________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दृढ़, ठोस 6. संबद्ध, युक्त, मिलाकर रक्खा हुआ, 11. नरक का एक प्रभाग। सम०-- भैरवः भैरव का एक शरीर का अंग बना हुआ, सटा हुआ जालमादाय रूप, मुद्रा तन्त्र-पूजा में विशेष प्रकार की मुद्रा, गच्छन्ति संहताः पक्षिणोऽप्यमी. पंच० 2 / 9,5 / 101, इसकी परिभाषा अधोमखे वामहस्ते ऊस्यिं दक्ष हि० 1137 7. एकमत 8. संघात, संचित / सम० हस्तकम् / क्षिप्ताङ्गुलीरग़लीभिः संगृह्य परिवर्तयेत्।। जान (वि.) जिसके धुटने आपस में टकराते हों, | संहित (भू० क० कृ०) [सम्-धा-- वत, हि आदेशः] लग्नजानुक, 5 (वि०) सघन भौंहों से युक्त, 1. साथ-साथ रक्खा हुआ, मिला हुआ, संयुक्त -- स्तनी वह स्त्री जिसके दोनों स्तन सटे हुए हों। 2. सहमत, समनुरूप, अनुकूल 3. सम्बन्धी 4. संचित संहतता, त्वम् [संहत+तल- टाप् (त्व)| 1. घना 5. अन्वित, सुसज्जित, सहित, युक्त 6. उत्पन्न दे० सम् संपर्क, संयोजन 2. सम्पृक्तता 3. सहमति, एकता। पूर्वक धा। 4. सांमनस्य, समेकता। संहिता संहित+टाप्] 1. सम्मिश्रण, संघ, संयोजन संहतिः (स्त्री०) सम्ह न+क्तिन] 1. दृढ़ या घना 2. संचय, संकलन, संग्रह 3. कोई पद्य या गद्यसंग्रह संपर्क, घनिष्ट मेल-कू० 5 / 8 2. मेल, सम्मिलन, जिसका क्रम सुव्यवस्थित हो 4. विधि या कानूनों का ..... संहतिः कार्यसाधिका, संहतिः श्रेयसी पुंसां हि०१, संग्रह या संकलन, (किसी विषय के) नियम, तु० “संघे शक्तिः " 3. संपृक्तता, दढ़ता, ठोसपन नियमावली, सारसंग्रह, मनुसंहिता 5. वेद का क्रमबद्ध 4. पुंज, राशि-गुरुतां नयन्ति हि गुणा न संहतिः मंत्रपाठ, या विभिन्न शाखाओं के अनुसार उच्चारण..--कि० 12 / 10 5. सहमति, सांमनस्य 6. संचय, सम्बन्धी परिवर्तनों से यक्त पदपाठ—पदप्रकृतिः ढेर, संघात, समुच्चय ..वनान्यवाञ्चीव चकार संहतिः संहिता नि० 6. (व्या० में) सन्धि के नियमों के -कि० 14 / 34, 27, 3 / 20, 5 / 4, मुद्रा० 3 / 2 अनुसार वर्णों का मेल पा०१४।१०९, वर्णानामति7. सामर्थ्य 8. पिण्ड, समवाय / शयितः संनिधिः संहितासंज्ञः स्यात् / सिद्धा०, या. संहननम् [सम् + हन् + ल्युट्] 1. सघनता, दृढ़ता 2. देह, वर्णानामेकप्राणयोगः संहिता 7. विश्व को संघटित व्यक्ति-अमृताध्मातजीमूतस्निग्धसंहननस्य ते - उत्तर० रखने वाली शक्ति, परमात्मा / 6 / 21, गहावीर० 2 / 46 3. सामर्थ्य, दे० 'संहतिः' | संहति (स्त्री.) [सम+हे+क्तिन् ] चीखना, चिल्लाना, भी। भारी हंगामा, अत्यन्त शोरगुल / संहरणम् [सम् +ह+ल्युट्] 1. एकत्र करना, साथ-साथ संहृत (भू० क. कृ.) [सम्+ह+क्त ] 1. मिलाकर मिलाना, संचय करना 2. लेना, ग्रहण करना खींचा हुआ 2. सिकोड़ा हुआ, संक्षिप्त किया हुआ 3. सिकोड़ना 4. नियंत्रित करना 5. नष्ट करना, 3. वापिस लिया हुआ, पोछे खींचा हुआ 4. संचित, बर्बाद करना। संगृहीत 5. पकड़ा हुआ, हाथ डाला हुआ 6. दबाया संहर्त (पुं०) [सम्++तृच] विनाशक, नष्ट करने हुआ, नियन्त्रण में रक्खा हुआ 7. नष्ट किया हुआ। वाला। हुतिः (स्त्री०) [सम+ह+क्तिन] 1. सिकुड़न, [सम् + हृष+घा] 1. रोमांच होना, भय या हर्ष भींचना 2. विनाश, हानि 3. लेना, पकड़ना से पुलकित होना 2. आनन्द, हर्ष, खुशी 3. प्रति 4. प्रतिबन्ध, 5. संचय / योगिता, होड़, प्रतिद्वन्द्विता 4. वायु 5. साथ-साथ | संहृष्ट (भ० क० कृ०) [सम-+हृष+क्त ] 1. पुलकित, रगड़ना। या हर्ष से रोमांचित, प्रसन्न 2. जिसके रोंगटे खड़े हैं संहातः[सम्+हन्+घश वा० कुत्वाभावः, संघात का या जो कांप रहा है 3. स्पर्धा के भाव से उद्दीप्त / पाठान्तर] इक्कीस नरकों में से एक मनु० 4189 / / संहावः [सम्+हृद्+घन ] 1. शोरगुल, चीत्कार, संहारः [सम्+ह+घञ] 1. मिलाकर खींचना, या / होहल्ला 2. कोलाहल / साथ-साथ लाना, संचय करना - अनुभवतु वेणीसंहार- | संहीण (वि.) [सम्+ही+क्त] 1. विनयशील, महोत्सवम्-वेणी०६.2. संकोचन, भींचना, संक्षेपण शर्मीला 2. सर्वथा लज्जित / 3. रोकदेना, पीछे खींच लेना, वापिस लेना (विप० सकट (वि.) [ कटेन अशुचिना शवादिना सह वर्तमानः] प्रयोग या विक्षेप)--प्रयोगसंहारविभक्तमन्त्रम्-रघु० बुरा, कुत्सित, दुष्ट / 5 / 57, 45 4, प्रतिबंध लगाना, रोक लेना सकण्टक (वि.) [ कण्टेन सह कप्, ब० स०] 1. कांटेदार 5. विनाश, विशेषकर सुष्टि का, प्रलय, विश्वनाश चुभने वाला 2. कष्टप्रद, भयानक,-क: जलीय पौधा 6. समाप्ति, अन्त, उपसंहार 7. संघात, समूह शैवल दे। 8. उच्चारण दोष 9. जादू के शस्त्रास्त्रों को वापिस | सकम्प, सकम्पन (वि०) [कम्पेन, कम्पनेन सह वा, ब० स० हटाने के लिए मंत्र या जादू 10. व्यवसाय, कुशलता कांपता हुआ, थरथराता हुआ। For Private and Personal Use Only