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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चूना। (1033 ) शौनिकः [शूना प्राणिवधस्थान प्रयोजनमस्य ठक्] 1. कसाई, +घा, ल्युट् वा ] रिसमा, बहना, नवित होना, -छपना परिददामि मृत्यवे, शौनिको गहशकुन्तिकामिव-उत्तर० 1145 2. बहेलिया, चिड़ीमार श्मशानम् [श्मानः शया: शेरतेऽत्र-शी+आनच, डिच्च, 3. शिकार, आखेट / अथवा श्मन् शब्देन शवः प्रोक्तः तस्य शानं शयनम् / शौभः [शोभाय हितम् -... शोभा+अण्] 1. देवता, दिव्यता शवस्थान, कब्रिस्तान, शवदाह स्थान, मरषट-राज2. सुपारी का पेड़। द्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धव:-सुभा०। शौभाजनः [शोभाजन+अण ] एक वृक्ष का नाम, दे० सम-अग्निः मरषट की आग,-यालयः कब्रिस्तान, शोभाजन'। --गोचर (वि०) मसान में घूमने वाला-मनु० 10 // शोभिकः [शौभं व्योमपुरं शिल्पमस्य-शौभ+ठक ] 39, -निवासिन्, -वतिन् (पुं०) भूत, -भाग, 1. मदारी, बाजीगर 2. शिकारी, बहेलिया - इति -वासिन् (पुं०) शिव के विशेषण,-बोमन् (पुं०) चिन्तयतो हृदये पिकस्य समधायि शोभिकेन शरः 1. शिव का विशेषण 2. भूत-प्रेत, ----वैराग्यम् ----भामि० 12114 / क्षणिक विरक्ति, श्मशान भूमि के दर्शन से उत्पन्न शौरसेनी [ शूरसेन+अण्+डीप् ] एक प्रकार की प्राकृत अस्थायी संसार त्याग की भावना, -शूल:-कम् बोली का नाम / श्मशान भूमि में स्थित लोहे या लकड़ी की सली शौरिः [ शूर+इञ् ] 1. कृष्ण या विष्णु 2. बलराम कु. 5 / 73, - सापनम् भूत-प्रेतों को वश में करने 3. शनिग्रह। के लिए मशान में तांत्रिक मन्त्रों की साधना शौर्यम् [शूरस्य भावः व्या] 1. पराक्रम, शूरता, वीरता, करना। -शौर्य वैरिणि वजमाशु निपतत्वर्थोऽस्तु नः केवलम् इमधु (नपुं०) [ श्म पुं० मुखं श्रूयते लक्ष्यतेऽनेन-श्रु+ .-भत० 2 / 39, नये च शौर्ये च वसन्ति संपद:-सुभा० दु] दाढ़ी-मूंछ ज्योतिष्कणाहतश्मश्रु कण्ठनालादपा2. सामर्थ्य, शक्ति, ताक़त 3. युद्ध और अतिप्राकृ- तयत् -रघु० 15/52 / सम०-प्रवृद्धिः दाढ़ी का तिक घटनाओं का रंगमंच पर अभिनय करना --तु० बढ़ना, - रघु० 13171, -मुखी दाढ़ीमूंछ वाली 'आरभटी'। स्त्री, वर्षक: नाई। शोल्कः, शौल्किकः [ शुल्के तदादानेऽधिकृतः अण, ठक् वा ] | इमभुल (वि.) [ श्मश्रु+लच् ] दाढ़ी मूंछ वाला, श्मश्रु___चुंगी का अधीक्षक, शुल्काधिकारी। धारी भल्लोपवर्जितस्तेषां शिरोभिः श्मश्रुलमहीं शौल्वि (ल्बि) कः [ शुल्व+ठक 1 तांवें के बर्तन बनाने | (तस्तार) रघु० 4 / 63 / वाला, कसेरा। श्मील (भ्वा० पर० मीलति) आँख झपकना, पलक शौच (वि०) (स्त्री०-वी) [ श्वन-+अण, टिलोप:]| मारना, आँखें मटकाना। कुत्तों से संबन्ध रखने वाला, कुक्कुरसंबंधी, -वम् श्मीलनम् [श्मील् + ल्युट् ] आँख मीचना, पलक झप1. कुत्तों का झुंड 2. कुत्तों का स्वभाव / कना। शीव (वि.) आगामी कल संबन्धी। श्यान (भू० क० कृ०) [श्य+क्त] 1. गया हुआ 2. जमा शौवन (वि.) (स्त्री०-नी) [ श्वन्+अण् 11. कुक्कुर हुआ, पिंडीभूत 3. घनीभूत, चिपकना, सांद्र संबन्धी 2. कुत्ते के गुणों से युक्त,-नम 1. कुत्ते का ____4. सिकुड़ा हुआ, सूखा-भर्तृ० 2 / 44, - मम् स्वभाव 2. कुत्ते की संतति / धूआँ। गौवस्तिक (वि.) (स्त्री० --को) [ श्वस् / ठक, तुट्याम (वि.) श्य+मक] 1. काला. गहरा नीला. काले च] आगामी कल संबन्धी या आगामी कल तक रंग का प्रत्याख्यातविशेषकं कुरबकं श्यामावदाताठहरने वाला, एकदिवसीय, अल्पजीवी।। रुणम्-मालदि. 35, विक्रम 27 कुवलयदलश्याशौष्कल: [शुष्कल--अण्] 1. मांस विक्रेता 2. मांस मस्निग्धः---उत्तर०४१९, मेघ 15, 23 2. भूरा ___ भक्षी, लम् शुष्क मांस का मूल्य / 3.गहरा-हरा,-मः 1.काला रंग 2. बादल 3. कोयल श्चुत् दे० नी० 'इच्युत्। 4. प्रयाग में यमुना के किनारे स्थित बरगद का पेड़ इच्युत (भ्वा० पर० श्च्योतति) 1. टपकना, रिसना, –अयं च कालिन्दीतटे घटः श्यामो नाम-उत्तर० बहना, चूना,-शि० 8 / 63, कि० 5 / 29 2. ढालना, 1, सोऽयं वटः श्याम इति प्रतीत:--रघु० 13153, उडेलना, फैलाना, बखेरना, मि--, बहना, रिसना, -मम् 1. समुद्री नमक 2. काली मिर्च / सम. टपकना निश्च्योतन्ते सुतनु कबरीबिन्दवो यावदेते ---अङ्गः (वि.) काला, (गः) बुध ग्रह,-कन्छः ----मा०८।२। 1. शिव (नीलकंठ) का विशेषण 2. मोर,-कर्षः श्थ्यो (श्चो) तः, च्यो (श्चो) तनम् / ३च्यु (श्च) त् / अश्वमेघ यज्ञ के उपयुक्त घोड़ा, पत्र: तमाल वृक्ष, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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