________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1087 ) वैसे ही-रघु० ....भ्रमर कथं वा सरोजिनीं त्यजसि-भामि० 1100 रूप वाला 2. समान, मिलता-जुल 2. कमलों से भरा हुआ सरोवर,- रक्षः (सरोरक्षः) | 659 / तालाब का संरक्षक, रह (सरोरह) (नपुं०) कमल, ! सरूपता,-त्वम् [ सरूप+तल+टाप, त्व वा] 1. समानता वरः (सरोवरः) झील / 2. ब्रह्मरूप हो जाना, मुक्ति के चार प्रकारों में सरस (वि.) [ रसेन सह ब० स०] 1. रसोला, सजल से एक। 2. स्वादु, मधुर 3. आई–शि० 11154 4. पसीने सरोष (वि०) [ सह रोषेण ब० स०] 1. क्रुद्ध, रोषपूर्ण से तर -कु. 5485 5. प्रेमपूर्ण, प्रणयोन्मत्त-भामि० 2. कुपित / 11100 (यहाँ इसका अर्थ 'मवपूर्ण' भी है) 6. लावण्य- सर्कः स+क] 1. वायु, हवा 2. मन / मय, प्रिय, रुचिकर, सुन्दर-सरसवसन्त गीत०१ सर्गः| सज+घञ ] 1. छोड़ना, परित्याग 2. सृष्टि 7. ताजा, नया, सम् 1. झील, तालाब 2. रसायन ..... अस्याः सर्गविघौ प्रजापतिरभूच्चन्द्रो न कान्तिप्रदः विद्या। ..-विक्रम 19 3. सष्टिरचना - कु० 2 / 6, रघु० सरसी [ सरस्+कीष् ] झोल, पोखर, सरोवर-भामि० 3 / 27 4. प्रकृति, विश्व 5. नैसर्गिक गुण, प्रकृति 21144 / सम-रहम् कमल / 6. निर्धारण, संकल्प गहाण शस्त्रं यदि सर्ग एष ते सरस्वत् (वि.) [सरस्+मतुप, ] 1. सजल, जलयुक्त -रघु० 3 / 51, 14 / 42, शि० 19138 7. स्वीकृति, 2. रसीला, मजेदार 3. ललित 4. भावुक, पुं० 1. समुद्र सहमति 8. अनुभाग, अध्याय, (काव्य आदि का) 2. सरोवर 3. नद 4. भैस 5. वायु का नाम / सर्ग, 9. धावा, हमला, (सेना का) प्रगमन 10. मलसरस्वती [ सरस्वत+ङीप | 1 वाणी और ज्ञान की त्याग 11. शिव का नाम / सम० - क्रमः सृष्टि का क्रम, अधिष्ठात्री देवता जिसका वर्णन ब्रह्मा की पत्नी के .... बन्धः महाकाव्य, सर्गबन्धो महाकाव्यम्-सा० द०। रूप में किया गया है 2. बोली, स्वर, वचन --- कु० (भ्वा० पर० सर्जति) 1. अवाप्त करना, उपलब्ध 4 / 39, 43, रघु० 15 / 46 3. एक नदी का नाम करना 2. उपार्जन करना / (जो कि मरुस्थल के रेत में लप्त हो गई है) 4. नदी सर्जः [ सज-+अच् ] 1. साल का पेड़ 2. साल वृक्ष का 5. गाय 6. श्रेष्ठ स्त्री 7. दुर्गा का नाम 8. बौद्धों की चूने वाला रस / सम० निर्यासकः, मणिः,-रसः एक देवी 9. सोमलता 10. ज्योतिष्मती नामक बिरोजा, लाख। पौधा। सर्जकः [ सज्+ण्वुल] साल का वृक्ष / सराग (वि.) [सह रागेण-ब० स० ] 1. रंगीन, हलके | सर्जनम् सज+ल्यट] 1. परित्याग, छोड़ना 2. ढीला रंग वाला, रंगदार-(अकारि) सरागमस्या रसनागुणा- | करना 3. रचना करना 4. मलत्याग 5. सेना का स्पदम्-कु० 5 / 10 2. लाल रंग की लाख से रंगा पिछला भाग। हुना-रघु० 16 / 10 3. प्रणयोन्मत्त, प्रेमाविष्ट, मुग्ध | सजिः, सजिका, स! (स्त्री०) [ सृज् + इन्, सजि+कन् ---मनेरपि मनोऽवश्यं सरागं कुरुतेऽङ्गना-सुभा० / +टाप, जि+ङीष् ] सज्जीखार। सराव (वि.) [सह रावेग-ब० स०] 1. शब्द करने | सर्जः, सर्जुः [सज+ऊः] व्यापारी--स्त्री० 1. बिजली वाला, कोलाहल करने वाला, -व: 1. ढक्कन, आवरण | 2. हार 3. गमन, अनुसरण / 2. कसोरा, चाय की तश्तरी, तु० 'शराव' / सर्पः[सपघा ] 1. सीली गति, घुमावदार चाल, सरिः (स्त्री०) [ स-+इन् ] झरना, फौवारा। खिसकना 2. अनुसरण, गमन 3. नाग, सांप। सम० सरित् (स्त्री० [स+इति ] 1. नदो-- अन्या सरिता , अरातिः, ----अरिः 1. नेवला 2. मोर 3. गरुड का शतानि हि समुद्रगाः प्रापयन्त्यब्धिम् ---मालवि० 5 / 19 विशेषण, अशनः मोर,-- आवासम्-इष्टम् चन्दन 2. धागा, डोरो। सम० - नाथः,-पतिः (सरितांपतिः का वृक्ष,- छत्रम् कुकुरमत्ता, साँप की छतरी, खंब, भी), भर्त (पु०) समुद्र, -- वरा (सरितांवरा) गंगा -तृणः नेवला,--→ष्ट्रः सांप का विषला दाँत,-धारक: का नाम, सुतः भीष्म का विशेषण। सपेरा,-भुज् (पुं०) 1. मोर 2. सारस 3. अजगर, सरि(री) मन् (पुं०) [ सृ+ ईमनिच् ] 1. गति, सरकना –मणिः सोप के फण की मणि,- राजः वासुकि / 2. वायु / सर्पणम् [ सृप्+ ल्युट ] 1. रेंगना, सरकना 2. वक्रगति सरिलम् [स+इलच् ] जल / 3. बाण की भूमि के समानांतर उड़ान / सरीसृपः [ कुटिलं सर्पति--सप+यङ (लुक)+द्वित्वादि | सर्पिणी [ सप्+णिनि+डीप्] 1. साँपनी 2. एक प्रकार +अच् ] साँप / की जड़ी बूटी। सहः [स+उन् ] तलवार की मूठ। सपिन् (वि.) [सृप्+णिनि ] 1. रेंगने वाला, सरकने सहप (वि.) [समान रूपमस्य--ब० स०] 1. समान बाला, घुमावदार, टेढ़ी चाल चलने वाला 2. जाने For Private and Personal Use Only