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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1051 ) संसिद्धिः (स्त्री०) [सम् + सिक्तिन् ] 1. पूर्णता, 4. तैयार करना, आसज्जा 5. खाना बनाना, भोज्य पूर्ण निष्पन्नता - स्वनुष्ठितस्य धर्मस्य संसिद्धिहरितोष- पदार्थ तैयार करना 6. शृंगार, सजावट, अलंकार णम्-भाग०, कु० 2063 2. कैवल्य, मोक्ष-संसिद्धि --स्वभावसुन्दरं वस्तु न संस्कारमपेक्षते- दृष्टान्त० परमां गताः-भग०८।१५ 320 3. प्रकृति, नैसर्गिक 49, श० 7 / 23, मुद्रा० 2 / 10 7. अभिमन्त्रण, अन्त:वृत्ति, अवस्था या गुण 4. प्रणयोन्मत्त या नशे में शुद्धि, पवित्रीकरण 8. छाप, रूप, सांचा, कार्यवाही, चूर स्त्री। प्रभाव-यन्नवे भाजने लग्नः संस्कारो नान्यथा भवेत् संसूचनम् [ सम् + सू+ल्युट ] 1. प्रकट करना, सिद्ध / -हि०प्र०८, भर्तृ० 3384 9. विचार भाव, प्रत्यय करना 2. सूचित करना, कहना 3. संकेत करना, भेद | 10. मनःशक्ति या धारिता 11. कार्य का प्रभाव, खोलना -अर्थस्य संसूचनम् 4. भर्त्सना, मिड़कना / किसी कर्म का गुण-रघु० 1120 12. अपनी पूर्वसंसृतिः (स्त्री०) [सम् +स+क्तिन् ] 1. मागं, धारा, जन्म की वासनाओं को पुनर्जीवित करने का गुण, प्रवाह 2. लौकिक जीवन, संसारचक्र 3. देहान्तरगमन, छाप डालने की शक्ति, वैशेषिकों द्वारा माने हुए आवागमन-किं मां निपातयसि संसतिगर्तमध्ये-भामि० चौबीस गुणों में से एक (यह गुण तीन प्रकार का 4 / 32, शि०१४।६३, तु० 'संसार। है-भावना, वेग और स्थिति-स्थापकता) 13. प्रत्यामंसृष्ट (भू० क० कृ.) [सम्+सृज्+क्त ] 1. मिश्रित, स्मरणशक्ति, संस्मरण-संस्कारमात्रजन्यं ज्ञानं स्मृतिः मिला हुआ, साथ साथ मिलाया हा, सम्मिलित -त. 14. शुद्धिसंस्कार, पुनीत कृत्य पुण्यसंस्कार किया हआ 2. साझीदारों की भांति साथ साथ संबद्ध --संस्कारार्थ शरीरस्य मनु० 2066, रघु० 1079 3. प्रशांत 4. पुनर्यक्त 5. फंसा हुआ, 6. निर्मित (मनु बारह संस्कारों का उल्लेख करता है-दे. 7 स्वच्छ वस्त्रों से सुसज्जित। मनु० 2 / 27, कुछ लेखक इस संख्या को सोलह तक संसृष्टता-स्वम् [ सम् +स+क्त+ता (त्वम्) 1. समाज, बढ़ाते हैं) 15. बार्मिक कृत्य या अनुष्ठान 16. उप संघ 2. (विधि में) आर्थिक हित की दृष्टि से बंधु नयन संस्कार 17. अन्त्येष्टि संस्कार 18. मांजकर बांधवों का ऐच्छिक पुनर्मिलन (जैसे कि पिता और चमकाने के काम आने वाला पत्थर, झावा-श० पुत्र का अथवा संपत्ति के विभाजन के पश्चात् 6 / 6, (यहाँ 'संस्कार' का अर्थ 'मांजना' भी है)। भाइयों का)। . सम-पूत (वि.) 1. पुण्यकृत्यों द्वारा शुद्ध किया संसृष्टिः (स्त्री०) [सम् + सृज्+क्तिन् ] 1. संबंध, हुआ 2. शिक्षा या अन्य संस्कारों द्वारा पवित्र किया मिलाप 2. साहचर्य, मेल-जोल, सहभागिता, साझीदारी हुआ,--रहित - वजित, हीन (वि.) वह द्विज जो 3. एक ही परिवार में मिलकर रहना-दे० संसृष्टता संस्कार हीन हो, अथवा जिसका उपनयन संस्कार (2) 4. संग्रह 5. संचय करना, जोड़ना 6. (सा० न हुभा हो, और इस लिए जो व्रात्य (पतित, जातिमें) एक ही संदर्भ में दो या दो से अधिक अलंकारों बहिष्कृत) हो गया हो-तु० 'व्रात्य'। का स्वतंत्र रूप से सह-अस्तित्व- मिथोऽनपेक्षयतेषांक (भ. को सिम-क- 11 1. / (शब्दार्थालङ्काराणाम्) स्थितिः संसष्टिरुच्यते-सा० किया गया, परिष्कृत, मांज कर चमकाया हुआ, द० 756 / आवधित-वाण्येका समलंकरोति पुरुष या संस्कृता संसेकः [सम् +सिच्+घञ ] छिड़कना, जल से तर धार्यते---भतुं० 2 / 19 2. कृत्रिम रूप से बनाया गया, करना। सुरचित, सुनिमित, सुसम्पादित 3. तैयार किया गया, संस्कर्तु (पुं०) [ सम् + कृ+तृच् ] 1. जो सुसज्जित करता संवारा गग, सुसज्जित किया गया, पकाया गया है, खाना बनाता है, या किसी प्रकार की तैयारी (भोजन) 4. अभिमन्त्रित, पुनीत किया गया करता है-मनु० 5 / 51 2. जो अभिमंत्रित करता है, 5. सांसारिक जीवन में दीक्षित, विवाहित 6. स्वच्छ पहल करता है--उत्तर० 7 / 13 / किया गया, पवित्र किया गया 7. अलंकृत किया गया, संस्कारः [ सम् ++घञ्] 1. पूर्ण करना, संस्कृत सजाया गया 8. श्रेष्ठ, सर्वोत्तम,-तः 1. व्याकरण करना, पालिश करना,—(मणिः) प्रयुक्तसंस्कार इवा- के नियमों के अनुसार सिद्ध किया गया शब्द, नियमित धिकं बभौ-रघु० 3.182. संस्क्रिया, पूर्णता, व्या- व्युत्पन्न शब्द 2. द्विजाति का वह व्यक्ति जिसका करण की दृष्टि से (शब्दों की) विशुद्धता-कु० शुद्धिसंस्कार हो चुका हो 3. विद्वान् पुरुष,-तम् 28 (यहाँ मल्लि. 'व्याकरणजन्या शुद्धिः' लिखता 1.परिष्कृत या अत्यन्त परिमार्जित भाषा, संस्कृत भाषा है) रघु०१५/७६ 3. शिक्षा, अनुशीलन (मानसिक) 2. धार्मिक प्रचलन 3. चढ़ावा, आहुति (बहुधा प्रशिक्षण-निसर्गसंस्कारविनीत इत्यसो नपेण चक्रे | वैदिक)। युवराजशब्दभाक्-रघु० 3 / 35, कु. 720 ] संस्क्रिया [ सम्++श, इयङ्, टाप् ] 1. शुद्धिसंस्कार ATRATIO For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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