________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार // 64 // दिरावपामार्गोथपिप्पलः // औदुंबर शमीदूर्वाःकुशाश्वसमिधाक्रमादिति // // है | भास्कर. माद्रौभविष्योत्तरेसंग्रहेच // एकैकस्यावाहनादिपुष्पांजल्यंतपूजनं // समाप्यचत / तोन्यस्यइतिकांडोनुकीर्तितः॥ सर्वेषामेकतंत्रेणरव्यादीनांयथाविधि॥ पूजनंतुप्र: कर्तव्यपदार्थोनुप्रकीर्तितः // गणाधिपतयेदेयात्प्रथमांतुवराहुतिं // अन्यथाविफ लंविप्रभवतीहनसंशयः॥ आधारावाज्यभागौतुआज्येनैवयथाक्रमं // एकैकस्याहु / तिहुवाअन्यहोमंततःपरं // केवलंग्रहयज्ञंचसर्वशांत्यादिकेषुच॥ प्रथमोयुतहोमस्य है द्वितीयोलक्षहोमकः // तृतीयःकोटिहोमःस्यात्रिविधोग्रहयज्ञकः॥अष्टोत्तरसहस्र तुशतमष्टाधिकंतथा // अष्टाविंशतिसंख्याकैरेकैकस्यतुहोमयेत् // कोटिलक्षायुत मखेरव्यादीनांयथाक्रमं // प्रणवादिश्चतल्लिंगःस्वाहाकारांतएवच॥ जुहुयात्सर्वदेवा / / // 64 // नांवेद्यायेचोपकल्पिताः // // नृसिंहपुराणे // ततोव्याहृतिभिः पश्चाज्जुहुयाचति है। For Private and Personal Use Only