________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वंतुभवतामपि // 10 // इतिसंप्रार्थ्यतान्ब्रूयाद्यथावक्रियतांविधिः // ऋत्विजश्चय थापूर्वशकादीनांमखेभवन् // 11 // यूयंतथामभवतऋत्विजोहिजसत्तमाः // आप स्ययागस्यनिष्पत्तौभवंतोभ्यर्चितामया // 12 // सुप्रसन्नैःप्रकर्तव्यंशांतिविधि? पूर्वकं // इतिसंस्कारभास्करेब्रह्माचार्यऋत्विमरणम् // अथदिग्रक्षणं // ततआच, म्यप्राणानायम्यदेशकालौस्मृत्वा // अस्मिन्सग्रहमखरजोदर्शनशांत्याख्येकर्मणि यजमानेनतोहंआचार्यकर्मकरिष्ये // तदंगशरीरशुद्ध्यर्थपुरुषसूक्तजपंकरिष्ये इ तिपुरुषसूक्तंपोडशचेंजपेत् // // ततआचार्योवामहस्तेगौरसर्षपान्लाजमिश्रितान्। गृहीत्वादिग्रक्षणंकुर्यात् // तत्रमंत्राः॥रक्षोहणंम्बलगहनम्वैष्णुवीमिदमहन्तम्लग | Maj टोप 1 भूतशुद्धयायुक्तं रुद्रपद्धत्यादौ // पुरुषसूक्तन्यासाः क्वचिदुक्ताः॥ / For Private and Personal Use Only