________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1 शरण में दिया हुआ, " (भूक ( 1050 ) लक्ष्मीः -1143 एकार्थसश्रयमुभयोः प्रयोगम् / संसरणम् [सम् + ल्युट] 1. जाना, प्रगति करना, -मालवि०१ 2. प्ररक्षण या शरण की खोज, शरण चक्कर काटना 2. संसार, सांसारिक जीवन, लौकिक के लिए दौड़ना, मित्रता करना, पारस्परिक प्ररक्षण सत्ता -ग्रीष्मचण्डकरमण्डलभीष्मज्वालसंसरणतापित - के लिए संघटित होना, राजनीति में वर्णित छ: उपायों मूर्ते:-भामि०४१६ 3. जन्म और पुनर्जन्म 4. सेना में से एक, दे० 'गुण' के अन्तर्गत भी, मनु० 7 / 160 को निर्बाघ कूच 5. युद्ध का आरम्भ 6. राजमार्ग 3. आश्रय, शरण, आश्रम, प्ररक्षण, पनाह-अनपायिनि 7. नगर के दरवाजों के समीप की धर्मशाला। संश्रयद्रुमे गजभग्ने पतनाय वल्लरी-कु० 4131, संसर्गः सम् + सज+घञ] 1. सम्मिश्रण, संगम, मिलाप मेघ०.१७, पंच० 122 / 2. सम्पर्क, संगति, साहचर्य, समाज-संसर्गमुक्तिः संश्रवः [सम् +श्रु+अप] 1. ध्यानपूर्वक सुनना 2. प्रतिज्ञा, खलेषु-भर्त० 2 / 62, श०१३ 3. सामीप्य, संस्पर्श करार, वादा। 4. मेल-जोल, परिचय 5. मैथुन, संभोग -- मनु० संश्रवणम् [सम्+श्रु+ल्युट] 1. सुनना 2. कान। 672 6. सह-अस्तित्व, घनिष्ठ संबंध। सम० - संश्रित (भू० क० कृ०) [सम्+श्रि+क्त] 1. शरण में / -~-अभावः अभाव के दो मुख्य भेदों में से एक, सापेक्ष ___गया हुआ 2. सहारा दिया हुआ, आश्रय दिया हुआ। अभाव जो तीन प्रकार का है (प्रागभाव पूर्ववर्ती संश्रुत (भू.क.कृ.) [सम्+श्रु+क्त] 1. प्रतिज्ञात, अभाव, प्रध्वंसाभाव-आपाती अभाव, और अत्यन्ताकरार किया हुआ 2. भली भांति सुना हुआ। भाव-निरपेक्ष, अनस्तित्व),--दोषः साहचर्य या संश्लिष्ट. (भू० क.कृ.) [सम् +श्लिष्+क्त] 1. बांधा संगति के विशेषकर कुसंगति के फलस्वरूप उत्पन्न होने हवा, साथ साथ मिला हुमा, जुड़ा हुआ, संयुक्त __ वाली बुराई या दोष। 2. आलिंगित 3. संबद्ध, साथ साथ जुड़ा 4. सटा हुआ, | संसगिन् (वि.) [संसर्ग+इनि ] संयुक्त, मिला हुआ, संस्पर्शी, संसक्त 5. सुसज्जित, युक्त, सहित / . (पु.) सड्चर, साथी। संश्लेषः [सम् +दिल+ध] 1. आलिंगन, परिरम्भण संसर्जनम् / सम्+सज्---ल्युटु ] 1. सम्मिश्रण 2. छोड़ना, 2. मिलाप, संबंध, संपर्क / / परित्याग करना 3. खाली करना, शून्य करना। संश्लेषणम्,-णा [सम् +श्लिष् + ल्युट्] 1. मिला कर संसर्पः [सम् + सप्-+ ल्युट् ] 1. सरकना, रेंगना 2. मलभींचना 2. साथ साथ बांधने का साधन / मास, लौंद का महीना जो क्षयमास वाले वर्ष में संसक्त (भ० क० कृ०) सम्+सञ्ज+क्त] 1. साथ होता है। जुड़ा हुआ, चिपका हुआ 2. जमा हुआ, संलग्न, | संसर्पणम् [सम्+सृप+ल्युट ] 1. सरकना 2. अचानक आसक्त, सटा हुआ 3. साथ मिलाया हुआ, शृंखला- आक्रमण, सहसा धावा / बद्ध, पास पास मिला हुआ-रघु० 7 / 24 4. निकट, संसपिन् (वि.) [संपर्प-1-इनि] सरकने वाला, रेंगने आसन्न, सटा हुआ 5. अव्यवस्थित मिला हुआ, वाला, कु०७८१ / मिश्रित, गड्डमड्ड किया हुआ--मदमुखरमयूरी-संसावः सम+सद+घासभा / मक्तसंसक्तकेकः मा० 9 / 5, कलिन्दकन्या मथुरां गता संसारः [ सम्+से+घ ] 1. मार्ग, रास्ता 2. सांसारिक ऽपि गङ्गोमिसंसक्तजलेव भाति-रघु० 6 / 48, मा० जीवनचक्र, धर्मनिरपेक्ष जीवन, लौकिक जिंदगी, 5 / 11 6. डटा हुआ, तुला हुआ 7. संपन्न, सहित दुनिया असार: संसार:- उत्तर० 1, मा० 5 / 30, 8. जकड़ा हुआ, प्रतिबद्ध / सम-मनस् (वि.) संसारधन्वभुवि कि सारमामशसिशंसाधना शुभगते जिसका मन किसी विषय पर जमा हुआ हो, युग -अश्व० 22, या, परिवर्तिनि संसारे मतः को वा न (वि०) जूए में जुता हुआ, जीन कसा हुआ-शि० जायते-पंच०११२७ 3. आवागमन, जन्मान्तर, जन्म३।६३ / परंपरा 4.सांसारिक भ्रम / सम०-गमनम् आवागमन, संसक्तिः सम् +सञ्ज+क्तिन्] 1. सटे रहना, घनिष्ठ -----गुरुः कामदेव का विशेषण, मार्गः 1. लौकिक मिलन या संगम -कि० 7 / 27 2. घनिष्ट संपर्क, बातों का क्रम, सांसारिक जीवन 2. योनिमुख, सामीप्य 3. आपसी मेलजोल, धनिष्ठता, घनिष्ट परि- भगद्वार, मोक्षः,-मोक्षणम् ऐहिक जीवन से मक्ति / चय -शि० 9 / 67 4. बांधना, मिला कर जकड़ना संसारिन् (वि०) (स्त्री०-णी) [ संसार+इनि] लौकिक, 5. भक्ति, (किसी कार्य में) दुर्व्यस्तता / दुनियावी, देहान्तरगामी पुं० 1. सजीव प्राणी, संसद (स्त्री०) [सम्+सद्+क्विप्] 1. सभा, सम्मिलन, जीवजन्तु 2. जीवधारी, जीवात्मा।। मंडल-संसत्सुजाते पुरुषाधिकारे कि० 3 / 51, छात्र- संसिद्ध (भू० क० कृ०) [सम्+सिध्+क्त ] 1. सर्वथा संसदि लब्धकीतिः-पंच०१, रघु०१६।२४ 2. न्याया- निष्पन्न, पूरा किया हुआ 2. जिसे मोक्ष की सिद्धि लय --मनु०८१५२। प्राप्त हो गई है, मुक्त। For Private and Personal Use Only