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00000 * श्री सिद्धायनमः ॐ
प्रातः स्मरणीय न्यायाचार्य पूज्य पंडित गणेशप्रसादजी वर्णी द्वारा लिखित समाधिमरण पत्र पुंज
श्रुत पंचमी के उपलक्ष्य में भेट शास्त्र सभा में श्रवण करने, कराने योग्य ।
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सिं० कस्तूरचन्द नायक,
जबलपूर ।
वीर नि० सं० २१६मूल्य भेदविज्ञान
प्रथमावत्ति १५००
द्वारा समाधि प्राप्ति इन ज्ञानमय पत्रों को स्वतः पढ़कर व दूसरों को पढ़ने । को देकर उपयोग में लाइये व व्यर्थ यहां वहां
डाल कर पाप के भागी न बनिये। 10000000000000000000000
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