________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
टप्पर
www.kobatirth.org
(
१०३
रसना रद के छत । बेनी प्रवीन टप्पर-संज्ञा, पु० [हिं० छप्पर ] भार, बोझ । उदा० दीनौ मुहीम को भार बहादुर छावो गहै क्यों गयंद को टप्पर । भूषण टहल - संज्ञा, पु० [सं० तत् चलन] १. गृह कार्य, घर का काम २. सेवा ।
बाल ।
उदा० १. झमकि झमकि टहल करें लगी रहँचटे बिहारी महल टहल की चहल पहल है । जमुना लहरानि भरी लहलहै । - घनानंद
टॉक - संज्ञा स्त्री० [हिं० टाँका ] सूई | उदा० टाँक सी लॉक भई रसखानि सुदामिनि तें दुति दूनी हिया की । रसखानि टांड़ संज्ञा स्त्री० [देश० ] हाथ का भूषरण,
अनन्ता ।
उदा० (क) कहूँ हार कंकन हमेल टाँड़ टीक है
-- श्रालम
(ख) लूटती लोक लटें सफूलेल, हमेल हिये भुज टाँड़ न होती ।
-देव
टामक - संज्ञा, पु० [अ०] डुगडुगी नामक बाजा, डिमडमी ।
>
सीस टिपारो ।
नागरीदास
टीप - संज्ञा, स्त्री० [हिं० टीपना] गाने में जोर की तान २. टंकार, घोर शब्द |
उदा० १. जात कहूँ ते कहूँ को चल्यो सुर टीप न लागति तान धरे की । रघुनाथ टीपना- क्रि स० [सं० टिप्पनी ] लिखना, अंकित करना, टाँकना ।
उदा० लीपी अबरख तें के टीपी पुंज पारद तें कंधों दुति दीपी चारु चाँदी के बरख तें ।
ग्वाल
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
टैम
-
टीम- संज्ञा, स्त्री० [देश०] टीप, जोड़ बंद करने की क्रिया ।
उदा० वाको मन फाट्यो हुतौ हों दे लाई टीम, बोलत ही जिहि विष बयौ निपट पातरीजीभ । बिहारी टोटका ] टोना,
उदा० दुंदुभि पटह मृदंग ढोलकी उफला टामक । मंदरा तबल सुमेरू खंजरी तबला धामक । - सूदन टिप्पना- क्रि० अ० [?] चोट पहुँचाना, घाव
करना ।
- पद्माकर
उदा० छुटे सब्ब सिप्पे करें दिग्घ टिप्पै सबै सत्रु छिप्पे कहूँ हैं न दिप्पे । टप्पे - संज्ञा, पु० [हिं० टाप] धीरे-धीरे भिड़ना, उछाल, कूद, फलांग । उदा० टप्पे को टकोर टक्करन की तड़ातड़ित मार्च जब कूरम करिदों की लड़ालड़ी । - पद्माकर
टिकासरो- संज्ञा पु० [हिं० टेक + सं० श्राश्रय ] ठहरने का स्थान, शरण । उदा० मल, मल्ली, मालती, कदम्ब, कचनार चम्पा, चपेहून चाहे चित, चरन टिकासरो । - देव टिपरना -संज्ञा, स्त्री० [बुं~ ] पिटारी । उदार अपने अपने खोलि टिपरना पुतरी सब विस्तारी । —बकसीहंसराज टिपारो - संज्ञा, पु० [हिं० टिप्पा ] टीका, तिलक, टिप्पा |
उदा० मोतिन की मुथरी दुलरी गर सोहत, सुन्दर । शिखा, दिए की लौ ।
टुक्का संज्ञा, पु० [हिं० टोटका, जादू, नजर उदा० बाँके समसेर से सुमेर से उतंग सूम, स्यारन पैसेर टुनहाइन के टुक्का से ।
- पद्माकर
नवा -- संज्ञा, पु० [?] दाना, फल । उदा० कंचुकी लाल उरोजन श्रौं मुकुता - नथुनी मै बड़े टुनवा के । तोष टुकना- क्रि स० [हि टुकड़ा ] टुकड़े-टुकड़े करना, विदीर्ण करना । उदा० घन की चमूकें संग दामिनी हरू के टुकें, गरज चहूँ, दूके नाहर सी पारतीं ।
ग्वाल
टूट- संज्ञा, स्त्री० [सं० झुट ] घाटा, टूटा, नुक
For Private and Personal Use Only
सान ।
उदा० घटै कीमत बोधा जो माल फिर वंजिकैबेवपार में टूट ठई । - बोधा
टूटना- क्रि० स० [सं० भुट ] वेग के साथ प्रवा'हित होना, बह्ना । उदा० काटे हय, गय, नरकंधर कबंधनि तें रुधिर की धारें अध ऊरध टुटति है ।
- कुमारमरिण ऐंड, मरोड़,
टेटी - संज्ञा, स्त्री० [हिं० टेंट ] घमंड । उदा० जाके सुख पेटी जात चंन्द्र छबि मेटी जात छबिहू धुरेटी जात टेटी जात भानु की ! - 'हजारा' से टेम—– संज्ञा, स्त्री० [हिं० टिमटिमाना] दीप