________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // 53 // संस्कार- देवानांचैवदातारःपातारःसर्वदेहिनां // 1 // जपयज्ञैस्तथाहोमर्दानैश्चविविधैःपुनः॥ भास्कर. देवानांचऋषीणांचतृप्त्यर्थयाजका कृताः॥२॥ येषांदेहेस्थितावेदाःपावयंतिजगत्त्रा यम् // रक्षतुसततंतेमांजपयज्ञैर्व्यवस्थिताः // 3 // ब्राह्मणाजंगमंतीथैत्रिषुलोकेषु / विश्रुतम् // तेषांवाक्योदकेनैवशुध्यतिमलिनोजनाः // 4 // पावनाःसर्ववर्णानांबा ह्मणा ब्रह्मरूपिणः // सर्वकर्मरतानित्यं वेदशास्त्रार्थकोविदाः॥५॥ श्रोत्रियाःसत्य / वाचश्चग्रहध्यानरताःसदा // यहाक्यामृतसंसिक्ता ऋद्धियांतिनरद्रुमाः // 6 // गीकर्वतकमैतत्कल्पद्रुमसमाशिषः॥ यथोक्तनियमैर्युक्तामंत्रार्थेस्थिरबुद्धयः॥७॥ यत्कृपालोचनात्सर्वाऋद्वयोरद्धिमाप्नुयुः // अस्मिन्होमेमयापूज्याःसंतुमेनियमा / न्विताः // 8 // अक्रोधनाःशौचपराःसततंब्रह्मचारिणः // ग्रहध्यानरतानित्यंप्रस॥५३ // नमनसःसदा // 9 // अदुष्टभाषणाःसंतुमासंतुपरनिंदकाः॥ ममापिनियमाद्येतेभा कसल00000बकट For Private and Personal Use Only