2. सही, युक्त, उचित, | सरटिः [स+अटिन् ] 1. वाय 2. बादल। यथोचित 3. शुद्ध, सत्य, यथार्थ 4. सुहावना, रुचिकर सरदुः [सृ-अटु छिपकली, गिरगिट / ......कि च कुलानि कवीनां निसर्ग-सम्यभिच रज्जयतु- सरण (वि.) [सू ल्युट ] 1 जाने वाला, गतिशील रस 5. वही, एकरूप 6. सब, पूर्ण, समस्त-(अव्य० 2. बहने वाला,- णम् 1. प्रगतिशील, जाने वाला, -सम्यक ) 1. के साथ, साध-साथ 2. अच्छा, उचित वहनशील 2. लोहे का जंग, मचर्चा। रूप से, सही ढंग से, शुद्धतापूर्वक, सचमुच सम्य- सरणिः,-णी (स्त्री०) [स-+ नि: 1 पथ, मार्ग, सड़क, गियमाह , श० 1, मनु० 2 / 5, 14 3. यथावत्, रास्ता-आनन्द०१८ 2. क्रम, विधि सीधी अनवरत यथोचित ढंग से, ठीक-ठीक, सचमुच 4. सम्सान पूर्वक पंक्ति 4. कण्ठरोग। 5. पूरी तरह से, पूर्णत: 6. स्पष्ट रूप से / सरण्डः [ सू+अण्डच् ] 1. पक्षी 2. लम्पट, दुश्चरित्र व्यक्ति सम्राज ( पु० ) [ सम्यक् राजते-सम्+राज्+क्विप्] 3. छिपकली 5. धूर्त . एक प्रकार का अलंकार / 1. सर्वोपरि प्रभु, विश्वराट्, विशषतः वह जा अन्य | सरण्यः[स+अन्यच | 1. बाय, हवा 2. बादल 3. जल राजाओं पर शासन करता हो तथा जिसने राजसूय 4. बसंत ऋतु 5. अग्नि 6. यम का नाम / यज्ञ का अनुष्ठान कर लिया है-येनेष्टं राजसूयेन सरनिः (0, स्त्री०) सह रनिना ब० स०] एक मण्डलस्येश्वरश्च यः। शास्ति यश्चाज्ञया राज्ञः स | हाथ का माप, तु० रत्नि या अरनि। सम्राट् .. अमरः, -- रघु० 2 / 5 / सरथ (वि.) [समानो रथो यस्य रथेन सह वा-ब० स०] सय् (भ्वा० आ० सयते) जाना, हिलना-जुलना। एक ही रथ पर सवार,-थः रथ पर सवार योद्धा / सयथ्यः [सयूथ + यत् एक ही वर्ग या जाति का। सरभस (वि.) [सह रभरोन ब० स०] 1. वेगवान्, सयोनि (वि.) समाना योनियंस्य ब० स०, समानस्य फुर्तीला 2. प्रचण्ड, उग्र 3. क्रोधपूर्ण + प्रसन्न,----सम् सादेशः] एक ही कोख का, एक ही गर्भ से उत्पन्न, (अव्य०) अत्यंत वेग से। सहोदर,-नि: 1. सगा या सहोदर भाई 2. सरोता | सरमा [ सृ+अम+टाप् | 1. देवों की कुतिया 2. दक्ष 3. इन्द्र का नाम / की पुत्री का नाम 3. रावण के भाई विभीषण की सर ( वि०) [स+अच् ] 1. जाने वाला, गतिशील | पत्नी का नाम / 2. रेचक, दस्तावर-रः 1. जाना, गति 2. बाण | सरयुः [सृ+अयु ] वायु, हवा, युः,-यः (स्त्री०) एक 3. आतंच, दही का चक्का, मलाई 4. नमक .. लड़ी, नदी का नाम जिसके तट पर अयोध्यानगरी स्थित हार--अयं कण्ठे बाहुः शिशिरमसणो मौक्तिकसरः / है... रघु० 8 / 95, 13 // 61, 63, 14 / 30 / / उत्तर० 1 / 39 29 6. जलप्रपात,--- रम् 1. जल | सरल (वि.) [स-अलच ] 1. सीधा, अंबक 2. ईमानदार, 2. झील, सरोवर। सम० - उत्सवः सारस, जम् खरा, निष्कपट, निश्छल . सीधासादा, भोला भाला, ताजा मक्खन, नवनीत, तु० शरज। स्वाभाविक-- सरले साहसरागं परिहर-मा०६।१०, सरकः, - कम् [ स--वन् ] 1. सड़क राजमार्ग की अयि सरले किमत्र मया भगवत्या शक्यम्-.२,-ल: अनवरत पंक्ति, 2. मदिरा, उग्र सुरा-चक्ररथ सह 1. चीड़ का वृक्ष विघट्टितानां सरलद्रुमाणाम् ... कु. परन्ध्रिजनैरयथार्थसिद्धि सरकं महीभृतः-शि० 15 / 129, मेघ० 53, रघु० 4 / 75 2. आग। सम. 80, 1112 4. पीने का बर्तन, शराब पीने का . अङ्गः सरल वृक्ष का रस, विरोजा, तारपीन, द्रवः प्याला, कटोरा-शि० 10 / 20 5. तेज शराब का सुगंधित विरोजा। वितरण,---कम् 1. जाना, गति 2. तालाब, सरोवर सरव्य दे० शरव्य / 3. स्वर्ग / सरस् (नपुं०) [स+असुन् ] 1. सरोवर, तालाब, पोखर, सरधा [ सरं मधुविशेषं हन्ति-सर+हन्-+-ड नि० ] मधु- पानी का विशाल तख्ता -सरसामस्मि सागर:-भग० मक्खी,तस्तार सरधाव्याप्तः स क्षौद्रपटलैरिव 10 / 01 2. जल / सम० जम्,-जन्मन् (नपुं०) -रघु० 4163, शि० 15 / 23 / -रुहम्, (सरोजम्, सरोजन्मन, सरोरुहम्) सरसिजम्, सरङ्गः[स+अङ्गन् ] 1. चतुष्पाद, चौपाया, 2. पक्षी। सरसिकहम् कमल--सरसिजमनुविद्धं शैवलेनापि रम्यम् सरजस्,-सा (स्त्री०), सरजस्का [ सहरजसा-ब० स०, ----श० 1120, सरोरुहद्युतिमुषः पादास्तवासेवितुम् पक्षे कप्+टाप् ] रजस्वला स्त्री। ----- रत्न०१३०,-जिनी,-दहिणी 1. कमल का पौधा जाने वाला, गतिशा सरयुः / स नाम जिसके तह, 63, 1413 For Private and Personal Use Only