________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1041 ) पतित जाति का पुरुष, जातिबहिष्कृत, चांडाल,-भामि० (जैसे कमल का)-शि०१०।५८,११।१५ 4. हांपना, 4 / 23 2. कुत्तों को खिलाने वाला,- पक्षम् कुत्ते का गहरा सांस लेना-भट्टि० 6 / 120, 14155 5. ऊँचा पेर, -- पाक: जाति से बहिष्कृत, चाण्डाल- गंगा० सांस लेना, धड़कना 6. उन्मक्त होना, नि--निस-, 25, ---- फलम् खट्टा नींब या चकोतरा,-फल्कः आह भरना, ऊँचा साँस लेना, चि-, विश्वास अक्रूर के पिता का नाम, --भीरः गीदड़,-युथ्यम् करना, भरोसा करना, विश्वास रखना (प्राय: अधि० कुत्तों का झुंड, -- वृत्तिः (स्त्री०) कुत्ते का जीवन, के साथ)-पुसि विश्वसिति कुत्र कुमारी-० 5 / 110 (बहुधा 'नौकरी' की समता इससे की जाती है)-सेवां --कु० 5 / 15, (कभी कभी संबं के साथ) 2. सुरक्षित लाघवकारिणी कृतधियः स्थाने वत्ति विदुः- मुद्रा रहना, निर्भय या विश्वस्त होना-विशश्वसे पक्षिगण: 3314, मनु० 4 / 6 2. सेवावृत्ति, सेवा- मनु०४१४, समन्तात्-भट्टि० 8 / 105, समा-, साहसी होना, -- व्याघ्रः 1. शिकारी जानवर 2. बाघ 3. चीता, हिम्मत बांधना, ढाढस रखना (प्रेर०) सांत्वना देना, - हन् (पुं०) शिकारी। प्रोत्साहित करना, उत्साह बढ़ाना। श्व (चुरा० उभ० श्वभ्रयति-ते) 1. जाना, हिलना- | श्वस् (अव्य०) [आगामि अहः पृषो०] 1. आने वाला जुलना 2. बींचना, सूराख करना, छिद्र करना 3. दरि- कल, वरमद्य कपोतो न श्वो मयर:-सुभा० 2. भविष्य द्रता में रहना। काल (समास के आरंभ में)। सम-भूत (वि.) श्वभ्रम् [ श्व+अच् ] रन्ध्र, विवर,—विक्रम० 1318, (श्वोभूत) कल होने वाला-वसीय,-वसीयस (श्वोव. कि० 14133 / सीय, श्वोवसीयस्) (वि०) प्रसन्न, शुभ, भाग्यशाली; श्वयः [ शिव+अच् ] सूजन, शोथ, वृद्धि / (नपुं०) प्रसन्नता, सौभाग्य,--श्रेयस् (श्वः श्रेयस) श्वययः [श्वि+अथुच् ] सूजन, शोथ / (वि०) प्रसन्न, समृद्धि, (सम्) 1. प्रसन्नता, समृद्धि श्वयीची [ शिव+ईचि+डीप ] बीमारी, रोग / 2. ब्रह्मा या परमात्मा का विशेषण / श्वल (भ्वा० पर० श्वलति) दौड़ना, फुर्ती से जाना / श्वसनः [श्वसित्यनेन-श्वस्+ल्युट्] 1. हवा, वायु, श्वसनश्वल्क (चुरा० उभ० श्वल्कयति-ते) कहना, वर्णन | सुरभिगन्धिः -शि० 11 / 21 2. एक राक्षस का नाम करना। जिसे इन्द्र ने मार गिराया था-, नम् 1. श्वास, साँस श्वल्ल् (भ्वा० पर० श्वल्लति) दौड़ना - दे० 'श्वल्'। लेना, सांस निकालना-. श्वसनचलितपल्लवाधरोष्ठे श्वशुरः [श आशु अश्नुते आशु+अश्+उरच् पृषो०] --कि० 10 // 34, रत्न० 214, (यहाँ यह प्रथम अर्थ ससुर, पत्नी या पति का पिता--मनु० 3 / 119 / / भी प्रकट करता है) शि० 9 / 52 2. आह भरना श्वशुरकः [ श्वशुर+कन् ] ससुर।। -- कि० 2 / 45 / सम-अशन: साँप,-ईश्वरः श्वशर्यः [ श्वशुरस्यापत्यम् - श्वशुर+यत् ] 1. साला अर्जुन वृक्ष,-उत्सुक: साँप,-मिः (स्त्री०) हवा पत्नी या पति का भाई 2. पति का छोटा भाई, | का झोंका। देवर। श्वसित (भू० क० कृ०) [श्वस्+क्त ] 1. सांस लिया श्वभूः (स्त्री०) [ श्वशुर+ऊड, उकार-अकारलोपः / हुआ, आह भरी हुई 2. सांस लेने वाला,--तम् सास, पत्नी या पति की माँ --रघु० 14113 / 1. सांस लेना, सांस निकालना 2. ऊँचा सांस लेना। सम०-श्वशुर (पुं०) द्वि० व०) सास और ससुर / | श्वस्तन (वि.) (स्त्री०--नी) श्वस्त्य (वि.) [श्वस् श्वस (अदा० पर० श्वसिति, श्वस्त-श्वसित) 1. साँस +-टचुल, तुट श्वस्+त्यप वा] आगामी कल से लेना, सांस निकालना, सांस खींचना स कर्मकारभ- संबंध रखने वाला, भावी, आगे आने वाला।। स्त्रेव श्वसनपि न जीवति - हि० 2 / 11, रघु०८८७ | श्वाकर्णः [शन: कर्णः ष० त०, अन्येषामपीति दीर्घः] कुत्ते 2. आह भरना, हाँपना, ऊँचा साँस लेना,-- श्वसिति का कान। विहगवर्ग: ऋतु० 213 3. फूत्कार करना, खुर्राटे स्वागणिक: [श्वगणेन चरति-श्वगण+ठा 1 कुत्ते भरना, प्रेर०-(श्वासयति-ते) साँस दिलाना, जीवित रखने वाला, कुत्ते पाल कर अपनी जीविका चलाने रखना, आ---, 1. सांस लेना, महावीर० 5 / 51 | वाला। 2. सांस लेने लगना, साहसी बनना, हिम्मत करना / स्वादन्तः [ शुनो दन्तः 10 त०, अन्येषामपीति दीर्घः ] कुत्ते ... मेघ० 8 3. पुनर्जीवित करना - भट्टि० 9 / 56, का दाँत / (प्रेर०) सांत्वना देना आराम देना, प्रसन्न करना | श्वानः [ श्वव+अण् न टिलोपः ] कुत्ता। सम०- निद्रा उद--, 1. सांस देना, जीना वेणी० 5 / 15, मनु० कुत्ते की नींद, बहुत हलकी नींद,-वैखरी क्रुद्ध कुत्ते -3172 2. उत्साह बढाना, जी उठना, हिम्मत बाँधनां का गुर्राना। कि० 318, शि० 1858 3. खुलना, खिलना, ( श्वापद (वि.) (स्त्री०- दी) [शुन इव आपद् अस्मात् For Private and Personal Use Only